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theABHAYSINGH_BIPIN
लम्हा-लम्हा जीने की कोशिश की मैंने, टूटे ख्वाबों को सजाने की कोशिश की मैंने। जो खो गया था ज़र्रे-ज़र्रे में कहीं, उसे फिर से पाने की कोशिश की मैंने। बिखरे तिनकों को संभालकर जोड़ा, हर हंसी को लौटाने की कोशिश की मैंने। पल-पल में छुपी हर खुशी को महसूस कर, मुस्कुराहटें जगाने की कोशिश की मैंने। ©theABHAYSINGH_BIPIN #Mountains लम्हा-लम्हा जीने की कोशिश की मैंने, टूटे ख्वाबों को सजाने की कोशिश की मैंने। जो खो गया था ज़र्रे-ज़र्रे में कहीं, उसे फिर से पान
#Mountains लम्हा-लम्हा जीने की कोशिश की मैंने, टूटे ख्वाबों को सजाने की कोशिश की मैंने। जो खो गया था ज़र्रे-ज़र्रे में कहीं, उसे फिर से पान
read moreF M POETRY
Unsplash थामा था एक पल को तेरे हाथ को हमने.. आती है मुसलसल तुम्हारे हाथ कि खुश्बू.. यूसुफ़ आर खान.... ©F M POETRY #थामा था एक पल को तेरे हाथ को हमने...
#थामा था एक पल को तेरे हाथ को हमने...
read moreSandeep Kumar Saveer
White यादें तेरे इश्क़ की बैंक लोन की किश्त की तरह ही है। भूलना तो ख़ूब चाहते हैं, फिर भी कमबख्त आ ही जाती है। 💞🙄💞 ©Sandeep Kumar Saveer यादें तेरे इश्क़ की💞🙄🙄 #love_shayari #saveerekehsaas #nojoto❤
यादें तेरे इश्क़ की💞🙄🙄 #love_shayari #saveerekehsaas nojoto❤
read moreनवीन बहुगुणा(शून्य)
तेरे गुमसुम होने की वजह हूं क्या तेरे उदास चेहरे की सजा हूं क्या #emotional_sad_shayari love
read moreHimanshu Prajapati
White ख्वाबों को रोका है तेरे लिए, खुद को खो दिया है तेरे लिए अब कितनी गवाही दूं अपनी मोहब्बत का.. हाथ पैर टूटा मार खाया है तेरे लिए..! ©Himanshu Prajapati #sad_quotes ख्वाबों को रोका है तेरे लिए, खुद को खो दिया है तेरे लिए अब कितनी गवाही दूं अपनी मोहब्बत का.. हाथ पैर टूटा मार खाया है तेरे लिए
#sad_quotes ख्वाबों को रोका है तेरे लिए, खुद को खो दिया है तेरे लिए अब कितनी गवाही दूं अपनी मोहब्बत का.. हाथ पैर टूटा मार खाया है तेरे लिए
read moreनवनीत ठाकुर
White तेरी अदाओं से जो लिखी थी मोहब्बत की दास्तां, आज उसी किताब का अधूरा पन्ना याद आया। तेरी पलकों की स्याही से जो लिखे थे जज़्बात, उन ख्वाबों का सिमटा हुआ फसाना याद आया। तेरे लम्स की तपिश में जो पिघला था वजूद, वो टूटते सितारों का सुहाना गुमां याद आया। तेरी जुल्फों में छुपा था जो शाम का सुकून, आज उसी ढलते सूरज का अंजुमन याद आया। तेरी बातों के फूल जो खिलते थे चमन में, उनकी खुशबू का बिखरा हर जाम याद आया। तेरा नाम जुबां पर आते ही रोशन हुए, हर उस हसीन पल का गुलिस्तां याद आया। हुस्न की महफ़िल में जब तेरे हुस्न का ज़िक्र हुआ, जैसे वीरानों में किसी का सलाम याद आया। तेरे दीदार की हसरत में जो गुज़रे थे लम्हे, उन लम्हों का हर अधूरा ख्वाब याद आया।"** ©नवनीत ठाकुर #हुस्न की चर्चा हुई और तेरा नाम याद आया
#हुस्न की चर्चा हुई और तेरा नाम याद आया
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