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Rameshkumar Mehra Mehra

# तेरे सिबा कोई जज्बात में नही,आंखो में बो नमी है,जो बरसात में नही,पाने की कोशिश,बहुत की मगर,तू एक लकीर है,जो मेरे हाथ में नही.....❤️

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White  तेरे सिबा कोई जज्बात में नही.......
आंखो में बो नमी है.....!
जो बरसात में नही......!!
पाने की कोशिश....!!!
तुझे बहुत की मगर...!!!!
तू एक लकीर है...!!!!!
जो मेरे हाथ में नही.......❤️

©Rameshkumar Mehra Mehra # तेरे सिबा कोई जज्बात में नही,आंखो में बो नमी है,जो बरसात में नही,पाने की कोशिश,बहुत की मगर,तू एक लकीर है,जो मेरे हाथ में नही.....❤️

Sumit Kushwah

#love_shayari जो जिंदगी में है

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White  गली गली में है

©Sumit Kushwah #love_shayari जो जिंदगी में है

Praveen Jain "पल्लव"

#GoodMorning अभावो में जो पड़े हुये है,उनके पलभर भी कैसे कटते है

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White पल्लव की डायरी
प्रकृति ने भरा है धरा अम्बर को
हर संसाधनों से
पंछी जानवरो तक का ख्याल रखा है
होती सुबह रोज,रात भी होती है
उम्मीद की किरणें हर चौखट तक होती है
मगर लालचों ने खाई अमीरी गरीबी की खींची है
अभावो में जो पलते,उनके पल भर कैसे कटते है
चौबीस घण्टे भी पहाड़ जैसे लगते है
सत्ताओ के समीकरण भी लाभ हानि पर टिके है
पेशेवरों के लिये सहायक बिजनिस में
गरीबो के खून चूसने पर लगे है
एक तरफ मेहनतों की कीमत कम
दूसरी तरफ टेक्स बराबर किये हुये है
हको की लड़ाई पर
कानूनों के जाल में आम लोग फंसे हुये है
                                                       प्रवीण जैन पल्लव

©Praveen Jain "पल्लव" #GoodMorning अभावो में जो पड़े हुये है,उनके पलभर भी कैसे कटते है

Himanshu Prajapati

जो मेरी जिंदगी में आई है करके Late, जिसे ले जाना चाहता था On the Date, पैसा बहुत खत्म हो गया है, जो कराती है बहुत Wait, क्या दूं उसे Choc

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जो मेरी जिंदगी में आई है 
करके Late,
जिसे ले जाना चाहता था 
On the Date,
पैसा बहुत खत्म हो गया है,
जो कराती है बहुत Wait,
क्या दूं उसे Chocolate..!

©Himanshu Prajapati  जो मेरी जिंदगी में आई है 
करके Late,
जिसे ले जाना चाहता था 
On the Date,
पैसा बहुत खत्म हो गया है,
जो कराती है बहुत Wait,
क्या दूं उसे Choc

Anant Nag Chandan

पाँव में पाज़ेब है या ज़ंजीर उसकी, वो मुझसे मिलने क्यूँ नहीं आती। राह तकता हूँ मैं हर शब बेचैनी से, कमबख़्त ख़्वाबों में भी नहीं आती।

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पाँव में पाज़ेब है या ज़ंजीर उसकी,
वो मुझसे मिलने क्यूँ नहीं आती।

राह तकता हूँ मैं हर शब बेचैनी से,
कमबख़्त ख़्वाबों में भी नहीं आती।

अनंत

©Anant Nag Chandan पाँव में पाज़ेब है या ज़ंजीर उसकी,
वो मुझसे मिलने क्यूँ नहीं आती।

राह तकता हूँ मैं हर शब बेचैनी से,
कमबख़्त ख़्वाबों में भी नहीं आती।

Shailendra Anand

देशभक्ति और देश संविधान में न्याय में देश में अवाम में खुशहाली आती है भक्ति भाव से पुजा करने वाले अच्छे लगते देश भक्ति में संनिहित है वि

