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REETA LAKRA
A fiction writer : Krishna Sobti माता पिता की गोद अवतरित हुई एक कन्या, नामकरण हुआ कृष्णा। लाहौर, शिमला और फिर दिल्ली, ग्रहण की उन्होंने शिक्षा। पाक विभाजन की शिकार और बनी गवाह, फतेहचंद कॉलेज की वह छात्रा, विभाजनोपरांत दिल्ली बसा परिवार, पढ़ाई छूटी, की नौकरी और साहित्य सेवा का श्रीगणेश । रचनात्मकता इनकी विलक्षण, परिचय की नहीं मोहताज़। घना इनका भाषा संस्कार, लंबी कहानियों में औपन्यासिक प्रभाव। उनकी स्त्री पात्र नई नई पहेली, हर रूप धारती , समर्पिता, गर्विता, आज्ञाकारी, प्रेम निमग्न, गृहस्थी में खटती, रखैल, सेविका या फिर स्वामिनी, सभी अपनी शर्तों पर जीती। कृष्णा की रचनाओं पर पाठक हो जाते हैं फ़िदा, देख पढ़कर लड़कियों के चरित्र एक दूजे से इतने जुदा। दर्शनीय बनावट, संदेश निहित, चरित्रों में बसा प्रेम ख़ुदा , 'ज़िंदगीनामा' है गुंजाइशों को ढूंढते इंसानों की बिखरी गाथा। अभिव्यक्ति उनकी बेलाग-लपेट , कृतियाँ करतीं महिला समस्याओं- अत्याचारों को उजागर, होती सौष्ठवपूर्ण रचना, होती जिनमें जीवन प्रांजलता। ऐसे ही नहीं वो बनीं हकदार, पाया साहित्य अकादमी पुरस्कार, श्री नामवर सिंह की अध्यक्षता में सम्मानित सर्वोच्च साहित्यिक ५३वां ज्ञानपीठ पुरस्कार।। ५४/३६५@२०२१ कृष्णा सोबती मुख्यतः हिन्दी की आख्यायिका लेखिका थे। उन्हें १९८० में साहित्य अकादमी पुरस्कार तथा १९९६ में साहित्य अकादमी अध्येतावृत्ति से सम्
Aman Batham
'मिनी कहानी' वह दरवाजे पर खड़ी थी मैं खिड़की के पास खड़ा था, जब उसकी नजरें मुझपर पड़ी थी मैं खुशी से जमीन पर गिर पड़ा था॥ - Aman Batham कहानी का आधार मुख्यतः दो बिंदुओं से मिलकर बनता है। एक घटनाक्रम, दूसरा चरित्र उद्घाटन। पंक्ति दर पंक्ति एक घटना और उस घटना से जुड़े चरित्रों क
Nojoto Hindi (नोजोटो हिंदी)
क्या कह रहें हैं 'बाबू जी' अपने जन्मदिन पर ? #HappyBirthday #AlokNath आलोक नाथ का जन्म 10 जुलाई 1956 को पटना बिहार में हुआ था। आलोक नाथ एक भ
Poonam Suyal
कोई नहीं यहाँ... जिसे हम कह सकें अपना ये जीवन अब, यूँ ही होगा बसर.... किसी अपने का प्यार, रहेगा अब इक सपना नमस्ते लेखको । कोलाब करे Pen n Popcorn के साथ और जोड़े अपने सुनहरे शब्द । यह पंक्ति गुलज़ार जी की रचना से ली गई है । आज उनका जन्मदिन है। ग़ुल
hansmeet kour
कि तन्हाई को साथ हमारा मिल गया अब तन्हा तन्हाई भी ना रही हमको भी खैरात किनारा मिल गया...! नमस्ते लेखको । कोलाब करे Pen n Popcorn के साथ और जोड़े अपने सुनहरे शब्द । यह पंक्ति गुलज़ार जी की रचना से ली गई है । आज उनका जन्मदिन है। ग़ुल
Anuj Jain
बचा नही कोई सपना अब तो तन्हाई की आदत है अब तो कोई साथ भी गवारा नही अब तो मौत भी आये तन्हा अब तो नमस्ते लेखको । कोलाब करे Pen n Popcorn के साथ और जोड़े अपने सुनहरे शब्द । यह पंक्ति गुलज़ार जी की रचना से ली गई है । आज उनका जन्मदिन है। ग़ुल
Ani Frd
Aag ka rang to dekho aaj bhi kitna gehra hai.. Subah ki pehli kiran ko dekho. Vo aaj bhi sunehra hai.. Raaj hoti hai to hone do na.. Meri zindgi me to din bhi andhera hai.. Aag ka rang to dekho aaj bhi kitna gehra hai. Udte huye uss badal ki parchhai ko to dekho. Bechaara zameen pe bhi bikhra hai. Bikhra to mai bhi hu.. Par na jane q aaj bhi ye aankhein teri ek jhalak pane ko thehra hai.. Aag ka rang to dekho aaj bhi kitna gehra hai. लोहड़ी मुबारक हो। यूँ तो मुख्यतः यह त्योहार पंजाब और हरियाणा में मनाया जाता है मगर अब पूरे भारत में इसकी धूम है। सर्दी की ठिठुरती रात में आग
Ani Frd
Aag ka rang to dekho aaj bhi kitna gehra hai.. Subah ki pehli kiran ko dekho. Vo aaj bhi sunehra hai.. Raaj hoti hai to hone do na.. Meri zindgi me to din bhi andhera hai.. Aag ka rang to dekho aaj bhi kitna gehra hai. Udte huye uss badal ki parchhai ko to dekho. Bechaara zameen pe bhi bikhra hai. Bikhra to mai bhi hu.. Par na jane q aaj bhi ye aankhein teri ek jhalak pane ko thehra hai.. Aag ka rang to dekho aaj bhi kitna gehra hai. लोहड़ी मुबारक हो। यूँ तो मुख्यतः यह त्योहार पंजाब और हरियाणा में मनाया जाता है मगर अब पूरे भारत में इसकी धूम है। सर्दी की ठिठुरती रात में आग
Narendra Yogi
बात जज्बे जवानी की बात जगती उम्मीदों की बात आ़खो में पानी की आग का रंग कहता है राह में भविष्य की हर जीवन में उजाले हो सेवा को गरीबों की घरों घर सुलगते चूल्हे हो आग का रंग कहता है धारने को प्रेम जन जन मे़ दिलों में दिप प्रज्वलित हो करने सम्मान पूरखों के हाथ आरती की थालें हो आग का ऱग कहता है आग से तप जल निखरो पवित्रता तूम से जग पाऐ अशुभ को खाक कर निकलो...। लोहड़ी मुबारक हो। यूँ तो मुख्यतः यह त्योहार पंजाब और हरियाणा में मनाया जाता है मगर अब पूरे भारत में इसकी धूम है। सर्दी की ठिठुरती रात में आग
CM Chaitanyaa
कितना तेज है इसमें त्यौहार की भाँति, लपटती ज्वाला है शीतल बहार की भाँति, यही तो प्रतीक है हमारे इस पर्वोल्लास का, कथा कहानी नहीं केवल एक सार की भाँति... 14/365 लोहड़ी मुबारक हो। यूँ तो मुख्यतः यह त्योहार पंजाब और हरियाणा में मनाया जाता है मगर अब पूरे भारत में इसकी धूम है। सर्दी की ठिठुरती रात