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Yash
(जले हुए चेहरे वाली मां.......) तो चलिए दोस्तों कहानी को शुरू करते हैं यह कहानी एक गांव की है..... रामपुरा गांव में एक परिवार में3 सदस्य थे अमित और उसके मां और पिताजी अमित की उम्र 28 साल थी अमित के मां पिताजी उसकी शादी के लिए एक अच्छी सुशील वह संस्कारी लड़की की तलाश कर रहे थे ताकि जो अमित की मां की तरह उनका अच्छी तरह ख्याल रख सके ! अमित एक अच्छा मूर्तिकार था जो कि देवी देवताओं की अच्छी-अच्छी मूर्तियां बना कर बेचता था और उसकी बाजार में एक मूर्ति की दुकान भी थी लेकिन मूर्ति की दुकान थोड़ी बाजार से दूर थी इस कारण उसकी दुकान पर बहुत ही कम ग्राहक आया करते थे इसलिए वह थोड़ा बेचैन सा रहा करता था !....उसकी बेचैनी उसके माता-पिता से देखी नहीं जाती थी इसलिए उसके माता-पिता उसका विवाह करने की सोच रहे थे इसलिए वह आस-पास के गांव में एक लड़की की तलाश कर रहे थे पर उन्हें अच्छी लड़की की तलाश जारी रखी लेकिन अच्छी सुशील खानदानी लड़की ना मिलने से वह भी काफी परेशान थे इसलिए वह गांव के पुराने शिव मंदिर में पूजा करने के लिए गए ताकि वह भगवान शिव से अमित के लिए एक अच्छी लड़की को भेज देने की प्रार्थना कर सकें अमित के मां और पिताजी शिव मंदिर मैं पूजा करके आ रहे थे तभी उन्होंने देखा कि एक लड़की तालाब के पास बेहोश पड़ी थी अमित के माता-पिता ने उस लड़की को वहां से उठाया और अपने घर ले गए उस लड़के को वैद्य जी को दिखाया और वैद्य ने उसको दवाई देखकर उस लड़की को होश में लाया अमित के माता-पिता ने उस लड़के से उसका नाम जाना और उससे पूछा कि तुम कहां से हो ..? तो उस लड़की ने अपना नाम रिया बताया और अपने गांव का नाम भानपुर बताया और रिया ने बताया कि वह वहां तालाब के पास कैसे पहुंची उसने बताया कि मैं इस प्राचीन शिव मंदिर में पूजा करने के लिए आई थी पूजा करने से पहले मैं इस तालाब से पानी लेने के लिए गए लेकिन मुझे वहां पर चक्कर आ गए और इसलिए मैं तालाब के किनारे पर बेहोश हो गई थी ! उस लड़की के ठीक हो जाने के बाद अमित के माता-पिता उस लड़की को उसके गांव भानपुर मैं उसके माता-पिता के घर पर छोड़ ने के लिए गए भानपुर में रिया के घर जाने पर प्रिया के साथ जो भी हुआ वह रिया के माता-पिता को बताया और रिया के माता-पिता ने अमित के माता पिता को धन्यवाद कहा और ऐसे करते करते अमित के माता-पिता ने अमित से विवाह करने के रिया का हाथ मांगा रिया ने भी हां कर दी और उसके माता-पिता ने भी हां कर दिया फिर 1 महीने के बाद रिया और अमित का विवाह बहुत ही अच्छी तरह से संपन्न हो गया अमित के माता-पिता भी खुश थे कि अब अमित अपने कामकाज को लेकर उदास नहीं रहेगा और फिर विवाह होने के बाद अमित का कामकाज में अच्छा मन लगने लगा और ऐसे करते करते 4 महीने गुजर गए रिया भी अब प्रेग्नेंट थी और करीब 9 महीने के बाद रिया ने एक सुंदर बच्चे को जन्म दिया रिया के सास-ससुर काफी प्रसन्न थे के उनके खानदान को आगे बढ़ाने वाला चिराग आ गया है अमित और रिया ने उस बच्चे का नाम मोहन रखा ! मोहन 4 महीने का हो चुका था 1 दिन की बात है कि अमित और उसके माता-पिता और रिया और उसका बच्चा घर में सो रहे थे घर में रोशनी के लिए उन्होंने चिमनी जला रखी थी जो की मिट्टी के तेल से जलती थी करीब रात के 1:00 बजे की बात है चिमनी घर जंगले के पर्दे के पास थी और थोड़ी हल्की हल्की सी हवा चलने के कारण जंगले का प्रदा चिमनी की आग की चपेट में आ गया और उस पर्दे में आग लग गई वह आज धीरे-धीरे लगती हुई पूरे घर में फैल गई आग पूरे घर में फैलने के कारण घर में रह रहे सभी को बहुत गर्मी लगने लगी इसलिए वह सभी उठकर देखा तो घर में चारों तरफ आग लग चुकी थी आग के कारण सबसे पहले रिया ने अपने बच्चे को