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Ranjit Kumar
kumaarkikalamse
कुर्सी चार टांगे नहीं होती इसकी, चार स्तम्भ है सच्चे, झूठों को बिठाने का रखती दम है! इसे पाने की लालच कौन नहीं करता बोलो नेता पाने को इसको झूठ बोलता हरदम है! ऐसा नहीं कि सिर्फ मक्कारों को बिठाती, अतिथि का आतिथ्य भी ना करती कम है! #ऐसा_भी_है New Series after long time #kumaarsthought #kumaaraisabhihai #कुर्सी #नेता #अतिथि कुर्सी चार टांगे नहीं होती इसकी, चार स्तम्भ है
N.g
Umera Shaikh
अतिथि अतिथि इस शब्द का अर्थ मेहमान होता है.अतिथि देवो भव भी कहा जाता है इसका अर्थ होता है अतिथि भगवान का रूप है. इसलिए हमें बचपन से हो सिखाया जाता है की हमें अतिथि का आदर सम्मान करना चाहिए। जब हमारे घर परिचित अतिथि आते है तो हम बहुत खुश हो जाते है. और अतिथि के आने से घर का माहौल बहुत ही अच्छा हो जाता है. हम सब उनके खाने पीने की,उनके रहने की व्यवस्था करने में जुट जाते है. कभी कभी हमारे घर अजनबी अतिथी भी आते है वो कौन है. और कहा से आये है हमें कुछ नहीं पता होता है.तब भी हमें उनका स्वागत वैसे ही करना चाहिए,जैसे हम परिचित अतिथियों का स्वागत करते है.हमें अतिथि से हमेशा प्रेमपूर्वक बात करनी चाहिए। हमारे मन में अतिथि के लिए कभी भी हीन भावना नहीं आनी चाहिए और हमें कभी उनका निरादर नहीं करना चाहिए।जो व्यक्ति कभी भी अपने अतिथि का सत्कार नहीं करता भगवान भी उनके घर नहीं आते है.इसलिए अतिथि चाहे परिचित हो या अजनबी हो हमें हमेशा उनका आदर सम्मान करना चाहिए क्योंकि अतिथि देवो भव.. ©Umera Shaikh #अतिथि #मेहमान #Relatives
Deepak Dhindoli
#MessageOfTheDay अगर आए कोई अजनबी भी तेरे दर पर तो उसे चाय पानी ज़रूर पिलाना अतिथि देवो भव: में विश्वास है अभी लोगों का उसे ये अहसास ज़रूर करवाना ©Deepak #Messageoftheday #चाय #पानी #अतिथि #NojotoFamily #nojotohindi #repost #Deepak_Dhindoli #Nojoto Sudha Tripathi saloni Bhatia Milly Shakya Manish Sen #Dikku D
Ruchika
#MessageOfTheDay किसी का हमारे प्रति प्यार और अच्छा व्यवहार, उसे हमारी ज़िन्दगी में जगह दिलाता है.... और हमारी ज़िन्दगी में आए दुख के प्रति, हमारा अच्छा व्यवहार, दुख को और प्रबल बनाता है.... दुख आने पर, बस उसे ही एहमियत दे, हम उसे मुख्य अतिथि सा सम्मान दे जाते हैं.... उसे उसका पसंदीदा, नकारात्मकता और उदासी का भोग खिला, फिर उसकी गिरफ्त में खुदको और फंसा पाते हैं.... दुख तो ज़िन्दगी का एक हिस्सा है, आता जाता रहेगा, उससे कुछ क्षणों के लिए परेशान होना तो स्वभाविक है.... पर सकारात्मक रह, उसे नज़रअंदाज़ कर, उसे एहसास कराना होगा कि...भाई हमारा रिश्ता बस औपचारिक है.... 😄😄 ©Ruchika #Messageoftheday #ज़िन्दगी #दुख #अतिथि #नकारात्मकता #उदासी #nojotohindi #nojotopoetry #Nojoto Vasudha Uttam J P Lodhi. Yatin (Calmyaab) manpreetkang Manak desai Rekha💕Sharma "मंजुलाहृदय"
