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Parasram Arora
White जिंदगी मे कई बार मै लुटा गया कई बार टूटा भी हूँ इसके बावजूद मेरा दिल नये ख्वाब और नई ख्वाहिशों के लिए अब भी मचलता है ©Parasram Arora नए ख्वाब और झवाहिशे
नए ख्वाब और झवाहिशे
read moreVIKAS tyagi TYAGI
तेरे बगैर किसी का ख्वाब देखा नहीं , सूख गया तेरा गुलाब मगर फेंका नहीं ।। ©VIKAS tyagi TYAGI #purana pyarतेरे बगैर किसी का ख्वाब देखा नहीं , सूख गया तेरा गुलाब मगर फेंका नहीं ।।
#Purana pyarतेरे बगैर किसी का ख्वाब देखा नहीं , सूख गया तेरा गुलाब मगर फेंका नहीं ।।
read moreRajnish Shrivastava
अपना शहर अपनी जमीं छोड़ हम ये छटा देखने आए हैं जीवन में कभी सोचा न था हम वो ख्वाब पूर्ण करने आए हैं ©Rajnish Shrivastava #ख्वाब
हिमांशु Kulshreshtha
White दिल बेहद उदास है आज फ़िर देखा है आसमाँ से टूटता एक तारा आज, किसी और को फ़िर... बेघर होते देखा है मैंने ©हिमांशु Kulshreshtha देखा है मैंने...
देखा है मैंने...
read moreहिमांशु Kulshreshtha
White ढेरों अधूरे ख्वाब संजो कर रख लेता हूँ हर रोज़ सिरहाने अपने मुक्कमल नहीं हुए तो क्या… कुछ ज्यादा ही कीमत चुकाई है मैंने इनकी ©हिमांशु Kulshreshtha अधूरे ख्वाब..
अधूरे ख्वाब..
read moregaTTubaba
a-person-standing-on-a-beach-at-sunset सुबह सुबह मुस्कुराहट आयी चेहरे पर की एक चेहरा देखा पहले तो अपना देखा पर वजह वो था जिन आँखो में चेहरा अपना देखा ©gaTTubaba #SunSet सुबह सुबह मुस्कुराहट आयी चेहरे पर की एक चेहरा देखा पहले तो अपना देखा पर वजह वो था जिन आँखो में चेहरा अपना देखा
#SunSet सुबह सुबह मुस्कुराहट आयी चेहरे पर की एक चेहरा देखा पहले तो अपना देखा पर वजह वो था जिन आँखो में चेहरा अपना देखा
read moreऋतुराज पपनै "क्षितिज"
Unsplash दीमक कुतरता नहीं जैसे जिल्द को, बस अन्दर ही अन्दर खत्म कर देता है किताबों को। चिन्ता कुतरती नहीं है वैसे ही जिस्म को, बस अन्दर ही अन्दर खत्म कर देती है आदमी को, सपनों को या ख्वाबों को। ©ऋतुराज पपनै "क्षितिज" #चिन्ता #ख्वाब #मंजिल
love you zindagi
Unsplash सपने जगाते रहते हैं और हालात सोने नहीं देते ..! 🥹 ©love you zindagi #सपने #ख्वाब #हालात #sad
सपने ख्वाब हालात sad
read morewriter maurya Anil
वो ख्वाब भी टूट गया था,और ये ख्वाब भी मुकम्मल नहीं हुआ, वो दिसंबर भी बेवफा था, और ये दिसम्बर भी बेवफा हो गया। ©writer maurya Anil #ख्वाब
Avinash Jha
रात के साए में सजते ख़्वाब, आसमान से जुड़े बेहिसाब। हकीकत की ज़मीन से दूर, आँखों में बुनते हैं नूर। बस एक उम्मीद का गुरूर। ©Avinash Jha #आशियाना #ख्वाब