Nojoto: Largest Storytelling Platform

New सारेगामा कारवां Quotes, Status, Photo, Video

Find the Latest Status about सारेगामा कारवां from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, सारेगामा कारवां.

Stories related to सारेगामा कारवां

Mohan Sardarshahari

# कवि का कारवां

read more
White यह कुछ ऐसा ही ‌है 
जैसे घी तोलते 
घी पी लेते हैं हाथ
साथ रहते - रहते
बन जाती है बात। 

जैसे पतझड़ में अनयास 
पतों की बरसात
बरसात में भीगकर
आती गर्माहट की बात। 

जैसे अंधेरे में रहते
अनपढ़ के उद्गार
अक्षर के प्रकाश से 
खोल देते नये द्वार।।

हां यह कुछ ऐसा ही ‌है 
जैसे पढ़ते - पढ़ते कोई किताब
याद आती लेखक की बात
बात से ही निकलती बात
पूछ बैठते खुद से ही औकात। 

यह कुछ ऐसा ही ‌है 
जब पढ़ते हैं हम कोई तहरीर 
खुद को भी देखते हैं उस जहां 
करने लगते हैं खुद से बातें 
शायद यही है कवि का कारवां।।

©Mohan Sardarshahari # कवि का कारवां

theABHAYSINGH_BIPIN

गुज़रा हुआ वक्त अब किस दौर से आयेगा, गुज़रा हुआ साथी अब किस ओर से आयेगा। बिछड़े कारवां जिंदगी से लौटने की उम्मीद है, मुकरा हुआ शख़्स अब किस

read more
गुज़रा हुआ वक्त अब किस दौर से आयेगा,
गुज़रा हुआ साथी अब किस ओर से आयेगा।
बिछड़े कारवां जिंदगी से लौटने की उम्मीद है,
मुकरा हुआ शख़्स अब किस ओर आयेगा।

वाजिब है मुझे छोड़कर उसका जाना भी,
रास्ते बहुत हैं, जाने कौन किस मंज़िल को जायेगा।
जुदाई बहुत हो चुकी, अब उसको पाने की उम्मीद है,
तलाश में जंगल अब किस शहर को जायेगा।

अकेला सफ़र किस मंज़िल तक जायेगा,
दिल की बेचैनी अब किससे सुकून पायेगा।
यादों के नक्शे पर कदमों के कई निशान हैं,
खुद को खोकर शायद कोई राज़ पायेगा।

©theABHAYSINGH_BIPIN 
गुज़रा हुआ वक्त अब किस दौर से आयेगा,
गुज़रा हुआ साथी अब किस ओर से आयेगा।
बिछड़े कारवां जिंदगी से लौटने की उम्मीद है,
मुकरा हुआ शख़्स अब किस

नवनीत ठाकुर

#नवनीतठाकुर गुफ़्तगू थी जिनसे, अब खामोशियाँ हैं बाकी, साथ जो चलते थे, वो कारवां ठिकाने गए। नक़ाबों के पीछे छुपी थी जो असलियत, मगर इतना त

read more
White  गुफ़्तगू थी जिनसे, अब खामोशियाँ हैं बाकी,
साथ जो चलते थे, वो कारवां ठिकाने गए।

नक़ाबों के पीछे छुपी थी जो असलियत,
मगर इतना तो हुआ, कुछ चेहरे पहचानने गए।

इक हल्की सी लहर ने सारा दरिया हिला दिया,
वक्त की शिद्दत से कुछ अरमाँ तक उड़ने गए।

जो साथ थे कभी, अब दिलों में दूरियाँ बन गईं,
लेकिन उन दूरियों से कुछ रिश्ते नया रंग लेने गए।

अल्फाज़ वो जो कभी मुस्कान से बयाँ होते थे,
वो अब चुप्पियों में छुप कर रह जाने गए।

©नवनीत ठाकुर #नवनीतठाकुर 
  गुफ़्तगू थी जिनसे, अब खामोशियाँ हैं बाकी,
साथ जो चलते थे, वो कारवां ठिकाने गए।

नक़ाबों के पीछे छुपी थी जो असलियत,
मगर इतना त
loader
Home
Explore
Events
Notification
Profile