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Azaad Pooran Singh Rajawat
जिंदगी की राहों में ,मोड़ बहुत होते हैं कहीं धूप तो कहीं छाव होती है कहीं हरियाली तो कहीं वीराना होता है कहीं समतल तो कहीं चढ़ाईं होती है मगर आगे बढ़ना जिसने ठान लिया समस्याओं से किनारा काटना नहीं जूझना जिसने सीख लिया हो जिंदगी जन्नत होती है उसकी कांटो भरी राहों में भी जिसका स्वागत "आजाद" बसंती फूल करते हैं वो ही समस्याओं के शिखर पर विजयी पताका फहराते हैं। "जय मां सरस्वती " ©Azaad Pooran Singh Rajawat #RoadTrip #जूझना सीख लिया हो
हार्दिक कुमार झा
ज़िन्दगी की पिच बुरी है फिर भी मैच जारी है टारगेट भी है बड़ी ओर, फॉलोऑन की पारी है..! ©हार्दिक कुमार झा #Zindagi #khel #जूझना ये ज़िन्दगी है..जूझते रहिए!!
Azaad Pooran Singh Rajawat
"आपकी एक नजर आजाद कर्मभूमि पर" "आगे कांटे हैं,पीछे फूल है आज कदमों में मखमल सी चादर है कभी कदमों में होती धूल है छांव भी है यहां ,धूप भी है यहां ।" "सत्य है जिंदगी का यही फ़लसफ़ा है जिंदगी में खुशी के फूल पाने के लिए पहले कांटों से जूझना ही पड़ेगा।" ©Azaad Pooran Singh Rajawat #खुशी पाने के लिए कांटों से जूझना ही पड़ेगा#
Jyoti Prakash Kerwar
बिखरते रहे तेरी मुहब्बत में , हर दफ़ा... ये तो आलम रहा ! बेकदर बेवफ़ाई करता रहा , हर दफ़ा... तू अपने अल्फाज़ो से !! ♥️कदर'दान चाहिए कोई मेरी मोहब्बत को बेवफ़ाई'यों से जूझना मैंने अब छोड़ दिया है♥️ **JyotiPrakash.. ✍️ **
||स्वयं लेखन||
ख़ुद को है अगर बेहतर बनाना, पहले होगा संघर्षों से तूझे जूझना। ख़ुद को है अगर बेहतर बनाना, पहले होगा संघर्षों से तूझे जूझना। #संघर्ष #जीवन #ज़िन्दगी #ख़ुद#को #life #thought #poetry #कविता #शायरी #विचा
Dinesh Kumar Pathak
जिंदगी कहाँ गुलाब सी होती है, कांटों से तो सामना करना है। जूझना है संघर्षों से, परिस्थितियों से लडना है। देना है सपनों को इक नया आयम, हकीकत की जमीन पर चलना है। तोड भय की जंजीरों को, खुले आकाश में उड़ान भरना है © Dinesh Kumar Pathak जिंदगी कहाँ गुलाब सी होती है, कांटों से तो सामना करना है। जूझना है संघर्षों से, परिस्थितियों से लडना है। देना है सपनों को इक नया आयम, ह
Anjali Singhal
Kulbhushan Arora
एक समस्या है जिससे अक्सर सभी को जूझना पड़ता है.... अक्सर लोग, आपके सही शब्दों का भी, गलत मतलब निकालते हैं। ऐसे लोगों को, समझाने की कोशिश व्यर्थ है, वो समझना ही नहीं चाहते हैं ना... अपने लिए जो अच्छा मानते हैं, वो बस वोही समझते हैं। व्यर्थ है ऐसे, लोगों से उलझना, उनको समझाना, जितनी जल्दी हो सके स्वयं को ऐसे विषैले लोगों से दूर ले कर चले जाना।। एक समस्या है जिससे अक्सर सभी को जूझना पड़ता है.... अक्सर लोग, आपके सही शब्दों का भी, गलत मतलब निकालते हैं। ऐसे लोगों को, समझाने की कोशिश व्य
परवाज़ हाज़िर ........
अंतरराष्ट्रीय पुरुष दिवस हर साल 19 नवंबर को मनाया जाता है. पुरुष दिवस का फोकस पुरुषों और बच्चों के स्वास्थ्य, लैंगिक समानता और आदर्श पुरुषों के बारे में दुनिया को बताना होता है. पुरुष दिवस 1960 के दशक से ही मनाया जा रहा है. ©G0V!ND DHAkAD #internationalmensday पुरुषों की भी अपनी ऐसी समस्याएं हैं, जिनसे उन्हें जूझना पड़ता है. यकीन न हो तो कुछ आंकड़े आपका ध्यान इस ओर खींचने