Find the Latest Status about ए जिंदगी के मुक्ति from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, ए जिंदगी के मुक्ति.
pathakjii2004_m
Unsplash जिंदगी के कुछ जख्म ऐसे होते हैं जो कभी भरते नहीं वह यूं ही हमें तड़पते रहते हैं ©pathakjii2004_m #leafbook जिंदगी के जख्म ।
#leafbook जिंदगी के जख्म ।
read morenaman kumawat
Unsplash दिल तकलीफ मे है और तकलीफ देने वाला दिल मे 💔💔 ©naman kumawat #lovelife कुछ पल जिंदगी के💔
#lovelife कुछ पल जिंदगी के💔
read moreAnuradha T Gautam 6280
Unsplash वो मुझे जिंदगी के तौर तरीके सीख रहा था और उसे क्या पता इस जिंदगी की गुरु मां तो मैं ही थी..🖊️ #@2🤦🏻🙆🏻♀️ ©Anuradha T Gautam 6280 जिंदगी के सफर में
जिंदगी के सफर में
read moreसूरज
जिंदगी में परिश्रम जितना ही संघर्षशील होगा,सफलता उतनी ही ऊंची और शानदार होगी । ©सूरज #जिंदगी
Parasram Arora
White मैंने देखा मेरी जिंदगी हज़ारो सवालों मे घिरी हुई हर हर पल वो हाथ धो कर मेरे पीछे पढ़ी हुई है और मुझे ढूंढ कर उन सवालों का जवाब माँगना चाहती है ©Parasram Arora जिंदगी के हज़ारो सवाल
जिंदगी के हज़ारो सवाल
read moreShiv Narayan Saxena
White घृणा करो या प्यार जगत से, बोझे बढ़ते जाते हैं। थोड़े में सन्तोष नहीं है, लालच बढ़ते जाते हैं।। दुनिया प्रभु की प्रभु दुनिया के, कैसे अद्भुत नाते हैं। भजन करो या बैर प्रभू से दोनों मुक्ति दाते हैं।। ©Shiv Narayan Saxena #Ganesh_chaturthi दोनों मुक्ति दाते हैं. poetry in hindi
#Ganesh_chaturthi दोनों मुक्ति दाते हैं. poetry in hindi
read moreहिमांशु Kulshreshtha
White ए जिन्दगी कुछ कदम तो और चल मुझे सुकून के चंद पलों का इंतजार है ©हिमांशु Kulshreshtha ए जिंदगी...
ए जिंदगी...
read moreRahul Varsatiy Parmar
सुबह के 5 बज चुके है तो जमाने ए बंदिश खैर एक खयाल एक गजल देखिए रातों की नींद से (अदावत/ दुश्मनी) हो गई है हमे भी ज़माने के रिवाजों से (कदूरत/ नफरत) हो गई है ज़माने- ए- बंदिश में कैद है (आबरू/ इज्जत) ) हमारी अब खुद को ही खामोश कर रही है खामोशी हमारी (मशगूल-ए- महफिल /मिलना जुलना) नही है रही अब फितरत हमारी मशरूफ-ए-बेरुखी जिंदगी खुद से हमारी हिदायत-ए -दिल है की मुखातिब हो ज़माने से क्यों हया-ए- आबरू खौफ से गुजरे जिंदगी हमारी (मशरूफ/व्यस्त,) (बेरुखी/नाराजगी,)( हिदायत/ सलाह ,) (मुखातिब/ सामना,) (हया ए आबरू/ शर्म) ,(खौफ/ डर) इस गजल का सीधा सा मतलब है 4 लोगो क्या कहेंगे इसे बेफिकर होकर जियो निर्मला पुत्र सिद्धांत परमार ©Rahul Varsatiy Parmar #foryoupapa जिंदगी खुद के लिए जियो समाज के लिए नही #
#foryoupapa जिंदगी खुद के लिए जियो समाज के लिए नही #
read more