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Anju
एक कप चाय के बारे आप क्या जानोगे। ये एक ही पल मे किसी को भी अपना बना कर कभी खुशी तो कभी गम के दरिये को दिल से बहार कर देती है। ©Anju शुभ प्रभात मित्रो
शुभ प्रभात मित्रो #Poetry
read morePrabhat Kumar
White कुछ तुम भूल गए, कुछ हम भूल गए यूँ ही दिल का रिश्ता तोड़ गए जीने मरने की कसमें खाते थे हम वादों पर वादे करते रहते थे हम न जाने ऐसा क्या हुआ कि हम तुमको तुम हमको भूल गए बातें बंद मुलाकातें बंद मिलना जुलना सब कुछ हो गया बंद इतने क्यों हम तुम बदल गए ये कैसी बेवफ़ाई हमने तुमने निभाई नज़रें मिली तो फिर क्यों नज़रें हम दोनों की झुक गई ©Prabhat Kumar #प्रभात
Jitendra Singh Tanwar
White भूल करने के लिए कोई भी समय अच्छा नहीं और भूल सुधारने के लिए कोई भी समय बुरा नहीं..!! #सुप्रभात 🙏🥀 शुभ प्रभात#🙏
शुभ प्रभात#🙏 #सुप्रभात
read morePrabhat Kumar
उनकी ख़ुशबू ही कुछ ऐसी थी उनके दीवाने हम हो गए थे भूलकर सारी बातें उनके पीछे हो चले थे उनको भी कुछ समझ ना आया हम क्यों हो रहे हैं उनके दीवाने हमको तो लग रहा था सदियों से है उनका हमारा ये रिश्ता बातें पुरानी याद करने की कोशिश मैं करता रहा पर कुछ भी याद मुझको ना आया न जाने क्या राज़ था क्यों मैं उनका दीवाना हो रहा ©Prabhat Kumar #प्रभात
Dr Wasim Raja
White सुबह का सूरज मासूमियत से भरा होता है। चिड़िया चहचहाती भौरे गुनगुनाता हैं।। किसान हल चलाता मेहनत करता जाता है। हरी भरी धरती, प्रकृति मुस्कुराता है।। ©Dr Wasim Raja #Free शुभ प्रभात
Prabhat Kumar
रात भर आती रही तेरे भेजे फूलों की ख़ुशबू तन मन मेरा बेकाबू हो रहा था साथ तुम्हारा ख़ोज रहा था दिल कह रहा था चला जाऊँ पास तेरे तू अगर रहती पास मेरे दिल की सारी बातें कह देता तुमसे ये ठंडी हवा का झोंका फिर मेरे चेहरे पर मुस्कान लाता ये ख़ुशबू फिर मुझे बेकाबू ना करता ©Prabhat Kumar #प्रभात
Prabhat Kumar
कितने दिनों के बाद खुली है खिड़की आज मेरे सामने वाली आ रही है उधर से ये कैसी ख़ुशबू मदहोश मुझको करने लगी है चेहरा तो नहीं उसकी परछाई कुछ-कुछ नज़र आने लगी है ©Prabhat Kumar #प्रभात
Prabhat Kumar
ख़त जो तुमने मुझको लिखा मुझको मिला जिसमें तुमने अपने दिल का हाल लिखा आँसुओं से भरी जो रातें तुम्हारी बीती उसका फरियाद लिखा तेरे ख़त में मेरे दिल को बेहाल किया तुमसे मिलने को बेताब हुआ ©Prabhat Kumar #प्रभात
Prabhat Kumar
ख़ूबसूरती तूने जो है पाई उस ख़ुदा की है मेहरबानी न देना कभी दगा किसी को है दिवाना तेरा हर कोई दिल जिसे चाहे तेरा प्यार निभा जाना उससे ख़ूबसूरती का न करना घमंड पल दो पल का है ये ©Prabhat Kumar #प्रभात
Prabhat Kumar
चलो आ भी जाओ बातें ना बनाओ बारिश का है महीना भींग जाओगे छतरी है एक ही फिर भी भींगेगे नहीं हम तुम ©Prabhat Kumar #प्रभात