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The Kane
White जो वकत के साथ बदल जाए, वो राय होती है, जब जिंदगी में कुछ नहीं होता, तब बस चाय होती है । International Tea Day ©The Kane poem
poem #कविता
read moreThe Kane
White मोबाइल पर पढ़ते बच्चे ऐसे आगे बढ़ते बच्चे बिना परीक्षा अगली कक्षा घर बैठे ही चढ़ते बच्चे बिना संग मित्रों में खेले नई जिंदगी गढ़ते बच्चे खोया बचपन, दोष समूचा कोरोना पर मढ़ते बच्चे ©The Kane #poem
Bharat Bhushan pathak
White ओढ़े हिम की श्वेत दुशाला। मोहे गिरि जो नाम हिमाला।। मानें जिसको ताज हिन्द का। रक्षा करता लोक वृंद का ।। ©Bharat Bhushan pathak #Emotional#himalaya#nature ओढ़े हिम की श्वेत दुशाला। मोहे गिरि वो नाम हिमाला।। मानें जिसको ताज हिन्द का। रक्षा करता लोक वृंद का ।।
#Emotional#himalaya#Nature ओढ़े हिम की श्वेत दुशाला। मोहे गिरि वो नाम हिमाला।। मानें जिसको ताज हिन्द का। रक्षा करता लोक वृंद का ।। #Poetry
read moreishant Thakur
White ह्बायों के रुख से लगता है कि रुखसत हो जाएगी बरसात बेदर्द समां बदलेगा और आँखों से थम जाएगी बरसात . अब जब थम गयी हैं बरसात तो किसान तरसा पानी को बो वैठा हैं इसी आस मे कि अब कब आएगी बरसात . दिल की बगिया को इस मोसम से कोई नहीं रही आस आजाओ तुम इस बे रूखे मोसम में बन के बरसात . चांदनी चादर बन ढक लेती हैं जब गलतफेहमियां हर रात तब सुबह नई किरणों से फिर होती हें खुसिओं की बरसात . सुबह की पहली किरण जब छू लेती हें तेरी बंद पलकें चारों तरफ कलिओं से तेरी खुशबू की हो जाती बरसात . नहा धो कर चमक जाती हर चोटी धोलाधार की जब पश्चिम से बादल गरजते चमकते बनते बरसात ©ishant Thakur prakrti poem #Lake #poem #tranding
Capital_Jadon
क्या करोगे यूँ रातों को गुफ़्तगू तो कर रहे हो हमसे, जो दिल लगा बैठे तो क्या करोगे मानता हु कि अभी हम कुछ नहीं तुम्हारे, मगर जो हमे कुछ मान बैठे तो क्या करोगे यूँ रातों को गुफ़्तगू तो कर रहे हो हमसे, जो दिल लगा बैठे तो क्या करोगे ये प्यार की बातें किताबों में रहने दो, हकीकत में दिल लगा बैठे, तो उजड जाओगे कहते है फिर दुबारा नहीं बसा करते,उजड़े हुए दिल जो हमारे होगये ,तो क्या करोगे यूँ रातों को गुफ़्तगू तो कर रहे हो हमसे, जो दिल लगा बैठे तो क्या करोगे क्या कर पाओगी यकीन फिर से इश्क़ पे, या ज़माने के डर से बिछड़े तो न जाओगे बन्झर से दिलों के इस बीरान सफर में ताउम्र साथ चल पाओगे क्या कह पाओगे ज़माने को की फिर से इश्क हुआ है, या डर के ज़माने से फिर भागा जाओगे ©Capital_Jadon #poem
Aashish Vyas
लोग कहते है मैं बाइक चला कर पेट्रोल जला कर आता हूं समय और पैसे को बस आग दिखा आता हूं भूली राहों पर पहियों के निशान बना आता हूं सर्द गर्म में परेशानियां भी मोल ले आता हूं कोन समझाए उनको कि पिंजरे से निकाल पंछी को जग जहां दिखा आता हूं कुछ अनजानों के बीच नया संसार बना आता हूं चंद लम्हों की जिंदगी में जो यादें बस अपनी है इन यादों को संजोने को एक कथा को गढ़ आता हूं ©Aashish Vyas it's all about my love of riding in terrain of Himalaya , Rajasthan, Uttarakhand, Assam, arunachal pradesh, Punjab, madhya pradesh#bike #adv
Aarti Sirsat
वक्त शायद जख़्मो को भर भी दे, मगर जाओं... जिंदगी से पूछकर आओं... क्या वोह मेरी उम्र की भरपाई कर पायेगी....! ©Aarti Sirsat #poem