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Bheem Bheemshankar
दर्द 💔हैं दिल में पर इसका ऐहसास नहीं होता… रोता 😭 हैं दिल जब वो पास नहीं होता… बरबाद हो गए हम उनकी मोहब्बत में… और वो कहते हैं कि इस तरह प्यार नहीं होता… ©Bheem Bheemshankar दर्द 💔हैं दिल में पर इसका ऐहसास नहीं होता… रोता 😭 हैं दिल जब वो पास नहीं होता… बरबाद हो गए हम उनकी मोहब्बत में… और वो कहते हैं कि इस तरह
दर्द 💔हैं दिल में पर इसका ऐहसास नहीं होता… रोता 😭 हैं दिल जब वो पास नहीं होता… बरबाद हो गए हम उनकी मोहब्बत में… और वो कहते हैं कि इस तरह
read moreRavendra Singh
White अब अहसास ही कुछ ऐसा होता है कि जिसका कोई अहसास नहीं होता। दिल उदासी में रोता भी है मेरा पर किसी को उसका अहसास नहीं होता। शिकायतें बहुत सी हैं खुद से और जमाने से भी मगर अपनों से कोई शिकायत है ऐसा कभी अहसास नहीं होता।। @रावेन्द्र सिंह ©Ravendra Singh #life #ahsas#shikayat #ravendrasingh#iamravendra अब अहसास ही कुछ ऐसा होता है कि जिसका कोई अहसास नहीं होता। दिल उदासी में रोता भी है मेरा पर
#Life #ahsas#Shikayat #ravendrasingh#iamravendra अब अहसास ही कुछ ऐसा होता है कि जिसका कोई अहसास नहीं होता। दिल उदासी में रोता भी है मेरा पर
read moredilkibaatwithamit
White दिन पे हँसता हूँ कभी रात पे हँसता हूँ मैं अब तो खुद खुद के ख़यालात पे हँसता हूँ मैं पहले पहले तो ज़माने पे हँसी आती थी और अब यार के हालात पे हँसता हूँ मैं पहले रोता हूँ मेरे यार तेरी फुर्क़त में बाद में वक्त ए मुलाक़ात पे हँसता हूँ मैं मेरी आदत तुझे मालूम नही है शायद हँसने वाले तेरी हर बात पे हँसता हूँ मैं कल मुझे तेरे जवाबों पे हँसी आती थी और अब खुद के सवालात पे हँसता हूँ मैं कर दिए जिसने यहाँ मशअले मसाईल कितने यार आरिज़ तेरी उस ज़ात पे हँसता हूँ मैं ... ©dilkibaatwithamit दिन पे हँसता हूँ कभी रात पे हँसता हूँ मैं अब तो खुद खुद के ख़यालात पे हँसता हूँ मैं पहले पहले तो ज़माने पे हँसी आती थी और अब यार के हा
दिन पे हँसता हूँ कभी रात पे हँसता हूँ मैं अब तो खुद खुद के ख़यालात पे हँसता हूँ मैं पहले पहले तो ज़माने पे हँसी आती थी और अब यार के हा
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White वो जिसको एक पल भी भुलाता नहीं हूँ मैं अक्सर उसी को याद भी आता नहीं हूँ मैं मिस काल कर रहा था कल शाम तक जिसे आज उसका फोन खुद ही उठाता नही हूँ मैं मैं जिसको चाहता था हकीक़त में पास हो अब ख़्वाब में भी उसको बुलाता नही हूँ मैं ऐसा नहीं वो लौट के आएगा एक दिन फिर भी ये दिल किसी से लगाता नही हूँ मैं अपनों को मुझसे एक ही तक़लीफ़ है जनाब क्यूँ उनके आगे रोता झिझाता नही हूँ मैं चाहत नहीं के इनका मरहम करे कोई यूँ ही किसी को जख़्म दिखाता नही हूँ मैं उस से कहो वो रोज़ मेरा शुक्रिया करे अपनी नज़र से जिसको गिराता नही हूँ मैं ... ©dilkibaatwithamit वो जिसको एक पल भी भुलाता नहीं हूँ मैं अक्सर उसी को याद भी आता नहीं हूँ मैं मिस काल कर रहा था कल शाम तक जिसे आज उसका फोन खुद ही उठाता नही
