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Vikas Sharma Shivaaya'
सूर्य मंत्र -ॐ घृणिं सूर्य्य: आदित्य: भैरव मंत्र -” ॐ कर कलित कपाल कुण्डली दण्ड पाणी तरुण तिमिर व्याल यज्ञोपवीती कर्त्तु समया सपर्या विघ्न्नविच्छेद हेतवे जयती बटुक नाथ सिद्धि साधकानाम ॐ श्री बम् बटुक भैरवाय नमः “ 🙏 बोलो मेरे सतगुरु श्री बाबा लाल दयाल जी महाराज की जय 🌹 ©Vikas Sharma Shivaaya' सूर्य मंत्र -ॐ घृणिं सूर्य्य: आदित्य: भैरव मंत्र -” ॐ कर कलित कपाल कुण्डली दण्ड पाणी तरुण तिमिर व्याल यज्ञोपवीती कर्त्तु समया सपर्या विघ
सूर्य मंत्र -ॐ घृणिं सूर्य्य: आदित्य: भैरव मंत्र -” ॐ कर कलित कपाल कुण्डली दण्ड पाणी तरुण तिमिर व्याल यज्ञोपवीती कर्त्तु समया सपर्या विघ #समाज
read moreVibhor VashishthaVs
Meri Diary #Vs❤❤ नमामि देवं सकलार्थदं तं सुवर्णवर्णं भुजगोपवीतम्ं। गजाननं भास्करमेकदन्तं लम्बोदरं वारिभावसनं च॥ भावार्थ- मैं उन भगवान् गजानन की वन्दना करता हूं, जो समस्त कामनाओं को पूर्ण करने वाले हैं, सुवर्ण तथा सूर्य के समान देदीप्यमान कान्ति से चमक रहे हैं। वे सर्पका यज्ञोपवीत धारण करते हैं, एकदन्त हैं, लम्बोदर हैं तथा कमल के आसनपर विराजमान हैं। समस्त विश्व के प्राणियों एवं श्रद्धालुओं को पावन पर्व 'श्री गणेश चतुर्थी' की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं...! प्रथम पूज्य गौरी नंदन,विघ्नहर्ता, मंगलकर्ता, भगवान श्री गणेश से प्रार्थना है कि सबको सुख-समृद्धि तथा आरोग्यता का आशीर्वाद प्रदान करें..l ✍️Vibhor Vashishstha Vs Meri Diary #Vs❤❤ नमामि देवं सकलार्थदं तं सुवर्णवर्णं भुजगोपवीतम्ं। गजाननं भास्करमेकदन्तं लम्बोदरं वारिभावसनं च॥ भावार्थ- मैं उन भगवान् गजान
Meri Diary Vs❤❤ नमामि देवं सकलार्थदं तं सुवर्णवर्णं भुजगोपवीतम्ं। गजाननं भास्करमेकदन्तं लम्बोदरं वारिभावसनं च॥ भावार्थ- मैं उन भगवान् गजान #GaneshChaturthi #yqbaba #yqdidi #ganesha #yqquotes #yourquotedidi #vs❤❤
read moreSunita D Prasad
मात्र संवेदनाओं,समृद्धियों और सफलताओं से पूर्ण नहीं होता.. ये 'जीवन यज्ञ'। इसे चाहिए.. तुम्हारे द्रवित नैनों से गिरती अश्रुधार की प्रत्येक बूँद 'प्रक्षालन' हेतु..। इसे चाहिए.. तुम्हारे निःस्वार्थ भाव से किए तप और पूजा प्रार्थनाओं का 'पंचामृत'। इसे चाहिए.. तुम्हारे टूटे वचनों और अधूरे प्रयत्नों का 'यज्ञोपवीत'..। इसे चाहिए.. तुम्हारी हर छोटी भूल और पाप की 'कुशा' ..। इसे चाहिए.. तुम्हारी अस्थि मज़्ज़ा रक्त का 'आसन'..। इसे चाहिए.. तुम्हारे श्वासों और आकांक्षाओं की अनगिनत 'आहुतियाँ'..। इसे चाहिए.. तुम्हारी देह के चिन्तः घृत का आचमन,हर 'स्वाहा' पर। इसे चाहिए.. हर संबंध और हर स्वार्थ की अंतिम पराकाष्ठा की 'समिधा'..। इसे चाहिए.. तुम्हारी सोच के हर केल-पत्र पल्लव की छाया । इसे चाहिए.. तुम्हारी इच्छा के सभी सुवासित-कोमल पुष्प की 'मालाएँ'..। इसे चाहिए.. तुम्हारी हर अंतिम जमा पूँजी की 'सामग्री' । इसे चाहिए.. तुम्हारे हृदय के पिघलते लावे की 'लपट' । इसे चाहिए.. तुम्हारे भाव ,लज्जा ,प्रेम और हर संबंध की पूर्ण 'आहुति'..। इसे चाहिए.. तुम्हारी सारी चिरौरियों ,गिड़गिड़ाहटों और रुदन की 'आरती'..। इसे चाहिए.. तुम्हारे सारे सुकर्मों से अर्जित 'प्रसाद'..। तब ...... तब जा कर..ये जीवन तुमसे कुछ संतुष्ट हो, तुम पर कृपा करता है और प्रसन्न हो तुमको देता है.. मृत्यु का 'वरदान..। मात्र संवेदनाओं,समृद्धियों और सफलताओं से पूर्ण नहीं होता.. ये 'जीवन यज्ञ'। इसे चाहिए.. तुम्हारे द्रवित नैनों से गिरती अश्रुधार की प्रत्येक
मात्र संवेदनाओं,समृद्धियों और सफलताओं से पूर्ण नहीं होता.. ये 'जीवन यज्ञ'। इसे चाहिए.. तुम्हारे द्रवित नैनों से गिरती अश्रुधार की प्रत्येक #yqbaba #yqdidi #yqpowrimo
read moreHrishabh Trivedi
अ-शुभ विवाह(भाग1) 😊अनुशीर्षक में पढ़े😊 Disclaimer:- इस कहानी के सभी पात्र और घटनाएं काल्पनिक हैं, इनका किसी भी जीवित या मृत व्यक्ति से कोई संबंध नहीं है, तो कृपया अन्यथा न लें।