Nojoto: Largest Storytelling Platform

New मजारों की कव्वालियां Quotes, Status, Photo, Video

Find the Latest Status about मजारों की कव्वालियां from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, मजारों की कव्वालियां.

Related Stories

    PopularLatestVideo

Vishal Kothari

मोहब्बत की मजारों तक चलेंगे... जरा चाय पी ले फिर कयामत तक चलेंगें।m3 #nojotophoto

read more
 मोहब्बत की मजारों तक चलेंगे...

जरा चाय पी ले फिर कयामत  तक चलेंगें।m3

Divylaxmi shukla

जिसे तुम ढूंढते फिरते हो मंदिर और मजारों में #Video #voice #maa #Zindagi #BeatMusic

read more
mute video

Mamta Singh

शहिदों के मजारों पर लगेंगे हर बरस मेले वतन पर मिटने वालों का यही बाक़ी निशां होगा... वतन #जालियनवालाबाग #बलिदान #इतिहास #समाज

read more
mute video

Mamta Singh

शहीदों के मजारों पर लगेंगे हर बरस मेले वतन पर मिटने वालों का यही बाक़ी निशां होगा🙏🙏 दिवाने देश के #शहीद_दिवस #भगतसिंह_सुखदेव_राजगुरु #समाज

read more
mute video

Nitesh Mishra

तुम पास आये नींदों में ख्वाबों में तुम साथ आये राहोें बाजारों मे, कैसे करें दिल ये यक़ीन तुम्हें प्यार नही हमसे जब तकलीफ़ में थे हम ना जाने कि

read more
तुम पास आये नींदों में ख्वाबों में
तुम साथ आये राहोें बाजारों मे,
कैसे करें दिल यक़ीन तुम्हें प्यार नही हमसे
जब तकलीफ़ में थे हम ना जाने कितनी 
दुआएं की मेरे लिए तुमने मन्दिरों,मजारों में!!
 तुम पास आये नींदों में ख्वाबों में
तुम साथ आये राहोें बाजारों मे,
कैसे करें दिल ये यक़ीन तुम्हें प्यार नही हमसे
जब तकलीफ़ में थे हम ना जाने कि

INDIA CORE NEWS

Breaking- ग्रेटर नोएडा चलती कर बड़ी आग का गोला, मजारों कर पल भर में हुई चलकर खाक, ग्रेटर नोएडा से सूरजपुर की तरफ जा रही थी कार, #News #post #viral #Videos #trnding #viral_video

read more
mute video

गौरव दीक्षित(लव)

कोरोना अब गुजर रहा है, गांव शहर चौबारों से। इसको पानी खाद मिल रहा, मरकज और मजारों से । सीमाएँ तो सील हो गईं, भीड़ हटी बाजारों से। लेकिन ख़तरा #कविता

read more
कोरोना अब गुजर रहा है,
गांव शहर चौबारों से।
इसको पानी खाद मिल रहा,
मरकज और मजारों से ।
सीमाएँ तो सील हो गईं, 
भीड़ हटी बाजारों से।
लेकिन ख़तरा बना हुआ है,
 छुपे हुए गद्दारों से।।

गौरव दीक्षित (राहुल) कोरोना अब गुजर रहा है,
गांव शहर चौबारों से।
इसको पानी खाद मिल रहा,
मरकज और मजारों से ।
सीमाएँ तो सील हो गईं, 
भीड़ हटी बाजारों से।
लेकिन ख़तरा

SURAJ आफताबी

ऐ मेरे खुदा गर कोई और भी मिले तुझे भगवान तो उनसे इतना कहना मंदिरों के गर्भग्रह और मस्जिदों की मजारों पर क्यों एक ही दुआ का चोला पहना! मानवत #God #Universe #spritual #yqbaba #yqdidi #UNITY #yqhindiurdu #surajaaftabi

read more
मौत  हो  जाती है मेरे  झूठे  ईमान-ओ-मज़हब की तब
पूनम की ही रात में  ढ़ल  जाती है वो ही ईद वाली शब! ऐ मेरे खुदा गर कोई और भी मिले तुझे भगवान तो उनसे इतना कहना
मंदिरों के गर्भग्रह और मस्जिदों की मजारों पर क्यों एक ही दुआ का चोला पहना!

