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Archana pandey
कण्टक ते बबूरा भरे कडुइ नीम नहि खोट नारायण की ओट में अइसहिं हरि से चोट... (बबूल में कांटे और नीम का कड़ुआ होना उनके अवगुण नहीं;दोनों दिव्य औषधि हैं ठीक इसी प्रकार परमात्मा की छत्र-छाया में मिले संघर्ष किसी वैक्सीन से कम नहीं जो हमें समस्यायों से लड़ने के योग्य बनाते हैं) ..अर्चना'अनुपमक्रान्ति' ©Archana pandey नारायण की ओट में... #mountain
söñâlï srívåstãvâ
घूंघट में चाँद चमक उठी निगाहें नूरानी चेहरे को देख सितम ग़र घूंघट मे अफताब छुपाये बैठे थे... घूंघट में
घूंघट में
read moreAnuj Ray
घूंघट में चाँद कब तक छुपे रहोगे घुंघट में मेरे चांद तड़पा के दिल को मेरे तुम्हें घुटन नहीं होती घूंघट में चांद
घूंघट में चांद
read moreprashant singh
घूंघट में चाँद ग़जब की शाम आयी है, घूंघट में चाँद निकला है| मिलूंगा आज उनसे मैं, अभी फरमान निकला है| लगाऊं कस के गले उनको, ये दिल में अरमान निकला है | ग़जब की शाम आयी है, घूंघट में चाँद निकला है || stylo... # घूंघट में चाँद.
# घूंघट में चाँद. #कविता
read morewriter##Zeba Noor
घूंघट में चाँद वो देखो घूंघट में चांद बैठा है मेरे यार का दीदार कर रहा है छुप छुप कर देखता है उसे मेरे ही यार को अपना बनाए बैठा है । घूंघट में चांद
घूंघट में चांद
read moreHarshivaPrakash
तू कही सांझ सी ढलती गई, मेरी नजरों से ओझल कहीं,उदासी से झुकती नजर, ढूंढती फिरती इधर -उधर ! तू तो लालिमा थी, प्रकाश की, केसरिया रंग ओढ चली! शीतल मन अब चाँद निहारे, निशी-दिन जागे तेरी "विरहन" घूंघट की ओट में थी, बन कर चल दी । वो "पनिहारन" #वो_दिन #वोघूँघट की ओट में थी , #विरहन #पनिहारन
manoj kumar jha"Manu"
उसने अपने बालों की ओट करके बात जो की। वहीं दिल हारे थे हम, ऐसे उसने बात जो की।। बालों की ओट से
बालों की ओट से
read moreJay Krishan Kumar
घूंघट में चाँद आज घूंघट में चाँद है और , बंदगी में है आशिकी । नूर है जो घूंघट की ओट से छटक रही , बढ़ा रही है इश्क की तृष्णगि । है जुस्तजू कि सरक जाए ये पर , पर लुभा रही है घूंघट से छिटकती चांदनी । आज घूंघट में चाँद है और , बंदगी में है आशिकी । जी करता है यूँ ही थमा सा रहे वक्त , और बस प्रकृति गाती रहे प्रेम - रागिनी । अमावस के चक्र से पड़े बस , यूँ ही छिटकटती रहे पूर्णमासी कि चांदनी । है जुस्तजू कि लिपट जाऊं इससे पर , पर आंखें चाहती है निहारता रहूँ यूँ ही । आज घूंघट में है चाँद और , बंदगी में है आशिकी ॥ आज घूंघट में है चाँद ...
आज घूंघट में है चाँद ... #कविता
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