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रसिक उमेश
White चित्र नही चरित्र सुंदर होना चाहिए, दुर्योधन घर मेवा त्यागो साग विदुर घर खायो🌷 ©रसिक उमेश #Thinking भावना में भाव का महत्व है
#Thinking भावना में भाव का महत्व है
read moreB.P. Godara
White यारो के संग अंतिम शाम और चाय के साथ ©B.P. Godara #sad_quotes मन के भाव
#sad_quotes मन के भाव
read moreRadhe Radhe
समुंदर से गहरा वायु से तेज जल से भी स्वच्छ अब आगे के भाव समझ जाइए। जय श्री राधे ©Radhe Radhe भाव समझ जाइए
भाव समझ जाइए
read moreShashi Bhushan Mishra
मुहब्बत को नजर लग जाए ना ज़ालिम ज़माने का, लगा रखी है कुंडी अपने दिल के कैदखाने का, गुज़रना,घूरना,ताकना सदा ही एक खिड़की पर, दिखा सकता है तुमको रास्ता भी जेल खाने का, बड़े मायूस होगे टूटा दिल जब साथ लाओगे, जन्म भर की तड़प बेचैनियां ज्युं पागल खाने का, न दौड़ो तेज़ संकड़ा रास्ता है ये बहुत नाज़ुक, निकलना भी बहुत मुश्किल है ख़तरा जान जाने का, जो डूबे हैं निकलने का सलीका भी उन्हें आता, ये पुल है दो दिलों के बीच केवल आने-जाने का, है जिनका शौक़ हरदम खेलना ख़तरों से ही "गुंजन", उन्हें मालूम है दरिया के भी उस पार जाने का, ---शशि भूषण मिश्र 'गुंजन' प्रयागराज उ०प्र० ©Shashi Bhushan Mishra #अपने दिल के कैदखाने का#
#अपने दिल के कैदखाने का#
read moreIndian Kanoon In Hindi
White जन्म के द्वारा नागरिकता का क़ानून :- * 26 जनवरी 1950 के बाद परन्तु 1 जुलाई 1987 से पहले भारत में जन्मा कोई भी व्यक्ति जन्म के द्वारा भारत का नागरिक है। * 1 जुलाई 1987 को या इसके बाद भारत में जन्मा कोई भी व्यक्ति भारत का नागरिक है यदि उसके जन्म के समय उसका कोई एक अभिभावक भारत का नागरिक था। * 3 दिसम्बर 2004 के बाद भारत में पैदा हुआ वह कोई भी व्यक्ति भारत का नागरिक माना जाता है, यदि उसके दोनों अभिभावक भारत के नागरिक हों अथवा यदि एक अभिभावक भारतीय हो और दूसरा अभिभावक उसके जन्म के समय पर गैर कानूनी अप्रवासी न हो, तो वह नागरिक भारतीय या विदेशी हो सकता है। ©Indian Kanoon In Hindi जन्म के द्वारा नागरिकता का क़ानून :-
जन्म के द्वारा नागरिकता का क़ानून :-
read moreNischhal Raghuwanshi
सुनो! जिसके दीदार कर लेने मात्र से, तुम्हारे जीवन की गहन से गहन पीड़ा पल में छू हो जाती हो, उसे कभी किसी के भी दबाव में अपने से दूर नहीं जाने देना। उसके जाते ही तुम अपना जीवन भी खो दोगे और जीने की वजह भी.... उसे पास रखना एक फूल के तरह संजो कर, भले उसे तोड़ना मत न अपना बनाने की चेष्टा करना.... पर रखना हमेशा साथ, ताकि मुस्कुराता रहे सदा जीवन भी तुम्हारा उसी फूल के तरह! @indian_निश्छल ©Nischhal Raghuwanshi सुनो! #मित्रता #जीवन #अनुभव #भाव
Indian Kanoon In Hindi
जन्म के द्वारा नागरिकता का क़ानून :- * 26 जनवरी 1950 के बाद परन्तु 1 जुलाई 1987 से पहले भारत में जन्मा कोई भी व्यक्ति जन्म के द्वारा भारत का नागरिक है। * 1 जुलाई 1987 को या इसके बाद भारत में जन्मा कोई भी व्यक्ति भारत का नागरिक है यदि उसके जन्म के समय उसका कोई एक अभिभावक भारत का नागरिक था। * 3 दिसम्बर 2004 के बाद भारत में पैदा हुआ वह कोई भी व्यक्ति भारत का नागरिक माना जाता है, यदि उसके दोनों अभिभावक भारत के नागरिक हों अथवा यदि एक अभिभावक भारतीय हो और दूसरा अभिभावक उसके जन्म के समय पर गैर कानूनी अप्रवासी न हो, तो वह नागरिक भारतीय या विदेशी हो सकता है। ©Indian Kanoon In Hindi जन्म के द्वारा नागरिकता का क़ानून
जन्म के द्वारा नागरिकता का क़ानून
read moreBachan Manikpuri
Unsplash दिमाग दिमाग मनुष्य का पृथ्वी है वह जमीन है वह मिट्टी होती है जहां पर हम अपनी सोच रूपी बीजों को बोते हैं जिस तरह का बीज हम अपने दिमाग में बोते हैं उसी तरह से हमारा जीवन का निर्माण होता है इसलिए अपने दिमाग में वही बीज बोए जो आपके लिए अच्छा है जो आपकी उन्नति के मार्गों को खोलती है ©Bachan Manikpuri बीज
बीज
read morePraveen Jain "पल्लव"
पल्लव की डायरी हर युग मे चलन व्यवस्था का बदला है कभी समाजिक व्यवस्था का चलन कभी पंचायते न्याय करती थी राजा रजवाड़े सब आये और गये मगर नैतिकता मूल रूप से सर्वोपरि रहती थी अब लोकतंत्र और संसदीय परम्परा है प्रतिनिधि सब जनता के होते है नीयत और सेवा का भाव हो तो कोई भी व्यवस्था सफल हो सकती है प्रवीण जैन पल्लव ©Praveen Jain "पल्लव" #Likho नीयत और सेवा का भाव हो तो
#Likho नीयत और सेवा का भाव हो तो
read morePraveen Jain "पल्लव"
पल्लव की डायरी वैज्ञानिकों की कारगुजारियों के चलते मौसम रंग बदल रहे है बायु प्रदूषण में केमिकल्स और वाहनों के अंधाधुंध प्रयोग शामिल हो रहे है कैसे पनपे कोई स्वस्थ्य बीज पौधा बनकर यूरिया और कीटनाशक मिट्टी के कण कण में पनप रहे है जहरीला हर खाद्यान्न भोजन के रूप में है केंसर के रूप में विश्वभर के लोगो को लील रहै है सभ्यताओं के विकास में पागलपन इतना बढ़ गया जीवन हम सब अपना बीमारियों के रूप में ढ़ोह रहे है चिंता शुद्व हवा पानी की करते करते असभ्यताओ के बीज विषरूप में बो रहे है प्रवीण जैन पल्लव ©Praveen Jain "पल्लव" #WorldEnvironmentDay असभ्यताओ के बीज विषरूप में बो रहे है
#WorldEnvironmentDay असभ्यताओ के बीज विषरूप में बो रहे है
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