Find the Latest Status about hindi दोहा from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, hindi दोहा.
Ramji Tiwari
Unsplash विधा-दोहा छंद नेट प्रमाण प्रदान कर, करते हैं सम्मान। सहयोग राशि के रूप, लेते कवि से दान।। जो देकर पैसा मिला,वह कैसा सम्मान। जो धन देकर मान ले, नहीं है कवि महान।। गाना आता है नहीं, करते कविता पाठ। जो चोरी कविता पढ़ें, उनके हैं अब ठाठ।। रचना पढ़ते हैं नहीं, देते सुन्दर राय। गैरों की रचना कभी, तनिक नहीं मन भाय।। करे सृजन अवहेलना,कैसा रचनाकार। सच्चे लेखक के हृदय,बहे प्रेम रस धार।। स्वरचित रचना-राम जी तिवारी"राम" उन्नाव (उत्तर प्रदेश) ©Ramji Tiwari #दोहा #कवि #poem #Friend #साहित्य
Ramji Tiwari
Unsplash विधा-सोहाशेष आदरणीय श्री शेष मणि शर्मा जी द्वारा रचित नवीन विधा सोहाशेष जो कि दोहा+सोरठा के संयोग से बनती है। मेरे द्वारा रचित एक रचना आप सबके समक्ष सादर समीक्षा हेतु प्रस्तुत है - कनक वर्ण सरसों खिली, रही खूब इठलाय। बैठी तरुवर डाल पे, कोयल गाना गाय। गाय मनोहर गीत, तान छेड़ती अति मधुर। प्रीति प्रणय मन मीत, उमड़े अंतस में प्रचुर। लगे प्रभात तुषार, मन अनंग बढ़ती हनक। मधुप करे गुंजार , धरती दिखती मनु कनक।। कमल कीच में खिल गया,भँवरा गाए गान। कोयल ने भी छेड़ दी, अपनी मीठी तान। तान सुरीली छेड़, गीत सुनाती अति मधुर। पड़ी भानु की एड़, फूटे बीजों में अँकुर। बदले मौसम रूप,समीर बहती अति चपल। भोर सुबास अनूप, खिले सरोवर में कमल।। स्वरचित रचना-राम जी तिवारी"राम" उन्नाव (उत्तर प्रदेश) ©Ramji Tiwari #poem #Spring #beatyfullnature #सोहाशेष(दोहा+सोरठा)
#poem #Spring #beatyfullnature #सोहाशेष(दोहा+सोरठा)
read moreNeema Pawal
मातृभाषा को बढ़ावा दें भारत के नागरिकों को बोलने की स्वतंत्रता दें। ©Neema Pawal #Hindi
Onkar Borhade Official
मुस्कुराओ क्या गम है जिंदगी में टेंशन किसको कम है अच्छा या बुरा तो केवल भ्रम है जिंदगी का नाम ही.. कभी खुशी कभी गम है…।। Good Morning ☕ ©Onkar Borhade official #Hindi
Anudeep
Unsplash एक खामोशी जब. गहरी अता हो... जिस्म मिटे... रूह खुदा हो... ये शोरत,नाम ,मुकाम सभी... मिट्टी, मिट्टी... या फिर धुआ, धुआ हो.. होगा हजुम आख़िरी वक़्त ख़ूब... ज़मीन पे तेरे होने पर... आखरी नींद तेरे सोने पर. ©Anudeep #library poetry in hindi love poetry in hindi hindi poetry hindi poetry
#library poetry in hindi love poetry in hindi hindi poetry hindi poetry
read moreBharat Bhushan pathak
खेल कबड्डी सर्दी यारों,बुलवाती हर्दी-गुर्दी। हाय ठिठुर कर रातें बीती,कैसी ये गुण्डागर्दी।। दिन की लघुता करे बेचैन ,ठण्ड फोड़ती रह-रह बम। रोज सवेरे भागादौड़ी,बजकर घड़ी निकाले दम।। सोने की जब भी हो इच्छा,लेती तब ठण्ड परीक्षा। रोज सवेरे उठकर हरदम,देनी होती है शिक्षा।। सोच यही मैं लौटूँ हरदम,न अभी जी रात हुई है। सो सकूँगा अभी जी भर कर, बस ये शुरुआत हुई है। ना जाने फिर क्या हो जाता,दिन ही छोटा हो जाता। दिन की लघुता करे बेचैन,मन ये बस कहता जाता।। ©Bharat Bhushan pathak hindi poetry on life hindi poetry poetry in hindi poetry love poetry in hindi
hindi poetry on life hindi poetry poetry in hindi poetry love poetry in hindi
read moreMadhu Arora
White ठंड धीरे-धीरे बढ़ती जा रही है.... अगर कोई हाय बोले...... तो चाय सुनाई देता है......!!😛😛 मधु अरोरा ©Madhu Arora #Hindi #thought# Hindi #hi# chai
Hindi thought# Hindi hi# chai
read moreBharat Bhushan pathak
विषय-वीर/ आल्हा छंद विधा-१६-१५ मात्रा प्रति चरण,चार चरण। दो-दो चरण समतुकांत।चरणांत गुरु लघु रखना है। छंदों का तुम भी कर जाना,केवल थोड़ा ही अभ्यास। नहीं कभी तुम ऐसे-वैसे,करना नहीं शब्द विन्यास।। ये विधा है बहुत ही प्यारी,सीखो इसका अभी विधान। अँधेरे में तीर ना छोड़ो,सोच-समझ करना संधान।। काव्य लगे बिना छंद सूना,सीखो थोड़ा इसको आज। स्वरविहीन ही गाना ये है,संगीत बिना ये है साज।। ©Bharat Bhushan pathak hindi poetry on life hindi poetry poetry in hindi poetry
hindi poetry on life hindi poetry poetry in hindi poetry
read moreVivek Dixit swatantra
.आज का दोहा बची संस्कृति नाम की, हैं नूतन परिधान! जितने ओछे वस्त्र हैं , उतने ही इंसान !! -विवेक दीक्षित 'स्वतंत्र ' ©Vivek Dixit swatantra दोहा
दोहा
read more