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Md Razi Ahmad
shamawritesBebaak_शमीम अख्तर
ख़ुद को इतना जो हयादार समझ रक्खा है ,क्या हमें बेहया_बेमेआर समझ रक्खा है//१ हमने अजमत के किरदार को लिबास की मानिंद पहना है,तुमने लिबासे कपड़ा ही को किरदार समझ रक्खा है// मेरी संजीदा सदाकत पे भी शक है लोगो को, जरदारो ने मुझको*पसमांदाकार समझ रक्खा है//३ उसको खुद्दार कैसे बताया जाय,फकत जिसने लूटमार को ही अपना कारोबार समझ रक्खा है//४ तू किसी रोज कहीं बेमौत न मारा जाए के"शमा" तुने सियासतदानो को ही*हमवार समझ रक्खा है//५ ©shamawritesBebaak_शमीम अख्तर #againstthetide ख़ुदको इतना जो हयादार समझ रक्खा है,क्या हमें बेहया_ बेमेआर समझ रक्खा है//१ हमने अजमत के किरदार को लिबास की मानिंद पहना है,
#againstthetide ख़ुदको इतना जो हयादार समझ रक्खा है,क्या हमें बेहया_ बेमेआर समझ रक्खा है//१ हमने अजमत के किरदार को लिबास की मानिंद पहना है, #Live #writersofindia #nojotohindi #shamawritesBebaak
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याद रखिए.... रिश्ते कभी जाति और धर्म के मोहताज नहीं होते, रानी कर्मावती/कर्णवती ने बादशाह हुमायूँ को #राखी भेजी थी,और हुमायूं ने राखी की अजमत को निभाहा भी..... मेरी जानिब से आप सभी को रक्षाबंधन की तहेदिल से मुबारकबादियां 💐 ©shamawritesBebaak_शमीम अख्तर #rakshabandhan याद रखिए.... रिश्ते कभी जाति और धर्म के मोहताज नहीं होते,रानी कर्मावती/कर्णवती ने बादशाह हुमायूँ को #राखी भेजी थी,और हुमायूं
#rakshabandhan याद रखिए.... रिश्ते कभी जाति और धर्म के मोहताज नहीं होते,रानी कर्मावती/कर्णवती ने बादशाह हुमायूँ को #राखी भेजी थी,और हुमायूं #Live #writersofindia #nojotohindi #poetsofindia #NojotoFilm #poetrycorner #shamawritesBebaak
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उफ्फ मुआश्रे में ब्याह दी गई कमसिन बेटियां बड़ी उम्र वालों के साथ,फिर ताउम्र जीना पडा उन्हें जहनी अज़ियत के साथ//१ बेटियां नहीं ब्याही गई कभी अपने मेहबूब के साथ,अक्सर ब्याह दी गई जर,जमी,महल,चौबारे की वसीयत के साथ//२ जनाब कितना ही कर दो बेटी को पराई,पर हुई नही, ये तो आई है घर में खुदा की बेशुमार नियामत के साथ//३ जो वालिदेन देते है बेटियों को भी परवाज परिंद ए मानिंद,तभी तो करती है नाम उनका रोशन खलकत में बडी अजमत के साथ//४ नसीबदार है,वो लोग जिन्हें बेटियां अता हुई,तो क्यूं न चमके उनका नसीबा बेटी की कद्र पर रब की रहमत के साथ// "शमा"लाजमी तो नहीं है के रोशनी चरागों से ही हो,लोगो दर हकीकत बेटियां भी तो करती है चरागा बाप के घर में बड़ी मसर्रत के साथ//६ #shamawritesBebaak ©shamawritesBebaak_शमीम अख्तर #Broken उफ्फ मुआश्रे में ब्याह दी गई कमसिन बेटियां बड़ी उम्र वालों के साथ,फिर ताउम्र जीना पडा उन्हें जहनी अज़ियत के साथ//१ बेटियां नहीं ब्या
#Broken उफ्फ मुआश्रे में ब्याह दी गई कमसिन बेटियां बड़ी उम्र वालों के साथ,फिर ताउम्र जीना पडा उन्हें जहनी अज़ियत के साथ//१ बेटियां नहीं ब्या #Trending #writersofindia #nojotohindi #शायरी #urdupoetry #poetsofindia #NojotoFilm #poetrycorner #shamawritesBebaak
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White ***औरत का वजूद*** कोई भी शादीशुदा औरत अपने सुसराल में केवल अपना जिस्म लेकर नहीं आती है...? वो लाती है अपनी परवरिश के साथ अच्छे अखलाक, इल्म,तालीम,और अपना जहीन जहन...... फिर उसकी पहचान,उसकी अजमत,अस्मत,आजादी और अल्हड़पन कहाँ खो जाती होगी... गजाला सी चंचल चितवन वाली पिंजरेनुमा सुसराल में कैद मैना सी,शिरीन जुबा से रस उड़ेलती अनजान लोगों से सबकी जी हुजूरी में खिदमते करती बोलती, झिड़कियां,तंज,रंज गाली ग्लोच झेलती और इसी उधेड़बुन में सब्र करती बस...... फिर इसी कशमकश में संतानोत्पत्ति के बाद खुद से ही जिहाद करती हुई,अपनी गृहस्थी संभालती,भूलती रही,अपने जिस्म और रुह पर पड़े जख्मों की थकन से चकनाचूर,अपनी आप बीती को डायरी के पन्नो पर लिखती,संजोती........... वो एक बेनाम,औरत एक रोज मर जाती रही अपना फर्ज निभाकर,और भूल जाते हैं ये मतलबी लोग,.... यही सब सुनते और देखते आ रहे हैं,पता नहीं कब से.? मौजूदा दौर मे तो रिश्ते बस समझौते भर रह गए है..? सुनो बीन्त हव्वा 🎤अबअपने जिस्म को बिछौना बनाकर नहीं जीना...? तुम्हारी वुसअती तो (फैलाव) ला_मेहदूद(अनंत) है!! तुम इब्न आदम की नस्ल बढाने वाली हो,निस्वार्थ उल्फ्तें बांटने वाली हो, तुम अदबन हो अदब के काबिल हो... औरत ही मर्द की संपूरक है,और मर्द औरत से ही संपूर्ण और परिपूर्ण है.!! आदमी मतलबी,अना परस्त,ढीठ,तंगदिल,संगदिल सा हो सकता है,मगर औरत संजीदा,आब ए हयात की मानिंद.हयात देने वाली होती है।जैसे मानो पूरी कायनात बिन औरत के वजूद के अधूरी और बेमानी हो..! मुख्तसर बात यही है के आदमी जरिया है तो औरत तामीरदा(निर्माता)..... बनना और मिटना,औरत से ही है,तो फिर ये बेमिसाल औरत पर आदमी को फजीलत देने वाला,पुरुष प्रधान मुआश्रा क्यूं भूल जाता है औरत के वजूद को....???Bolg by✍️ #shamawritesBebaak ©shamawritesBebaak_शमीम अख्तर #sad_shayari ***औरत का वजूद*** कोई भी शादीशुदा औरत अपने सुसराल में केवल अपना जिस्म लेकर नहीं आती है...? वो लाती है अपनी परवरिश के साथ अच्छे
#sad_shayari ***औरत का वजूद*** कोई भी शादीशुदा औरत अपने सुसराल में केवल अपना जिस्म लेकर नहीं आती है...? वो लाती है अपनी परवरिश के साथ अच्छे #Motivational #shamawritesBebaak
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