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नवनीत ठाकुर
हर घर की चौखट पे अरमान खड़े हैं, पर अंदर बस कुछ वीरान पड़े हैं। जहां रिश्तों की मिट्टी सूखी पड़ी है, वहां दीवारें बस खामोश खड़ी हैं। ©नवनीत ठाकुर #नवनीतठाकुर हर घर की चौखट पे अरमान खड़े हैं, पर अंदर बस कुछ वीरान पड़े हैं। जहां रिश्तों की मिट्टी सूखी पड़ी है, वहां दीवारें बस खामोश खड़ी
#नवनीतठाकुर हर घर की चौखट पे अरमान खड़े हैं, पर अंदर बस कुछ वीरान पड़े हैं। जहां रिश्तों की मिट्टी सूखी पड़ी है, वहां दीवारें बस खामोश खड़ी
read moreCalmKrishna
Unsplash ___________________ ©CalmKrishna #घड़ी #तन्हाई #आंखें #तू Best YQ Hindi Quotes
Kiran Chaudhary
Unsplash कई फैसले मुश्किल होते हैं, लेकिन लेने जरूरी होते हैं। ©Kiran Chaudhary कुछ फैसले मुश्किल होते हैं...
कुछ फैसले मुश्किल होते हैं...
read moreAnjali Singhal
"गिन रहा है दिसंबर अपनी आख़िरी साँसें! जनवरी खड़ी है तैयार थामने उसकी यादें!!" #AnjaliSinghal #december #january shayari #Quotes #status #
read moreneelu
White जिन्होने खिलौने के फैसले तक नहीं लिए वह खेलने के फैसले कैसे लेंगे ©neelu #sad_quotes #जिन्होने #खिलौने_और_मै के #फैसले तक नहीं लिए वह खेलने के फैसले कैसे लेंगे
#sad_quotes #जिन्होने #खिलौने_और_मै के #फैसले तक नहीं लिए वह खेलने के फैसले कैसे लेंगे
read moreAnuj Ray
White lदुःख की घड़ी में सांत्वना " तुम तो इतने समझदार थे,फिर भी तुम्हारे साथ यह हादसा कैसे हो गया। हर किसी को रास नहीं आती ये मोहब्बत, धोखा तुम्हारे साथ हो गया। इस दर्द से उबने में तुम्हें थोड़ा वक्त लगेगा,होना लिखा था क़िस्मत में हो गया। ©Anuj Ray #दुःख की घड़ी में सांत्वना "
#दुःख की घड़ी में सांत्वना "
read moreAnuj Ray
White सर्दियों की दस्तक है" शीतलहर की शुरुआत हो चुकी है हिमशिखर पे, हल्की हल्की सर्दियों की दस्तक है। उठाना है जिन्हें लुत्फ़ वादियों में बर्फ रवानगी डाल दें पहाड़ों पे घूमने का यही वक्त है। धरती पे स्वर्ग की यादों को संजोने का यही मौका है, जन्नत में मधुर चंद्रिमा का यही वक्त है। ©Anuj Ray #सर्दियों की दस्तक है"
#सर्दियों की दस्तक है"
read morePraveen Jain "पल्लव"
White पल्लव की डायरी है अकेला तू,गति कर्मो की है चेतना की सुध भी नही लेता तू मोहपाश में ज्यो ज्यो फ़ँसा तू बन्धनों में ऐसा जकड़ा तू राग द्वेष का व्यापार चलाता तू किसी से प्रीती किसी से दुश्मनी कर भावो की सतत सरिता में बहकर नित पापो से कलुषित आत्मा करता क्यू भोग ही जीवन नही है योग संजोग निज तत्वों में ला भटकावों के सजे है मेले दुनियाँ में तू इनमे फँसने, बार बार जन्म ना पा क्लोज करो यहाँ कर्मो का एकाउंट बार बार के जन्म मरण से आत्मा को मुक्ति करो प्रवीण जैन पल्लव ©Praveen Jain "पल्लव" #sad_quotes है अकेला तू,गति कर्मों की है
#sad_quotes है अकेला तू,गति कर्मों की है
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