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river_of_thoughts
"सिद्धि-हेतु स्वामी गए, यह गौरव की बात, पर चोरी-चोरी गए, यही बड़ा व्याघात, सखि, वे मुझसे कह कर जाते, कह, तो क्या वे मुझको अपनी पथ-बाधा ही पाते?" #यशोधरा ©river_of_thoughts #यशोधरा
अभिव्यक्ति और अहसास -राहुल आरेज
जल में शतदल तुल्य सरसते तुम घर रहते हम न तरसते देखो दो-दो मेघ बरसते मैं प्यासी की प्यासी आओ हो बनवासी।।” (यशोधरा से) ©अभिव्यक्ति और अहसास -राहुल आरेज यशोधरा
बिमल तिवारी “आत्मबोध”
#OpenPoetry बुद्ध तुम घूमते रहे घर जिम्मेदारी छोड़कर खोजते रहे दुखों का निवारण वृक्ष के नीचे बैठकर पर सोचा होगा कभी भी एक पल क्या करती होगी यशोधरा जो लिए निशानी गोद मे तेरी कैसे बिताई होगी दिन अपना नही सोचे होंगे एक पल भी बुद्ध तुम तनिक भी उसके बारे में तुम्हें पता था ' ओ स्त्री हैं ' नही भागेगी घर से अपने बख़ूबी निभाएगी जिम्मेदारी अपनी जो छोड़ आये हो उसके सिर पर नही चाहती स्त्री कुछ भी सिवाय पति के वचन निभाती इसलिए हर स्त्री ब्रह्म हैं निर्वाण मोक्ष नही उसको चाहिए पुरुष कर्तब्य विमुख अधम एक जीव हैं वचन तोड़कर घर छोड़कर ईश्वर से मिलने का उसको लीला नाटक करना चाहिए ना पाया मोक्ष ना मिटाया दुःख ही पुरुष अपने नौटनकी से कर्तब्य निभाती स्त्री लगी है संसार को मोक्ष दिलाने में ।। बुद्ध और यशोधरा
अनिता कुमावत
सुनो !!!! सिद्धार्थ बन कर जा रहे हो बुद्ध बन कर ना लौटना कभी मैं वो यशोधरा न बन पाऊँगी अब ....!!!! #सिद्धार्थ #बुद्ध #यशोधरा #yqdidi #piccreditgoogle
Nojoto Hindi (नोजोटो हिंदी)
आज का शब्द है- 'जननी' #WOD #जननी धरती का संचार कर असुरों का संहार कर कष्ट-पीड़ा पार कर मन की दुविधा जानकर थी वो जननी जो देती कई उपचार जनन
Abhishek Barot
जननी "जननी" एक जननी जिसने पूरे विश्व की रचना की और एक जननी जो अपने बेटे के लिए उसके जीवन के लिए उसे पूरी दुनिया की खुशी मिल सके इसलिए अपनी सारी खुसिया देदी वो अपने बच्चों के लिए पूरी दुनिया से लड़ती है और अपने बच्चों को बहोत प्यार देती है आज मा दिवस पर हम सब मिलकर अपनी अपनी मा के सारे सपने, उसकी सारी इच्छा पूरी हो सके इतना प्रयत्न तो कर सकते है HAPPY MOTHERS DAY (Abhishek Barot) जननी
Vidya Bhushan Mishra
जननी !!हथरोटी!! माॅं के हाथों की बनी हुई "हथरोटी"! चूल्हे में फुलाई हुई, सोंधी और मोटी! घी में चुपड़ी, माॅं के प्यार में लिपटी! इतने वर्षों बाद भी हमें याद रहती! "और एक खा ले" का वह मनुहार! जाने कहाॅं चला गया आपस का प्यार! सभ्यता की वीहड़ों में शायद कहीं खो गया! आज का समाज बड़ा ऐडवांस हो गया!! -भूषण- ©Vidya Bhushan Mishra #जननी