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somnath gawade
घरच्यांना कायमच गृहीत धरणाऱ्यांना गृहकलहाला सामोरे जावे लागते. #गृहीत
Sneh Prem Chand
काश कोई योग गुरु ऐसा भी होता जो हमें ऐसा अनुलोम विलोम करना सिखा देता, जिसमें अंदर सांस लेते हुए संग प्रेम,सौहार्द,अपनत्व और स्नेह ले जाएं, और बाहर सांस छोड़ते हुए अपने भीतर के ईर्ष्या,द्वेष, अहंकार,क्रोध,लोभ,काम सब छोड़ देवें।। दिल की कलम से ©Sneh Prem Chand अनुलोम विलोम #Hope
RJ कैलास नाईक
मी कधी कुणाकडून अपेक्षा करत नाही म्हणूनच बहुदा मला कुणी गृहीत धरत नाही RJ कैलास #मी कधी कुणाकडून अपेक्षा करत नाही म्हणूनच बहुदा मला कुणी गृहीत धरत नाही RJ कैलास
Alok Vishwakarma "आर्ष"
विलोम लोम रात दिन, एक लगे तेरे बिन । असत्य सत्य वाक् मौन, मेरे लिये हुए गौण ।। अमत मत विराग राग, हृदय से रिसता पराग । अन्ध दीप्त तम अलोक, क्षण वियोग अश्रु शोक ।। "विलोम-लोम मिश्रण" एक कविता लोम व विलोम के पहलुओं को दर्शाती हुई। विलोम लोम रात दिन, एक लगे तेरे बिन । असत्य सत्य वाक् मौन, मेरे लिये हुए ग
Pratik Patil Patu
कोणत्याही व्यक्ति बद्दलच्या आपल्या धारणा या, त्या व्यक्तीने आपल्याशी केलेल्या वर्तनाच्या संदर्भात, आपण गृहीत धरलेल्या संभाव्य कारणांवर वा उद्दिष्टांवर अवलंबून असतात. जाणते-अजाणतेपणी, आपणच स्वतःहून गृहीत धरलेलं हे'कारण' किंवा त्या व्यक्तीच्या विशिष्ट वागण्याचं संभाव्य उद्दिष्ट, आपल्याला नकारात्मक वाटत असल्यास, त्या व्यक्ती बद्दल आपल्या मनात नकारात्मक धारणा निर्माण होतात. ही गृहीत धरलेली कारणे वा उद्दिष्टे आपणच गृहीत धरल्यामुळे, आपणच ती सोयीनुसार बदलू शकतो, आणि नात्यात नवा ओलावा निर्माण करू शकतो. थोडक्यात ती व्यक्ती कशी वागत आहे, आपल्याशी चांगलं किंवा वाईट! यापेक्षा असं वागण्या पलीकडचा तिचा, आपण गृहीत धरलेला संभाव्य उद्देश आपल्याला
DR. SANJU TRIPATHI
अनपढ़ चाहे कितना भी समझदार क्यों ना हो जाए, उसके लिए तो काला अक्षर भैंस बराबर ही रहता है। ईश्वर ने भी जाने कैसी मुसीबत सबके सर पर डाली है, बचे तो बचे कैसे कोई भी आगे कुआं तो पीछे खाई है। औरतें चाहे घर बाहर के सब काम सामंजस्य से कर लें, रहेंगी जीवन भर घर की मुर्गी दाल बराबर के जैसी ही। न रह गया अब रिश्तों में विश्वास कोई भी मान सम्मान, सभी एक दूजे से थोथा चना बाजे घना बनकर रहते हैं। करते हैं सभी न्याय की बड़ी बातें बताते हैं खुद को सही, डरते हैं सभी दूध का दूध और पानी का पानी कौन करें। प्रयुक्त विलोम शब्द काला अक्षर भैंस बराबर आगे कुआं पीछे खाई थोथा चना बाजे घना घर की मुर्गी दाल बराबर दूध का दूध पानी का पानी #काव्यसंग्
REETA LAKRA
वो किसी का दुश्मन नहीं हो सकता। तुम जिसके यार हो न वो किसी का याराना भुला नहीं सकता। तुम जिसके मित्र हो न वो किसी का शत्रु नहीं हो सकता। तुम जिसके साथी हो न वो किसी का साथ नहीं छोड़ सकता। तुम जिसके दिलदार हो न वो तुमसे दिलदारी नहीं छोड़ सकता। ३२४/३६६ तुम जिसके दोस्त हो ना... #जिसकेदोस्तहो #collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi विलोम yreeta-lakra-9mba