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Parasram Arora
White पुराने गमो को जो अभी भी स्थाई अतिथि बन कर मेरे साथ मेरे भीतर रह रहे है और जिनसे मै काफ़ी ऊब भी चुका हूँ मुझे अगर नए गमो को अपने भीतर प्रवेश कराना हो तो ये जरुरी है पुराने गमो को अलविदा कह दूँ ©Parasram Arora स्थाई अतिथि
स्थाई अतिथि
read moreDiya
White मोबाइल जब होता है हाथ में , तो दूरियां लगती नहीं, जैसी देखते ऑनलाइन उसको , रूबरू हो जाते हैं, बेचैनियां होती नहीं🤷♂️ ©Diya #मोबाइल जब होता है #हाथ में तो #दूरियां लगती नहीं, जैसी देखते #ऑनलाइन उसको रूबरू हो जाते हैं, #बेचैनियां होती नहीं🤷♂️#diyakikalamse✍🏼❤
#मोबाइल जब होता है #हाथ में तो #दूरियां लगती नहीं, जैसी देखते #ऑनलाइन उसको रूबरू हो जाते हैं, #बेचैनियां होती नहीं🤷♂️diyakikalamse✍🏼❤
read moreAnjali Singhal
White "जय गणतंत्र जय संविधान, देता सभी धर्मों को मान। भारत की माटी हमारी पहचान, इसकी खुशबू सारे जहान में है विद्यमान। भारतीय-संस्कृति से भी नहीं कोई अंजान, अतिथि को दिया जाता यहाँ पूरा सम्मान। हर कोई गाता इसका गुणगान, देखा न कोई वतन जैसा है प्यारा हिंदुस्तान।।" ©Anjali Singhal "जय गणतंत्र जय संविधान, देता सभी धर्मों को मान। भारत की माटी हमारी पहचान, इसकी खुशबू सारे जहान में है विद्यमान। भारतीय-संस्कृति से भी नहीं क
"जय गणतंत्र जय संविधान, देता सभी धर्मों को मान। भारत की माटी हमारी पहचान, इसकी खुशबू सारे जहान में है विद्यमान। भारतीय-संस्कृति से भी नहीं क
read moreNimisha Mishra HI
#teachers_day हम शिक्षक ही नही, बल्कि विशेष शिक्षक है हम सब से अलग शिक्षक है, हम IAS, DOCTOR, ENGEENIOR, नही बनाते, हम अपने बच्चो को समा
read moreBharat Bhushan pathak
मकड़ जाल जीवन सखे, कितने इसमें जाल। फँस-फँस इसमें हो रहा,मनुज यहाँ बदहाल।। मनुज यहाँ बदहाल,ढूँढ रहा यहाँ रस्ता। मुश्किल ढोना हुआ,संघर्षी अभी बस्ता।। शिक्षक जीवन वही,सब हल करता सवाल। निकलें हम खुद यहाँ,गहरा भले मकड़ जाल।। ©Bharat Bhushan pathak poetry lovers poetry in hindi hindi poetry on life hindi poetry poetry मकड़ जाल जीवन सखे,इसमें कितने जाल। फँस-फँस इसमें हो रहा,मनुज यहाँ बद
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