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aaj_ki_peshkash
Dk Patil
Ashish Singh
Rameshkumar Mehra Mehra
जानती हुई भी अंजान बनती हो......... इस तरह पेरशान करती हो...... ! पूछती हो कया पंसद है तुमे.........!! जबाब तुम खुद हो...........!!! फिर भी सबाल करती हो....... ©Rameshkumar Mehra Mehra # जानती हुई भी अंजान बनती हो,इस तरह मुझे पेरशान करती हो,पूछती हो क्या पसंद है तुम्हे,जबाब तुम खुद हो,फिर भी सवाल करती हो....💕
Rameshkumar Mehra Mehra
बजह तो पता नही............ लेकिन अब हर टाइम....! मन उदास ...... दिल बूझा- बूझा..... और दिमाग पेरशान रहता है... आज के time ⏲️ में कौन कैसा है..... ©Rameshkumar Mehra Mehra # बजह तो पता नही , मन पेरशान है......
Newss online
bshbdbsveveveveve ©Newss online पेरिस हिल्टन है हद से ज्यादा खूबसूरत, फैंस भी करते है इनको प्यार https://www.amankind.xyz/2024/02/Paris%20Hilton%20is%20beautiful%20beyond%
Rameshkumar Mehra Mehra
देखा पलट कर उसने चाहत उसे भी थी... दुनियां से मेरी तरह शिकायत उसे भी थी............! बो रोई थी, मुझको पेरशान देख कर...!! जरुरत उसे भी थी, जरुरत मुझे भी... ©Rameshkumar Mehra Mehra # देखा पलट कर उसने चाहत उसे भी थी, दुनियां से मेरी तरह शिकायत उसे भी थी, बो रोई थी, मुझको पेरशान देखकर, जरुरत उसे भी थी, जरुरत मुझे भी...💕
Shilpa yadav
एक प्रतिष्ठित प्रतिज्ञा मां की होती है अपने जीवन काल में वह केवल अपनी संतानहित हेतु कई कठिनाईयों से होकर गुजरती है अनवरत विकास की ओर उसकी संतान उन्मुख हो सिर्फ यही चाहती हैं।। मां का लाड दुनिया का वह रत्न जो समस्त मनुष्य को मिलता है हां उन्हें जिनको मां का प्यार नहीं मिलता शायद कहना उचित नहीं परंतु सच में उनको भी अत्यंत कमी महसूस होती है, आज का युवा वर्ग मां के एहसास को समझना नहीं चाहता लेकिन जीवन की पराकाष्ठा तो मां के पेरों में है अगर समय मिले तो कभी मां के पैरों के संग हाथों को चूमना और उन्हें भी गले लगाना क्योंकि दुनिया की हर एक मां बस यही चाहती है मां मेरी भी है और ऐसा दुनिया में मैं कहीं भी रहूं पर मैं बस यही चाहती हूं कि मां का हाथ मेरे सिर पर यूं ही रहे आशिर्वाद के रूप में और मैं उनके आंचल में अपने सुख दुख को उनके संग ही रहूं।। ©Shilpa yadav #snowpark #motherlove#एक प्रतिष्ठित प्रतिज्ञा मां की होती है अपने जीवन काल में वह केवल अपनी संतानहित हेतु कई कठिनाईयों से होकर गुजरती है अनव
Rameshkumar Mehra Mehra
बफा के नाम से मेरी जानेमन अनबन थी... किसी की बेबफाई से शायद परेशान थी...! हमनें बफा देनी चाही, तो पता चला...!! हम भी खुद बेवफा के नाम से बदनाम थे.... ©Rameshkumar Mehra Mehra # बफा के नाम से मेरी जानेमन थी, किसी की बेबफाई से शायद पेरशान थी, हमने जब बफा देनी चाही, तो पता चला, हम खुद बेबफा के नाम से बदनाम थे....