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pareek boy
White #बता क्या क्या #तेरे नाम #लिखूं, #दिल लिखूं #या जान #लिखूं, #आंसू चुरा #कर तेरी #आंखों से, #अपनी हर #खुशी तेरे #नाम लिखूं। 🌹❤️ ©pareek boy #love_shayari Diwan G Mukesh Poonia pooja rani लव स्टोरी
#love_shayari Diwan G Mukesh Poonia pooja rani लव स्टोरी
read moreMSA RAMZANI
मैं डूब रहा हूँ दुनिया तेरी रौनक से मैं अब ऊब रहा हूँ। तू चांद मुझे कहती थी मैं डूब रहा हूँ।। अब कोई शनासा भी दिखाई नहीं देता। बरसों से इसी गाँव का महबूब रहा हूँ।। मैं ख्वाब नहीं आपकी आंखों की तरह था। मैं अपका लहजा नही असलूब रहा हूँ।। सच्चाई तो यह है कि तेरे करिया-ए-दिल मे। इक वह भी जमाना था कि मैं खूब रहा हूँ।। इस गाँव के पत्थर भी गवाही मेरी देंगे। सहरा भी बता देंगे कि मज़जूब रहा हूँ।। दूनियाँ मुझे साहिल से खडी देख रही है। मैं एक ज़जीरे की तरह डूब रहा हूँ।। फेंक आये थे मेरे अपने भी मुझको। मैं सब्र में रमज़ानी रहा हूँ।। ©MSA RAMZANI गज़ल Harsh gupta Pooja Udeshi Tushar Yadav Anupriya Mukesh Poonia
गज़ल Harsh gupta Pooja Udeshi Tushar Yadav Anupriya Mukesh Poonia
read moreVansh
a-person-standing-on-a-beach-at-sunset दोस्ती पर शायरी की बात ही अलग है। यहां कुछ खूबसूरत शायरी प्रस्तुत हैं: 1. मोहब्बत का तो पता नहीं, पर जो दोस्ती आपसे की है, वो आख़िरी सांस तक निभाएंगे। 2. दोस्ती नाम है सुख-दुख की कहानी का, दोस्ती नाम है सदा मुस्कुराने का। यह कोई पल भर की पहचान नहीं, दोस्ती वादा है उम्रभर साथ निभाने का। 3. जिंदगी में कई दोस्त बनाना एक आम बात है, लेकिन एक ही दोस्त से जिंदगी बन जाना खास बात है। 4. दोस्ती का मतलब वफा होता है, दोस्ती का मतलब सिर्फ हंसी-खुशी नहीं, दोस्ती वो है जो हर मुश्किल में साथ खड़ा हो। 5. कहते हैं वक्त बदल जाता है, लेकिन सच्ची दोस्ती कभी नहीं बदलती। अगर आप किसी खास भावना या अंदाज में शायरी चाहते हैं, तो बताएं! ©Vansh #SunSet Surendra Bhilawekar दोस्ती शायरी दोस्त शायरी
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read moreMona Pareek
Unsplash क्या कोई nojoto टीम से या कलमकारों के समूह से बता सकता है कि meri profile se sari stories delete kyu or कैसे हुई।nojoto टीम तरफ से कोई रिप्लाई भी नहीं आ रहा।Why 😳😢🙏 ©Mona Pareek #Book SIDDHARTH.SHENDE.sid Vishalkumar "Vishal" Internet Jockey Mukesh Poonia Da "Divya Tyagi"
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read moresamandar Speaks
Unsplash कर ले सितम अब तेरी रुखसती के दिन हैं ना होगा दीद तेरा हम भी बा यक़ीन हैं अपनी ही मिल्कियत में तुझे तालियां मिलीं अब सुन ले ये गूंज तेरी आफियत के दिन हैं बड़ी रोशनी बिखेरती तेरे लेबलुआब है सूरज बता रहा तेरे , ढलने के दिन है बग़ावत की बस्ती में हुकूमत के दिन हैं, ज़मीरों के सौदे में सियासत के दिन हैं। जहाँ सच को दफ़्ना के ख़ुदा लिख दिया है चारों तरफ झूठ की इबादत के दिन हैं। लिबास में गुलामी झलकती है जिनकी वो कहते हैं उनकी बग़ावत के दिन हैं। जो पत्थर में भी चेहरे तलाश किए थे, वो कहते हैं बस उनकी शराफ़त के दिन हैं। जहाँ चोर को ताज औ' मेहराब सजे हैं उस दानिश की आज रुख़सती के दिन हैं राजीव ©samandar Speaks #Book Mukesh Poonia Satyaprem Upadhyay Internet Jockey Radhey Ray मनीष शर्मा