वो जिसको एक पल भी भुलाता नहीं हूँ मैं अक्सर उसी को याद भी आता नहीं हूँ मैं मिस काल कर रहा था कल शाम तक जिसे आज उसका फोन खुद ही उठाता नही
read moreकौशल ~
White कभी जो कोई पुरुष रोये तुम्हारे आगे तो भर लेना बांहो में और संभाल लेना उन्हें। क्योंकि... ये रोये है तो केवल माँ के आगे... दुसरा उस स्त्री के आगे जिस पर ये भरोसा था की वो समझेगी। बिना कुछ सवाल किये उन्हें थपकाते रहना... और आंचल से पूंछना उनके अश्रु ये जो बह रहा है वो लाचारी नही... ये तो दर्द है सफलता असफलता का, तानों का, अकेलेपन का, जोर से रोने का, कई बार...बिखरने का और अंततः वो रोना चाहते है दर्द को कहना चाहते है कि दर्द हुआ है सीने में। जो छुपाए रखा फिजूल में समाज के भय से कोई ये न कहे की मर्द को दर्द नही होता । शायद! ये परिभाषा उसे कभी ठीक नहीं लगी क्योंकि वो पत्थर नहीं है जो महसूस न हो उसे दर्द की बेहद!!! कौशल्या मौसलपुरी जोधपुर ©कौशल ~ #Sad_Status रोता हुआ पुरुष
#Sad_Status रोता हुआ पुरुष
read moreRakesh frnds4ever
White हुए नामवर ... बेनिशां कैसे कैसे ... ज़मीं खा गयी ... नौजवान कैसे कैसे ... आज जवानी पर इतरानेवाले कल पछतायेगा - ३ चढ़ता सूरज धीरे धीरे ढलता है ढल जायेगा - २ ढल जायेगा ढल जायेगा - २ तू यहाँ मुसाफ़िर है ये सराये फ़ानी है चार रोज की मेहमां तेरी ज़िन्दगानी है ज़र ज़मीं ज़र ज़ेवर कुछ ना साथ जायेगा खाली हाथ आया है खाली हाथ जायेगा जानकर भी अन्जाना बन रहा है दीवाने अपनी उम्र ए फ़ानी पर तन रहा है दीवाने किस कदर तू खोया है इस जहान के मेले मे तु खुदा को भूला है फंसके इस झमेले मे आज तक ये देखा है पानेवाले खोता है ज़िन्दगी को जो समझा ज़िन्दगी पे रोता है मिटनेवाली दुनिया का ऐतबार करता है क्या समझ के तू आखिर इसे प्यार करता है अपनी अपनी फ़िक्रों में जो भी है वो उलझा है - २ ज़िन्दगी हक़ीकत में क्या है कौन समझा है - २ आज समझले ... आज समझले कल ये मौका हाथ न तेरे आयेगा ओ गफ़लत की नींद में सोनेवाले धोखा खायेगा चढ़ता सूरज धीरे धीरे ढलता है ढल जायेगा - २ ढल जायेगा ढल जायेगा - २ ,,,,,,, 1 ,,,,,,,, ©Rakesh frnds4ever हुए नामवर ... बेनिशां कैसे कैसे ... ज़मीं खा गयी ... नौजवान कैसे कैसे ... आज जवानी पर इतरानेवाले कल पछतायेगा - ३ #चढ़ता सूरज धीरे धीरे ढलता
हुए नामवर ... बेनिशां कैसे कैसे ... ज़मीं खा गयी ... नौजवान कैसे कैसे ... आज जवानी पर इतरानेवाले कल पछतायेगा - ३ #चढ़ता सूरज धीरे धीरे ढलता
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