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Internet Jockey
दरवाज़े इसलिए भी बंद किये गए हों क्योंकि शायद तुम्हारे लिए खिड़की बेहतर हो ©Internet Jockey दरवाज़े इसलिए भी बंद किये गए हों क्योंकि शायद तुम्हारे लिए खिड़की बेहतर हो
Srinivas
दरवाजे बंद हो जाएं तो रुकना नहीं, खिड़की से देखो, जीवन में चाहतों की चमक अभी बाकी है। ©Srinivas दरवाजे बंद हो जाएं तो रुकना नहीं, खिड़की से देखो, जीवन में चाहतों की चमक अभी बाकी है।
Kush Gupta
आज वो खिड़की पर न आई, कोई बात है क्या, खिड़की बंद है उसकी सुबह से, कोई बात है क्या! कुश ©Kush Gupta #Shajar खिड़की
Shivkumar
White { ∆ कड़क कविता किसी को पता नहीं है, लेकिन मैं इसे साझा कर रहा हूं क्योंकि मैं इस विचार को समझता हूं.. कम शब्दों में बहुत कुछ कहा जाता है ।। ∆ } मेँ भारत देश का रहने वाला हू हाथ में हर चीज़ आयताकार होनी चाहिए....!! ये बिजली कभी नहीं बचाएगी बील लेकिन माफ़ करें...!! मै कोई पेड़ नहीं लगाऊंगा बारिश लेकिन अच्छी...!! कभी शिकायत नहीं करूंगा लेकिन कार्रवाई की तत्काल आवश्यकता है....!! इन नेताओ का रिश्वत के बिना काम नहीं होगा लेकिन भ्रष्टाचार को ख़त्म होना ही चाहिए...!! मैं कचरा खिड़की से बाहर फेंक दूँगा लेकिन शहर में स्वच्छता की जरूरत है....!! मैं काम पर समय व्यतीत करूंगा लेकिन हर साल एक नये वेतन आयोग की जरूरत होती है....!! जाति के नाम पर रियायत मै लूंगा लेकिन यह मेरा देश धर्मनिरपेक्ष होना चाहिए...!! मैं वोट देते समय जाऊंगा लेकिन ये जातिवाद बंद होना चाहिए...!! मैं इस टैक्स भरते समय उन कमियां ढूंढूंगा लेकिन ये विकास को पुरी मजबूती से ,होना या करना चाहिए....!! ©Shivkumar #VoteForIndia #Vote #चुनाव #मतदान #Politics { ∆ कड़क कविता किसी को पता नहीं है, लेकिन मैं इसे साझा कर रहा हूं क्योंकि मैं इस #विचार को
Anees "Rahi"
एक दरीचे को मैं खड़ा तांक रहा था वहीं खिड़की से कोई झांक रहा था एक अरसे से बंद थे उस घर के दर कब से उस गली की छान ख़ाक रहा था यूं ही शाय़द वो छुप कर रहा है मुझसे मेरी हिम्मत मेरा सब्र वो आंक रहा था जुदाई तो मौत के मुहाने पर ले आई मुझे इश्क़ ही मेरी जिस़्त का रथ हांक रहा था ©Anees Rahi #Glazing #खिड़की #यादें #राहीma
Bhanu Priya
sunset nature तुम्हारी खिड़की पर आके रुकूंगी पवन बनकर तुम्हारे इत्र में मिल जाऊंगी सुगंध बनकर स्पर्श करके तुम्हें उन दीवारों में समा जाऊंगी खुशबू बनकर पट में लिपटकर तुम्हारे खुद को सिलवा कर उन धागों संग खुद को उलझा कर बसेरा अपना बना लूंगी तुम बस महसूस करना तुम्हारे आशियाने में रहकर मैं गीत अपने गाउंगी । ©Bhanu Priya #its_poetry तुम्हारी खिड़की पर आके रुकूंगी पवन बनकर तुम्हारे इत्र में मिल जाऊंगी सुगंध बनकर स्पर्श करके तुम्हें उन दीवारों में समा जाऊंगी खु
Ankit Singh
“ पशु आपकी आत्मा के लिए एक खिड़की और आपके आध्यात्मिक भाग्य का द्वार हैं। यदि आप उन्हें अपने जीवन में आने देते हैं और उन्हें आपको सिखाने की अनुमति देते हैं, तो यह आपके लिए बेहतर होगा। ” ©Ankit Singh  पशु आपकी आत्मा के लिए एक खिड़की और आपके आध्यात्मिक भाग्य का द्वार हैं। यदि आप उन्हें अपने जीवन में आने देते हैं और उन्हें आपको सिखाने की
Lotus Mali
किसी ने आकर दिल पर दस्तक दी या हमने गलती से दरवाजा ही खुला रखा था... जिस डर से आज तक खिड़की भी ना खोली थी कभी पर उस दिल में हमारे कोई अब घर करके बस गया....! https://lotusshayari.blogspot.com/ ©Lotus Mali किसी ने आकर दिल पर दस्तक दी या हमने गलती से दरवाजा ही खुला रखा था... जिस डर से आज तक खिड़की भी ना खोली थी कभी पर उस दिल में हमारे कोई अब
MAHENDRA SINGH PRAKHAR
दोहा जब भी तुम आहार लो , ले लो राधा नाम । रोम-रोम फिर धन्य हो , पाकर राधेश्याम ।। कभी रसोई में नहीं ,करना गलत विचार । भोजन दूषित बन पके , उपजे हृदय विकार ।। प्रभु का चिंतन जो करे , सुखी रखे परिवार । आपस में सदभाव हो , सदा बढ़े मनुहार ।। प्रभु चिंतन में व्याधि जो , बनते सदा कपूत । त्याग उसे आगे बढ़े , वह है रावण दूत ।। प्रभु की महिमा देखिए , हर जीव विद्यमान् । मानव की मति है मरी , चखता उसे जुबान ।। पारण करना छोडिए , विषमय मान पदार्थ । उससे बस उत्पन्न हो , मन में अनुचित अर्थ ।। २९/०२/२०२४ - महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR दोहा जब भी तुम आहार लो , ले लो राधा नाम । रोम-रोम फिर धन्य हो , पाकर राधेश्याम ।। कभी रसोई में नहीं ,करना गलत विचार । भोजन दूषित बन पके ,