Find the Latest Status about कि मैं from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, कि मैं.
Dr. Amarjeet Thakur "Amar"
काश कि मैं खुद की नसीब लिख पाता था, और उस नशीब में, तुझे साथ रहने को लिख पाता था_Student & Writer Amarjeet Thakur "Amar" 17_02_22_808483. ©Amarjeet Thakur " Amar " काश कि मैं -
Dr. Amarjeet Thakur "Amar"
काश कि मैं हवा होता, और तेरे पास होता, और फिर मैं चूमता, तेरी मुस्कुराती हुई _ होंठों को जब मैं तेरे पास होता "मूनलाईट" Student & Writer Amarjeet Thakur"Amar" 25_02_21_808483. ©Amarjeet Thakur " Amar " काश कि मैं हवा_
Nitish Kumar
"क़ास कि मैं दरियां होता , और तुम......................? कस्तीं होतीं , कि दोनों लोग साथ मिलकर रहतें , क़ास कि तुम मुझमें डगमगातीं और मैं तुमकों हमेशा सभांलता ,, क़ास कि मैं दरियां होता...? "क़ास कि मैं दरियां होता ...........?
Nitish Kumar
"क़ास कि मैं दरियां होता , और तुम......................? कस्तीं होतीं , कि दोनों लोग साथ मिलकर रहतें , क़ास कि तुम मुझमें डगमगातीं और मैं तुमकों हमेशा सभांलता ,, क़ास कि मैं दरियां होता...? "क़ास कि मैं दरियां होता ...........?
NishiRaj Verma
बहुत संग रह के देखा है,मगर इजत्त नहीं पाई, कि मैं भी याद आऊंगा ,मुझे अब याद होने दो।.... जो यूं दुत्कार देते हो , सुनो एक बात तुम भी ये, कभी सर ये रहेंगे नत , कि वो औकात होने दो।.... ना मुझको चाहिए दौलत,ना ही है लोड़ सोने की, मुझे झूठे जमाने की ,नज़र में, बरबाद होने दो।.... अरे कूड़ा सही घर का ,जरा सा सब्र तो कर लो, मिलूंगा बीज में एक दिन, मुझे बस खाद होने दो।.... वो फांसी योग्य मुज़रिम था ,खुला मैंने जिसे छोड़ा, दया अब छोड़ने दो तुम, मझे जल्लाद होने दो।.... सभी जाएं चिपक रिश्तें,मेरे एक बोल से ही बस, मेरे इस बोल को अनमोल ,ऐसी गाद होने दो।.... कि लड़ते देख बच्चो को , वसीयत के लिए ऐसे, मां ऊपर देख बोली,रब !मुझे जायदाद होने दो।.... मैं सों लूं चैन से एक दिन,ना दिक्कत हो जमाने को, ज़रा गलती ही कर देना ,मगर वो रात होने दो। .....NRV कि मैं भी याद आऊंगा....
Mahfuz nisar
काश कि मैं शोबदा-कार होता काश कि,कर लेता मैं गिरफ्तार इश्क़ को तेरे, सरापा तेरा हावी इस क़द्र होता जहाँ पर, कि कोई सवाल ना करता नफ़रत का, कि कोई जवाब ना होता नफ़रत का, मैं तो मज़हब बनाता तुम्हारी आँखों के काजल को, जिसके लिहाफ में ये जहाँ सुकूँ-वर होता, जाम बनाता तेरी जुल्फ़ों के फूल से, लब सुर्ख होते मीठे पान से, होती मुहब्बत तीखे नाक सी, झगड़े-फिर मिलाप सी, चमक होती चेहरे पर सबके,रेशमी रुमाल सी, सब आपस में जुड़े होते,तेरे लटों की घुमाव सी, चारों तरफ़ इत्तेहाद होता तेरे प्यार से, काश कि, मैं बावक़ार होता इस अग्यार से, तेरे ना मिलने का तिल सा कोई मलाल होता, काश कि, मैं शोबदा-कार होता । महफूज़ ✍ काश कि मैं शोबदा-कार होता
PubG Chhora
कि मैं कोई बहती नदी नही, समंदर सी शांत हु. दिल मैं छुपाए ना जाने ,कई बडे राज हुं। कि मैं बेहती नदी नहीं। #SilentWaves