Find the Latest Status about खत्री maza.com from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, खत्री maza.com.
Omprakash Khatri
नीड़ डाल तृण पर , जीवन है यह ऋण पर। भड़क रही है ज्वाला - सी, अतीत के मलाल - सी। है यह विशुद्ध रूप का, प्रकाश अतुल अनूप का। बुला रही है, तप्त मही, तरंग लहू की बह रही। यह तेज अचल भाल पर, विकट कष्ट काल पर। सम्बंध है यह औचित्य के, निर्लज्ज,दुष्ट,प्रपंच के। रूष्ट हो यह मही खड़ी, पुकारती यह अविचल अड़ी। क्या , ऋण इसका चुकाऊ, शीश चरण पर झुकाऊ। बह रही है धार देखो!इस नवीन प्रपात से, छपक-छपक कर पड़ रही,नीर बूंदे प्रपात से। शीर्ष से उठा यह,मही की रज पखारने, धूल से इस मही की,सागर का वियोग पाटने। अन्न को यह उदर से अपने, सह दरार ,वक्ष मे अपने। मनुज के उदर को तृप्त करने, घाव लेती , उदर पर अपने। फिर भी निर्लज्ज मनुज कितना, स्वार्थ से,यह सहज इतना। फिर भी मही का प्रेम देखो, मनुज पर इसका क्षेम देखो। ©Omprakash Khatri मही का क्षेम # ओम खत्री
pooja khatri
Aaradhana Anand
pooja khatri
Ravendra
Ravendra