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White अब क्या बताऊं ये क्या हैं इक सपना है हिंदी में, या उर्दू में ख्वाब है, चाँद का आइना, सूरज का नक़ाब है। बारिशों की छन-छन, जैसे सितारों की सरगोशी, हवा की सरसराहट, मानो ज़ुबां पर कोई नज़्म रुकी हो। लहरों की हलचल, जैसे धड़कता हो समंदर का दिल, भँवरों की गुनगुनाहट, जैसे मौन की गहराई में छुपा एक गीत। अब क्या बताऊं ये क्या है, ये सुबह का आँचल, जिसमें रौशनी का जादू सिमटा है, ये शाम का सन्नाटा, जैसे थककर कायनात खुद को सुला रही हो। जंगलों की फुसफुसाहट, जैसे पेड़ आपस में राज़ बांट रहे हों, पहाड़ों की बुलंदी, जैसे किसी दुआ की सदा आसमान को छू गई हो। अब क्या बताऊं ये क्या है, ये बूँदें, जो धरती की प्यास बुझाकर मुस्कुराती हैं, ये मिट्टी की ख़ुशबू, जैसे कुदरत का इश्क़ ज़मीन से लिपट गया हो। ये फूलों का खिलना, जैसे हर सुबह एक नया अफ़साना लिखती हो, ये तितलियों का नृत्य, जैसे रूहानी ख़्वाबों का रंगीन कारवां। अब क्या बताऊं ये क्या है, ये बादलों का आग़ोश,जैसे किसी मां ने अपने बच्चे को छुपा लिया हो, ये झील का सुकून, जैसे किसी सूफी का दिल। कुदरत का हर रंग, हर सुर, हर अंदाज़, जैसे खुदा ने अपने दिल के सबसे गहरे कोने में हमारे लिए एक नज़्म लिख छोड़ी हो। अब क्या बताऊं ये क्या हैं राजीव@samandar speaks ©samandar Speaks #love_shayari Satyaprem Upadhyay Radhey Ray Mukesh Poonia मनीष शर्मा bewakoof
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Unsplash नीली आँखों का जादू और पलकों का पहरा गुलाबी ये आलम और दिल ठहरा ठहरा तब्बसुम मोतियों सा लबों पे है छाया और सुर्खी ए महरो है पसरा पसरा काले बादलों का घेरा ,और बारिश की बुँदे, चाँद हो जैसे की ,नहाया नहाया इस्लाम सी है ,लाम लट गेसुओं की अदा पे खुदा का ,है नूर, पसरा पसरा सांसो की ताज़गी में, कुदरत, की ख़ुशबू, एक जाम हर अदा जैसे हो छलका छलका Rajeev ©samandar Speaks #camping Radhey Ray Mukesh Poonia मनीष शर्मा Anant bewakoof
#camping Radhey Ray Mukesh Poonia मनीष शर्मा Anant bewakoof
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Unsplash मन खफा है, गुमशुदा है, ग़म का साया है, अजनबी-सा कोई दर्द, बेवजह भीतर पला है। राहें भी चुप हैं,मंज़िलें धुंधली, कदम रुक-रुक से,जैसे कोई थका कारवां। आसमान बेरंग है,सितारे कहीं खो गए, चाँदनी भी अब,अंधेरों में घुल गई है। अश्क हैं, मगर बहते नहीं, जख्म हैं, पर दिखते नहीं, जैसे कोई राज़ छुपा है, सांसों की खामोशी में। खुशियां अधूरी,सपने बेमानी,हर चाहत जैसे खो गई ज़िंदगी की भीड़ में। रूह में शोर है, मन की परतों में ख़ामोशी, सवालों की कैद में कोई जवाब नहीं मिलता। शायद ये ग़म ही मेरा हमसफ़र है, या खामोशियों में बसी एक उलझन, लेकिन कहीं…धुंध के उस पार एक किरण बाकी है। राजीव ©samandar Speaks #camping Satyaprem Upadhyay Mukesh Poonia Radhey Ray Anant bewakoof
#camping Satyaprem Upadhyay Mukesh Poonia Radhey Ray Anant bewakoof
read moreGyanendra Kumar Pandey
#kukku2004 #nojotoenglish K.V. Sangeet... MaMtAa Mukesh Poonia Kalpana Korgaonkar
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Unsplash आईना मुझसे मेरे वक़्त का हिसाब मांगता है, अक्स पे बेजान अदावत का जवाब मांगता है। धूल चेहरे पे, या ख़्वाबों में भटकती है कहीं, हर परत मुझसे छुपे राज़ का नक़ाब मांगता है। वो जो गुज़रा है कभी ख़्वाब सा लम्हा बनकर, अब वही बीते हुए लम्हों का हिसाब मांगता है। जिनको देखा था ख़ुदा का ही करम समझ कर, वो मेरा टूटता ईमान बेहिसाब मांगता है। आईने के उस पार मैं भी कहीं ग़ुम सा हूँ, और वो मुझसे मेरी रौशन किताब मांगता है। सोचता हूँ कि ये आवाज़ है दिल की या वक़्त, हर सदा जैसे मुक़द्दर का मिज़ाज मांगता है। ख़ुद को पहचान सकूँ, इतनी भी मोहलत दे दे, ये जहाँ मुझसे हर एक हाल का जवाब मांगता है। Rajeev ©samandar Speaks #library Mukesh Poonia Anant Radhey Ray Sandeep L Guru bewakoof
#library Mukesh Poonia Anant Radhey Ray Sandeep L Guru bewakoof
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