Find the Latest Status about मंज़र भोपाली की गजल from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, मंज़र भोपाली की गजल.
Vivek Dixit swatantra
कौन आएगा यहाँ कोई न आया होगा मेरा दरवाज़ा हवाओं ने हिलाया होगा दिल-ए-नादाँ न धड़क ऐ दिल-ए-नादाँ न धड़क कोई ख़त ले के पड़ोसी के घर आया होगा इस गुलिस्ताँ की यही रीत है ऐ शाख़-ए-गुल तू ने जिस फूल को पाला वो पराया होगा दिल की क़िस्मत ही में लिक्खा था अंधेरा शायद वर्ना मस्जिद का दिया किस ने बुझाया होगा गुल से लिपटी हुई तितली को गिरा कर देखो आँधियो तुम ने दरख़्तों को गिराया होगा खेलने के लिए बच्चे निकल आए होंगे चाँद अब उस की गली में उतर आया होगा 'कैफ़' परदेस में मत याद करो अपना मकाँ अब के बारिश ने उसे तोड़ गिराया होगा कैफ़ भोपाली ©Vivek Dixit swatantra केफ भोपाली की एक ग़ज़ल
Dev
#PulwamaAttack कुछ अंधेरें..उजालों से ज्यादा अज़ीज़ होतें हैं...... ✍️देव भोपाली इश्क़
Dev
हम 'चाय' से है हर चौराहे पर मिल जाते हैैं....... तुम 'कॉफी' सी ठहरे, थोड़ा गुरुर तो बनता है.... भोपाली इश्क़
Dev
मुरीद हो जाता हूँ उन लोगों का, जो पहली मुलाक़ात में ही पुछते हैं " चाय पीओगे क्या"..!! भोपाली इश्क़
आह्लादित Ahladith
सुबह की चाय, भोपाली अंदाज़ में। पुराना भोपाल