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vivekanand
White life is a golden opportunity.some persons didn't understand the situation.so they're losing the house of happy. ©vivekanand poem
poem
read moreMayank Kumar
White एक छोटे से गांव में एक लड़की रहती थी, जिसका नाम रिया था। रिया का सपना था कि वह बड़ी होकर एक प्रसिद्ध लेखिका बने। गांव में पढ़ाई के साधन बहुत कम थे, लेकिन रिया ने हार नहीं मानी। वह हर रात चाँद की रोशनी में बैठकर लिखती और किताबों के पन्नों में अपने सपनों को तलाशती ©Mayank Kumar #poem
@howToThink
White "आइए महसूस करिए जिंदगी की ताप को मैं चमारों की गली में ले चलूंगा आपको....... ---------- गांव जिसमें आज पांचाली उघाड़ी जा रही, या अहिंसा की जगह नाथ उतारी जा रही, है तरसते कितने ही मंगल लंगोटी के लिए, बेचती है जिस्म कितनी कृष्णा रोटी के लिए" ---- अदम गोंडवी ©Chiranjeev K C #poem
Gx Deep
a-person-standing-on-a-beach-at-sunset good morning 🌅 ©Gx Deep #SunSet google plus ii
#SunSet google plus ii
read moreJeetal Shah
Unsplash गुजरा हुआ जमाना कभी नहीं आएगा, वो बाग बगीचे में खेलना, वो कागज की नाव बनाना, वो दादी की कहानी सुनकर एक नई सीख लेना, वो दुरदर्शन पर चुहे बिल्ली का कार्टून देखना, वो मिकी और मीनी की जोड़ी का आनंद उठाना, गुजरा हुआ जमाना था बहुत ही निराला, पर आज का भी जमाना कम नहीं नई टेक्नोलॉजी से जुड़ गए सभी। ©Jeetal Shah #poem
Neeraj Neel
Unsplash खुशियां तकिया के सिरहाने होंगी , आशीर्वाद के ईटों से सजी दीवारें होंगी खिड़कियों में धूप सजती होगी, घर में बुजुर्गों की दुआ बस्ती होगी। अब दूर कहीं नहीं चलना होगा , एक सिर पर छत अपना होगा। हम खुशियां सारी बटोर लाएगे, हम घर में अपने सपने सजाएंगे। हम घर में रोज दीप जलाएंगे , घर आंगन में चांद तारे उतार लाएगे। अब चेहरे में एक आराम होगा , मेरे घर के दरवाजे में अब अपना नाम होगा। हा अपना नाम होगा। ✍️ नीरज नील ©Neeraj Neel poem
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read morepriya prajapati
मन जिंदगी गुजार दी ना हमने तुमने लोगों ने हमारे मां बाप ने बस इस आस में की दूसरों के दिलों पर अपना एक प्यारा सा घर बन जाए फिर सदियों बीत जाने के बाद भी ना घर बन पाया ना दिल मिल पाया। सब बस आगे बढ़ते चले गए और आज भी बस मन में आस लेके ज़िंदगी में आगे बढ़ रहे है कई जिम्मेदारियों के साथ, कितना अच्छा होता ना अगर हम खुद के लिए जी पाते किसी और की जिंदगी में अपनी खुशी ढूंढने की बजाय हम खुद की जिंदगी को खुशनुमा बना पाते... दुख,आंसू,सांसों का उखड़ जाना अवसाद ये बस शब्द ही रह जाते जिनका कोई वास्तविक अर्थ होता ही नहीं। नादान है हम, हमें पता है कि मनचाहा कभी नहीं मिलता फिर चाहे वो लोग हो या चीज फिर भी ये हमारा मन बच्चों की तरह उसे पाने की चाह रखता है हम इसे रोक देना चाहते है लेकिन कुछ कर नहीं पाते मन में कसक देने वाली स्थिति जहां सब हाथों से फिसलता नजर आता है। हां सुना है संयम को पाकर हम चीजों को छोड़ सकते हैं लेकिन संयम को पाने की कला हमें नहीं आती कैसी अनचाही स्थिति है न जहां मनचाहा कुछ मिल हि नहीं पाता। सोचो तो लगता है कैसे जीव है हम जिसके पास सोचने की क्षमता होने के बाद भी अपनी परिस्थितियों को ठीक से नहीं आंक पाए या जान ही नहीं पाए। वैसे लोग कहते है कि कोशिश करने पर अपने मन को ढूंढा जा सकता है और जो मन संयम में हो जाए तो फिर मनचाहा न मिलने कि पीड़ा भी खुद पर परिहास लगने लगती है कि जिसके पीछे हम पागल थे क्या वो उस लायक था... हां बस शर्त ये है कि हमारा मन पास होना चाहिए...हमारा मन...जिसे हम जैसे कमजोर दिल वाले लोग शायद ही समझ पाएंगे...।। ©priya prajapati #Life #story #Nojoto #Quote #Google #Trending