उठाया और उस पर वहां पड़ी हुई सोल से बच्चे को ढक दिया ताकि आग की लपटें उस तक ना पहुंच सके आग की लपटों के कारण आसपास के लोगों को भी पता चल गया और वह भी आग बुझाने के लिए अपने घरों से बाहर आए उन्होंने बाहर आकर देखा तो घर में काफी तेजी से आग फैलती जा रही थी आग के फैलने के कारण अमित और उसकी मां और अमित तीनों ही काफी जल चुके थे जिसके कारण वह घर से बाहर भी नहीं निकल पाए लेकिन रिया का भी आधा चेहरा जल चुका था पर उसने हार नहीं मानी और वह कैसे भी करके अपने बच्चे को लेकर बाहर निकल गई रिया को बहुत तकलीफ हुई क्योंकि उसका आधा चेहरा जल चुका था बाहर निकलने के बाद वह भी बेहोश हो गई आसपास के लोगों ने रिया और उसके बच्चे को उठाया और अपने घर ले गए और जल्दी से वेद को बुलावा भेजा ! उधर अमित के घर में आग लग जाने के कारण अमित उसके माता-पिता की वहीं मौत हो जाती है आग पर सुबह तक काबू पा लिया था सुबह लोगों ने देखा तो अमित और उसके माता-पिता के वहां पर कंकाल पड़े हुए थे और सुबह तक वैद्य जी भी आ गए वेद जी रिया का इलाज करने लगे रिया का आधा चेहरा जल जाने के कारण वैद्य जी के उसके चेहरे पर दवाई लगाते हुए हाथ कांपने लग रहे थे वैद्य ने अपने मन को कठोर करते हुए रिया के चेहरे व हाथ के घाव पर दवाई लगाएं रिया को करीब 8 घंटे के के बाद होश आने लगा रिया को होश आने के बाद उसने गांव वालों से पूछा कि उसके पति और उसके सास-ससुर कहां है गांव वालों ने कहा कि वह अब इस दुनिया में नहीं रहे रिया काफी दुखी हुई और वह अंदर से टूट चुकी थी! रिया को लगा कि शायद उसका बच्चा भी आग की चपेट में आ चुका है ......थोड़ी देर बाद गांव की कुछ औरतें रिया के बच्चे को उसके पास लेकर आए तो रिया उसके बच्चे को देखते ही काफी रोने लगी और गांव वाले ने बताया कि तुम्हारा बच्चा सुरक्षित है तुमने इसे रात में आग से बचाते हुए बाहर निकाल लिया था रिया को थोड़ी देर बाद वापस चक्कर आकर और फिर से बेहोश हो गई...... कहानी जारी है इसका अगला पाठ जल्द ही आएगा ©Yashwant # आधे जले हुए चेहरे वाली मां
Jay Prajapti
kese so jate hy vo hamko rula kr kese soo jte h vo hamko bhula kr ek din vo ayega jab me sojauga unko bina hy bolkar 😟 किसी ने प्यार में चेहरा जला दिया और किसी ने प्यार में जले हुए चेहरे को मुस्कान से सजा दिया प्लीज एसिड कभी मत डालना किसी गर्ल पे
||स्वयं लेखन||
मेरे प्यारे🤗 दोस्त, अंधेरे के 😈Ghost, जले हुए 🥪टोस्ट, I love😘 you most
Anant Nag Chandan
अब इन जले हुए जिस्मों पे खुद ही साया करो, तुम्हें कहा था बता कर करीब आया करो। मैं उसके बाद महीनों उदास रहता हूं, मज़ाक में भी मुझे हाथ मत लगाया करो। –तहज़ीब हाफ़ी ©Anant Nag Chandan अब इन जले हुए जिस्मों पे खुद ही साया करो, तुम्हें कहा था बता कर करीब आया करो। मैं उसके बाद महीनों उदास रहता हूं, मज़ाक में भी मुझे हाथ मत लग
vikram
खामोशियां अक्सर कलम से बयां नहीं होती अंधेरा दिल में हो तो रोशनी से आशना नही होती लाख ज़िरह कर लो अल्फाजों में खुद को ढूंढने की जले हुए रिश्तों से, मगर रोशन शमा नहीं होती ©vikram खामोशियां अक्सर कलम से बयां नहीं होती अंधेरा दिल में हो तो रोशनी से आशना नही होती लाख ज़िरह कर लो अल्फाजों में खुद को ढूंढने की जले हुए रिश
Chirag Vashishtha
किताबें जलती रहीं मेरे कमरे में लपेटें उठती रहीं रोजों रोज़ मानो भूल ही गये थे कि हम खुद भी कुछ हैं जले हुए पन्नों को आज समेटे रहा हूँ बर्बाद यूँ होकर फिरसे उठ रहा हूँ ज़िंदा पीर जो आज बन बैठा हूँ मैं बिखरे हुए खुद को अब समेटे रहा हूँ मैं........(भाग १०) #yqbaba #yqdidi #yqtales #yqquotes #yqhindi #alone #life #love Ankitaa 19 अप्रैल पर खास... (वर्षगाँठ-ए-इश्क़) यादों की बात...भाग १० किताब