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संगीत कुमार

#Buddha_purnima बुद्ध तुम्हे फिर आना होगा नैतिकता का पाठ पढाना होगा जात पात का भेद मिटाना होगा समरसता का अलख जगाना होगा बुद्ध तुम्हे फिर आना #कविता

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White बुद्ध तुम्हे फिर आना होगा
नैतिकता का पाठ पढाना होगा
जात पात का भेद मिटाना होगा
समरसता का अलख जगाना होगा
बुद्ध तुम्हे फिर आना होगा 

द्वेश जन जन में फैल गया
भाई -भाई लड़ रह है 
लोभ में लोग घिर चूका है
तुझे मध्यम मार्ग बताना होगा
बुद्ध तुम्हे फिर आना होगा 

अहिंसा का पाठ पढाना होगा 
सद्विचार का ज्ञान सिखाना होगा
मानव में मानवता जगाना  होगा
कुकर्मी से बचाना होगा
बुद्ध तुम्हे फिर आना होगा

©संगीत कुमार #Buddha_purnima बुद्ध तुम्हे फिर आना होगा
नैतिकता का पाठ पढाना होगा
जात पात का भेद मिटाना होगा
समरसता का अलख जगाना होगा
बुद्ध तुम्हे फिर आना

Ramjeet Sharma Mr Wow

सनातन धर्म के सत्य को जन्म देने वाले अलग-अलग काल में अनेक ऋषि हुए हैं। उक्त ऋषियों को दृष्टा कहा जाता है। अर्थात जिन्होंने सत्य को जैसा देखा #Life

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Ashok Topno

साम दाम दंड भेद #viral nojoto #Star #Motivation #मोटिवेशनल

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Moodoffyt

Ravendra

किसानों मजदूरों को एक जुट होकर ईमानदारी से काम करना चाहिए। भारतीय किसान यूनियन भानु गुट के राष्ट्रीय अध्यक्ष ठाकुर भानु प्रताप सिह ने म #न्यूज़

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Ravendra

राष्ट्रीय किसान महापंचायत में राष्ट्रीय अध्यक्ष भानु प्रताप सिंह ने सभी एक जुट रहने व ईमानदारी से काम करने की बात कही। नवाबगंज बहराइच , क् #न्यूज़

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N S Yadav GoldMine

#raindrops कभी भी अपने घर के भेद किसी दूसरे को नहीं बताने चाहिए भेद बताने से भारी हानि को झेलना पड़ सकता है !! 🎊🎊 एन एस यादव।। {Bolo Ji Radh #जानकारी

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Praveen Jain "पल्लव"

#wholegrain सरकारों में कियो नही सामर्थ है #nojotohindi #कविता

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पल्लव की डायरी
तपती दोपहरी, होता है रात का जाड़ा
सीना चीरकर धरती का,अपना पसीना बहाता है
रोपा बीज खाद पानी लगाया
तब आसमान तक फसलो का परचम फैलाता है
कहती है दुनिया मुफ़्त में कितने गुना पाया
वैश्वीकरण के इस दौर में,सब मूल्य आधारित है
मगर खेती किसानी की उपज का
निर्धारित मूल्य आंकने की 
सरकारों में कियो नही सामर्थ है
हक का लाभ  किसानों का है
मगर विचोलिये और व्यापारी 
उसे उभरने नही देते है
सीजन की फसल का कोटा भरके
वही फसल दुगनी दाम बसूलते है
कंगाली में इसकी दुर्दशा हो रही है
खेती किसानी भी राजनीति का शिकार हो रही है
                                               प्रवीण जैन पल्लव

©Praveen Jain "पल्लव" #wholegrain सरकारों में कियो नही सामर्थ है
#nojotohindi

MAHENDRA SINGH PRAKHAR

कुण्डलिया :- नम आँखों से बेटियाँ , करती बस ये चाह । मातु-पिता की अब यहाँ , कौन करे परवाह ।। कौन करे परवाह , हमारी डोली उठते । ले जाती मैं स #कविता

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कुण्डलिया :-

नम आँखों से बेटियाँ , करती बस ये चाह ।
मातु-पिता की अब यहाँ , कौन करे परवाह ।।
कौन करे परवाह , हमारी डोली उठते ।
ले जाती मैं साथ , साथ जो मेरे चलते ।।
अब क्या मेरे हाथ , मुझे ले जाते हमदम ।
देख पिता को आज , हुई मेरी आँखें नम ।।

देने को तैयार हूँ , सभी *परीक्षा* आज ।
जैसे चाहो साँवरे , रोकों मेरे काज ।।
रोको मेरे काज , शरण तेरी मैं पकडूँ ।
यही हृदय की चाह ,  प्रीति में तेरी अकडूँ ।।
आओगे तुम पास , भेद फिर मेरे लेने ।
रहूँ सदा तैयार , परीक्षा जो हैं देने ।।

उतनी तुमने साँस दी , इतनी है अब शेष ।
और नहीं कुछ आस है , फिर क्यों भदलूँ भेष ।।
फिर क्यों बदलू भेष , *परीक्षा* देने आया ।
बनकर बैठा शिष्य , हृदय क्यों है घबराया ।।
पाया हूँ जो ज्ञान , कहूँ कम कैसे इतनी ।
कपट न पाया सीख , रही बस देखो उतनी ।।

०१/०३/२०२४      -   महेन्द्र सिंह प्रखर

©MAHENDRA SINGH PRAKHAR कुण्डलिया :-

नम आँखों से बेटियाँ , करती बस ये चाह ।
मातु-पिता की अब यहाँ , कौन करे परवाह ।।
कौन करे परवाह , हमारी डोली उठते ।
ले जाती मैं स
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