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Adesh K Arjun
"मनुष्य ने चूहों से धन छुपाने की कला तो सीखी, परन्तु हाथी जैसे विशाल काय गणेश का भार उठा पाने की कला नहीं सीख सका. ©Adesh K Arjun कला
KUNWA SAY
White दिल का दर्द छुपाने की कला बस एक है, रूख जाते हैं आँसु, उस वक़्त बिताने की कला बस एक है। ©KUNWA SAY #nightthoughts दिल का दर्द छुपाने की कला बस एक है, रूख जाते हैं आँसु, वक़्त बिताने की कला बस एक है।
Manish Raaj
कला ------ बहते आंसुओं को दरकिनार कर सब्र के साथ आगे बढ़ जाने की कला हर किसी को नहीं आती वाक़िफ-ए-तकलीफ़ से गुज़र क़ाबिल-ए-तारीफ़ से आगे निकल जाने की कला हर किसी को नहीं आती बंजर ज़मीं से हो कर लहलहाते खेतों बीच घरौंदा बनाने से ऊपर उठ जाने की कला हर किसी को नहीं आती मकां और मुक़ाम के सफ़र से हो कर किसी के दिल में पनाह पाने और रूह का सुकूं हो जाने की कला हर किसी को नहीं आती बेइमानों की बस्ती से हो कर ईमानदारों की महफ़िल से आगे बढ़ जाने की कला हर किसी को नहीं आती गरीबी से गुज़र अमीरों से आगे निकल जाने की कला हर किसी को नहीं आती जज़्बात की गिरफ्त से निकल जज़्बे को मिसाल बनाने की कला हर किसी को नहीं आती कल के सपनों को पिछे छोड़ अपने आज के आधार को आकार और धार देने की कला हर किसी को नहीं आती कविः मनीष राज ©Manish Raaj #कला
Sethi Ji
💗💗💗💗💗💗💗💗💗💗💗💗 💗 ज़िन्दगी के रंग , ज़िन्दगी के संग 💗 💗💗💗💗💗💗💗💗💗💗💗💗 आज की दुनिया में लोग गिरगिट की तरह अपने रंग बदलते हैं सुना हैं मोहब्बत की तन्हाई में पत्थर से पत्थर दिल भी पिघलते हैं जो हासिल करना चाहते हैं ज़िन्दगी में अपना मक़ाम वोह हर सुबह अपने घर से मंज़िल की ओर निकलते हैं और जो रह जाते अकेले वोह अपनी शायरी में अपने दिल के जज़्बात उगलते हैं 💞💞💞💞💞💞💞💞💞💞💞💞💞💞💞💞💞💞 🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸 ©Sethi Ji 🩷🩷 शायर की कला 🩷🩷 🩷🩷 शायरी की अदा 🩷🩷 लोगों को हॅसना भी एक कला हैं रहता हूँ अपनी मस्ती में यह दिल मेरा अलबेला हैं ।। चाहता हूँ एक सच्चा औ
malay_28
Holi is a popular and significant Hindu festival celebrated as the Festival of Colours, Love, and Spring. लुट गयी मेरे हिचक की जमापूँजी बस एक चुटकी रंग लगा गया कोई ! एक तरंग सी उठी तन मन में मेरे जब फ़ाग का राग सुना गया कोई ! लाल हरा पीला चेहरा रंगता गया मेरे अंदर ही होली जगा गया कोई ! हाथ सने कपड़े सने सना था चेहरा रंगों के सागर में डुबा गया कोई ! रंगों में दिल की ख़लिश धुल गयी जीने की कला सिखा गया कोई ! ©malay_28 #जीने की कला
Monika Gera jindagi. A poetess, writer, lyricist, singer,motivational speaker,Handwriting expert for three languages as to training + language teacher ( three languages).
MAHENDRA SINGH PRAKHAR
मेरा इस संसार में , हो न किसी से मेल । अपने आज विचार ही , करते मुझको फेल ।। झूठ नही बर्दाश्त है , सुन लो तुम सब आज । मेरे जीवन का यही , सबसे गहरा राज ।। माना संगत ने किया , अक्सर मुझपे घात । अब भी लगता है मुझे , वह सब है साक्षात् ।। सब ही गुरुवर है यहाँ , करता सबका ध्यान । भूल क्षमा करना सदा , मैं बालक नादान ।। अच्छे दिन में है सुना , पीछा करे अतीत । कहकर अज्ञानी मुझे , बन जाना फिर मीत ।। बच्चों जैसा स्वच्छ है , तन-मन अपना आज । अब मुझको भी स्थान दो , अपने आज समाज ।। जीवन जीने की कला , सीख गया रघुनाथ । अब है विनती आपसे , रहना मेरे साथ ।। २२/०२/२०२४ - महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR मेरा इस संसार में , हो न किसी से मेल । अपने आज विचार ही , करते मुझको फेल ।। झूठ नही बर्दाश्त है , सुन लो तुम सब आज । मेरे जीवन का यही ,