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रचना दिनांक 25 जनवरी दोहजार पच्चीस
वार शनिवार
समय सुबह पांच बजे
््भावचित्र ्
््निज विचार ्
््शीर्षक ्
।््तेरी रुहानी रुह में अल्फाज़ नगीना लिखने वाले अच्छे ख्यालात की इबादत है,,
 संविधान में न्याय पाओ मर्यादा में रहो यही सही समय की मर्यादा और प्रतिष्ठा सौगात दी गई है।।
राजनीति और धर्मांन्धता और अर्थ व्यवस्था में सुधार समरसता बहुत जरूरी है ््
पच्चीस   जनवरी  दोहजार   पच्चीस
अंक शास्त्र में 25बराबर25तारीख और साल में एक समान है।
 श्रुति स्मृति चिन्ह प्रदान देश में,
 अवाम में खुशहाली में एक विधान संविधान का आलेख सुलेखा की पूर्व संध्या पर ,
हम दिलों से पूजा करें जनसेवा ही मानव सेवा है जिसे हम गणतंत्र दिवस कहते हैं,।।
माना कि तुम मेरे लिखे शब्दों से सहमति असहमति जताते हुए ,
जनस्वीकारोक्ति निस्वार्थ भाव को नहीं नकार सकते हो।।
यही उत्तेजना यन्त्र तंत्र को मजबूत करने वाले,
 संविधान विशेषज्ञ दल में शामिल समन्वय समिति द्वारा स्थापित विचार संगोष्ठी में,
 आन्तरिक रूप से एक अन्तिरम निम्नांकित विषय वस्तु धारा नियमावली पर
 आपसी सहमति बहस में 
विचारों का आदान प्रदान करने वाली अग्नि परीक्षा स्वलेखक और सहयोगीयो में,
 एक सम निदान हेतु सेतुबंध में कुछ मन का अन्तर्द्वंद से सजाया गया जिसे हम 
अनुसरण करें अंनत आख्यान संहिता दर्शन शास्त्र ज्ञान दर्शन है।।
। तथ्यों पर विचार प्रवाह में बह निकले ध्वनि तरंगों में एक गाढे खून पसीने की पीड़ा हो,
 किसी धनवान का आयना नज़रिया जो भी व्यक्ति पहले इन्सान नागरिक हैं ।।
तदपश्यात प्रृथ्वीतले परिभ़मणं लोककल्याणं नरलीला में,
 जाति, धर्म, भाषा, सम्बन्धी कहावतें से पूजा करने वाले हो सकते है।।
जो इन्सान आज अपने विचार व्यक्त आस्था प्रकट कर रहा है,
 वह उस समय की मर्यादा काल्पनिक दशा का आख्यान व्याख्यान कर रहा हूं।
यह जग मग माया मोह ््मद से जलरंहा रहा है,,
और यह सुखद अहसास दिया गया जिसे हम देश का संविधान कहते हैं।।
यह आज का दर्शन मैं शैलेंद्र आनंद जो देख सकता हूं ,,
वह अदभुत झलकियां हकीकत में रचती बसती है ।
दीप्ति नवल किशोर मेरे दिल में दीपक कलश स्वस्तिक कुंभ राशि में 
पच्चीस जनवरी दोहजार पच्चीस की सुबह स्वागत में ,,
सुंदरता को परखना तन मन को निखारना स्वयं को पढ़कर अभ्यास से 
मन को लिखने वाले आत्ममंथन को आनंद कहते हैं।।
््कवि शैलेंद्र आनंद ्
25 जनवरी। 2025

©Shailendra Anand देशभक्ति और देश संविधान में न्याय में देश में अवाम में खुशहाली आती है  भक्ति  भाव से पुजा करने वाले अच्छे लगते 
 देश भक्ति में संनिहित है वि

Anjali Singhal

"दबे पाँव आती है ख़बर दिल को होती है। मोहब्बत की पायल धड़कनों में जो बजती है।।" #AnjaliSinghal #Shayari #loveshayari love #Mohbbat nojoto

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White "दबे पाँव आती है ख़बर दिल को होती है।
मोहब्बत की पायल धड़कनों में जो बजती है।।"

©Anjali Singhal "दबे पाँव आती है ख़बर दिल को होती है।
मोहब्बत की पायल धड़कनों में जो बजती है।।"

#AnjaliSinghal #shayari #loveshayari #love #mohbbat #nojoto

F M POETRY

#आपकी याद ऐसे आती है...

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Unsplash दिल तड़पता है जांन जाती है..

आपकी याद ऐसे आती है..


यूसुफ़ आर खान...

©F M POETRY #आपकी याद ऐसे आती है...

Vinod Mishra

"नयनों के भीतर एक नयन है जो दृष्टि में नहीं दृष्टिकोण में दिखता है." #विनोद #मिश्र #मोटिवेशन ✍️

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नवनीत ठाकुर

#जो तू था कभी मेरी राहों का नूर, अंधेरों में जलते अब चिराग़ कुछ दूर। हर मोड़ पर तेरी खुशबू सी आती है, पर सच्चाई में तन्हाई मुस्कुराती है।

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सफर लम्बा है, पर कदम रुकते नहीं,
दर्द के साये में हौसले झुकते नहीं।

 जो तू था कभी मेरी राहों का नूर,
अंधेरों में जलते अब चिराग़ कुछ दूर।

हर मोड़ पर तेरी खुशबू सी आती है,
पर सच्चाई में तन्हाई मुस्कुराती है।

आसमान चुप है, सितारे बेगाने हैं,
 दुआ के हर जवाब में फासले पुराने हैं।

दिल के जुनून को आखिर कौन हराएगा?
सूरज छुपा सही, पर फिर से आएगा।

मंज़िलें मेरी, चाहे तू साथ न हो,
ये सफर मेरा है, इंतज़ार तेरा हो न हो।

©नवनीत ठाकुर #जो तू था कभी मेरी राहों का नूर,
अंधेरों में जलते अब चिराग़ कुछ दूर।

हर मोड़ पर तेरी खुशबू सी आती है,
पर सच्चाई में तन्हाई मुस्कुराती है।
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