मानवत

Rakesh frnds4ever

#उलझन इस बात की है कि,,, हमें ...... उलझन किस बात की है अपनों से दूरी की या फिर किसी #मज़बूरी की खुद की नाकामी की या किसी परेशानी की दुनि #जीवन #मनुष्य #दुनिया #ज़िन्दगी #ज़िन्दगी #रिश्तों #धरती #AdhureVakya

read more
उलझन इस बात की है कि   हमें .......उलझन किस बात की है
अपनों से दूरी की 
या फिर किसी मज़बूरी की
खुद की नाकामी की 
या किसी परेशानी की
दुनिया के झमेले की या  मन के अकेले की
पैसों की तंगी की 
या जीवन कि बेढंगी की
रिश्तों में कटाक्ष की 
या फिर किसी बकवास की
दुनिया की वीरानी की या फिर किसी तनहाई की
अपनी व्यर्थता की 
या ज़िन्दगी की विवशता की
खुद के भोलेपन की 
या फिर लोगो की चालाकी की
अपनी खुद की खुशी की 
या दूसरों की चिंता की
खुद की संतुष्टि की
 या फिर दूसरों से ईर्ष्या की
खुद की भलाई की
 या फिर दूसरों की बुराई की
धरती के संरक्षण की या फिर इसके विनाश की
मनुष्य की कष्टता की
 या धरती मां की नष्टता की
मानव की मानवता की 
या फिर इसकी हैवानियत की
बच्चो के अपहरण की या बच्चियों के अंग हरण की
प्यार की या नफरत की ,,जीने की या मरने कि,,,
विश्वाश की या धोखे की,, प्रयास की या मौके की
बदले की या परोपकार की,,, अहसान की या उपकार की
,,,,,,ओर ना जाने किन किन सुलझनों या उलझनों
 या उनके समस्याओं या समाधानों 
या उनके बीच की स्थिति या अहसासों की हमें उलझन है,,,
की हम किस बात की उलझन है..==...........

rkysky frnds4ever #उलझन इस बात की है कि,,,
हमें ......
उलझन किस बात की है
अपनों से दूरी की 
या फिर किसी #मज़बूरी की
खुद की नाकामी की 
या किसी परेशानी की
#दुनि

आलोक कुमार

आज की पीढ़ी की सच्चरित्र की हक़ीक़त

read more
बस यूँ ही चलते-चलते .........
जरा सोचिए कि आजकल हमलोग खुद को बेहतर बनाने के लिए कौन-कौन से गलत/अभद्र नुस्खें अपनाते जा रहे हैं. ना ही उस नुस्खें के चरित्र, प्रकरण एवं उसके कारण दूसरे मनुष्य, आसपास, समाज, देश व आगामी पीढ़ी पर असर का ख्याल रख रहें हैं, न ही ख़यालों को किसी को समझने का मौक़ा दे रहे हैं. बस अपने ही धुन में उल्टी सीढ़ी के माध्यम से अपने आप को आगे समझते हुए सचमुच में बारम्बार नीचे ही चलते जा रहे है. तो जरा एक बार फिर सोचिए कि उल्टी सीढ़ी उतरने और सीधी सीढ़ी चढ़ने में क्रमशः कितनी ऊर्जा, शक्ति और समय लगती होगी. यह भी पता चलता है कि आज की पीढ़ी की ऊर्जा और शक्ति का किस दिशा में उपयोग हो रहा है और शायद यही कारण है कि आज का "गंगु तेली" तो "राजा भोज" बन गया और "राजा भोज", "गंगु तेली" बन कर सब गुणों से सक्षम रहने के बावज़ूद नारकीय जीवन जीने को मजबूर है. यही हकीकत है हम अधिकतर भारतवासियों का...... आगे का पता नहीं क्या होगा. शायद भगवान को एक नए रूप में अवतरित होना होगा. आज की पीढ़ी की सच्चरित्र की हक़ीक़त
loader
Home
Explore
Events
Notification
Profile