Find the Latest Status about लोरी बच्चों के लिए from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, लोरी बच्चों के लिए.
Ravindra Singh
'मेरी बेटी के लिए लोरी' कौनसी तुझको लोहरी सुनाऊँ, बेटी कैसे तेरी नींद बुलाऊं। सो गया सूरज, सो गए कागा, सोने बादल अपने घर है भागा। छाया अँधियारा है, नहीं आँखों को अभी उजाला प्यारा है। क्यूँ बेचैन है तू, नहीं बेचैनी तेरी समझ पाऊं। कौनसी तुझको लोहरी सुनाऊँ, बेटी कैसे तेरी नींद बुलाऊं। क्या मैं कान्हा को बुलाकर लाऊं, कर बिनती उनसे मधुर बांसुरी बजबाऊं। या फिर भोले के तुझे दर्शन कराऊँ, डमरु की डम डम तुझे सुनबाऊं। कौनसी तुझको लोहरी सुनाऊँ, बेटी कैसे तेरी नींद बुलाऊं। ©Ravindra Singh मेरी बेटी के लिए लोरी #SunSet
Anu patil
अक्कड़-बक्कड़ बबे बो, सो जा कन्नू अब ना रो। देऊंगी री ऐसी गुड़िया, घूंघर वाले बाल हो, देख-देखकर कुन्नू मेरा, नाचे दे दे ताल हो। चंदामामा नीचे आओ, तारे लाओ पूरे सौ।। निंदिया रानी चादर ला, कुन्नू को होले औढ़ा। सपनों की बगियों में जा, लाएगा मुन्ना घोड़ा। रास जो खींचे मुन्ना तो घोड़ा दौड़े अंगुल नौ।। नहीं हठीला कुन्नू मेरा, कहना सबका मानता, पहले-पहले राजा, देखे कौन है आंखें मूंदता। सो जा बेटा एक दो...। अस्सी नब्बे पूरे सौ। अक्कड़-बक्कड़ बबे बो, सो जा कन्नू अब ना रो। ©Anu patil बच्चो के लिए लोरी #paper #lorimylovingheartmerimaa #poems
Prashant Mishra
पापा एक साइकिल दिला दीजिये नीली, पीली या लाल मंगा दीजिये प्रतिदिन उसको चलाऊंगा मैं बिल्कुल नहीं अलसाउंगा मैं बिना धुँआ, बिना शोर किये पर्यावरण को बचाऊंगा मैं साइकिल से व्यायाम हो जाएगा जल्दी से हर काम हो जाएगा फिर मैं तनिक भी न सुस्त रहूँगा साईकल चलाकर तंदुरुस्त रहूँगा --प्रशान्त मिश्रा बच्चों के लिए कविता "साईकिल'
Jamil Khan
बारहखड़ी की कविता अ से अनार आ से आम जग में तुम करो नाम। इ से इमली ई से ईख बड़ों से मिलती है सीख। उ से उल्लू ऊ से ऊन बच्चों तुम नहीं बनो दून। ऋ से तो होता है ऋषि भारत के लोग करते कृषि। ए से एड़ी ऐ से ऐनक दादाजी से घर में रौनक। ओ से ओखली औ से औरत छोटे बड़ों से करो मोहब्बत। अं से अंगूर अः से खाली बच्चों नहीं करो काम जाली। मो- ज़मील अंधराठाढ़ी, मधुबनी (बिहार) मौलिक, स्वरचित अप्रकाशित कविता। मो- 9065328412 पिन कोड- 847401 ©Jamil Khan बच्चों के लिए उपयोगी कविता। #OneSeason