वेदों की दिशा
।। ओ३म् ।। मा नो हृणीथा अतिथिं वसुरग्निः पुरुप्रशस्त एषः । यः सुहोता स्वध्वरः ॥ पद पाठ मा꣢ । नः꣣ । हृणीथाः । अ꣡ति꣢꣯थिम् । व꣡सुः꣢ । अ꣣ग्निः꣢ । पु꣣रुप्रशस्तः꣢ । पु꣣रु । प्रशस्तः꣢ । ए꣣षः꣢ । यः । सु꣣हो꣡ता꣢ । सु꣣ । हो꣡ता꣢꣯ । स्व꣣ध्वरः꣢ । सु꣣ । अध्वरः꣢ ॥ जैसे उत्तम प्रकार पूजा किया गया परमेश्वर पूजा करनेवाले को सद्गुण आदि की सम्पत्ति देकर उसका कल्याण करता है, वैसे ही भली-भाँति सत्कार किया गया अतिथि आशीर्वाद, सदुपदेश आदि देकर गृहस्थ का उपकार करता है। इसलिए परमेश्वर की उपासना में और अतिथि के सत्कार में कभी प्रमाद नहीं करना चाहिए ॥ Just as a well-worshiped God gives welfare to the worshiper by giving him the property of virtue etc., in the same way, the well-behaved guest blesses the householder by giving blessings, sodupadas etc. Therefore, never worship God in worship and hospitality. ( सामवेद मंत्र ११० ) #सामवेद #वेद #आतिथ्य #अतिथि #परमेश्वर #उपासना
राजेश गुप्ता'बादल'
The Guest कण कण में इस हिन्द की सोच आगंतुक जो भी वो देव है, वक्त है चाल निराली बंद कर दरवाजा दर पै आया कोरोना कुदेव है! अतिथि है किन्तु इससे पूछो आखिर जाना तुझको मगर कब है? देने को देते सबको मान यहां बिन बुलाए आ धमका जो गांव मेरे ने आखिर मेहमान तुझको कहा ही कब है? पापी नीच कमीन अधम निरा ही निपान, लाशों के हैं अम्बार लगे जहां भी पहुंचा तू जब है। दूर हटो हाथ छुड़ाओ कारण इसके अश्क बिरहा के क्या कम है, भूखी आंतें सूनी सड़कें घर जैसे बे मियादी कारावास, कैसे कहूं तू रूप खुदा का हरकत से तू हैवानों से क्या कम है। राजेश गुप्ता'बादल'मुरैना मध्यप्रदेश #अतिथि #मेहमान #शैतान #हैवान #कोरोना #nojoto #all The Guest कण कण में इस हिन्द की सोच आगंतुक जो भी वो देव है, वक्त है चाल निराली बंद कर दरवाजा
Jiten rawat
हम करते किसी का अपमान नहीं, हम करते सब का सम्मान हैं हम से,हमारी संस्कृति से ही देश का अभिमान है। गंगा की पानी से वज़ू ,तो कोई करता यहाँ गो दान है, इसीलिये हम सब की अपनी अलग एक पहचान है। अतिथि देवो भवः कहते हैं हम, और अतिथि हमारे भगवान है। कहीं नही है ऐसा दूजा.... हाथ जोड़ कर प्रणाम करने वाला एक ही हिन्दुस्तान हैं। #nojoto #poem हम करते किसी का अपमान नहीं, हम करते सब का सम्मान हैं हम से,हमारी #संस्कृति से ही देश का अभिमान है। #गंगा की पानी से #वज़ू ,तो कोई करता यहाँ #गो_दान है, इसीलिये हम सब की अपनी अलग एक #पहचान है। #अतिथि देवो भवः कहते हैं हम,