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vishnu prabhakar singh
दूर ले जाएगी हमको ज़िद से दृढ़ता की ओर साधारण से असाधारण व्याकुलता से सन्तुष्टि पंक से पद्म, और विकासशील से विकसित की ओर ये प्रकृति! प्रकृति विषय संवेदी है! दूर ले जाएगी हमको ज़िद हमारी... #दूरलेजाएगी #collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi #
Author Munesh sharma 'Nirjhara'
तुम्हें देख सकूँ तभी तो मेरी दृष्टि है कृष्णा तुम्हीं से तो यह सारी जीवन सृष्टि है कृष्णा 🌹 दृष्टिपटल :-- आँखों में वो प्रकाश संवेदी झिल्ली जिसपे किसी वस्तु का प्रतिबिंब बनता हो.......!! #कृष्णप्रेममेंराधेराधे #राधे__राधे #राधे_
Anita Saini
राधा के नयनों की ज्योति 🌺 मोहन 🌺 राधा के कंठहार के तुम मोती 🌺 मोहन 🌺 दृष्टिपटल :-- आँखों में वो प्रकाश संवेदी झिल्ली जिसपे किसी वस्तु का प्रतिबिंब बनता हो.......!! #कृष्णप्रेममेंराधेराधे #राधे__राधे #राधे_
Sangeeta Patidar
प्रेम का आधार है 'राधे-श्याम' मुक्ति का द्वार है 'राधे-श्याम' दृष्टिपटल :-- आँखों में वो प्रकाश संवेदी झिल्ली जिसपे किसी वस्तु का प्रतिबिंब बनता हो.......!! #कृष्णप्रेममेंराधेराधे #राधे__राधे #राधेश
अशेष_शून्य
..... जैसे खिड़की से झांकती धूप व हवाएं कमरे से नमी सोख लेती और दिवारों पर फफूंद लगने से रोकती हैं । ठीक वैसे ही मस्तिष्क की तंत्रिकाओं से झांक
Pragya Ratan Shrivastava
सिंदूरी माँग ,हाथों में चूड़ी, पीहर छोड़ यूँ मैं पिया से जुड़ी। अरमानों की डोली में हुई विदा, होकर अपने नसीब पर फ़िदा। स्वप्नलोक से जब धरती पे आई, ठोकर खाकर हक़ीक़त समझ मुझे आई।। कन्यादान कर माँ- बाप हुए मुक्त, अत्याचार को पिया उन्मुक्त। माँ ने नसीहत दी पत्नी धर्म निभाना, दिखाकर संस्कार कुल का मान बढ़ाना। शुरू हुआ यूँ अत्याचार का नया फ़साना, हर दिन बढ़ा सास का तिरस्कार दिखाना। तन के ज़ख्म कुछ देखे सभी ने, मन के घाव क्या जाने किसी ने ? समाज में झूठे शान और मान की खातिर, मैं घुटती रही और तड़पाते रहे वो शातिर। वो शोषण की हर सीमा लाँघ गये, मेरे सब्र का बांध तोड़ गये। रख लिया मान मैंने पीहर का, देकर अपने प्राण की आहुति। जब साथ निभाया नहीं किसी ने, अब जताना मत कोई सहानुभूति। निभाया धर्म मैंने हर रिश्ते का, पर ना हुए तृप्त ये लिंगभेदी। उन सात वचनों की थी संवेदी , चढ़ गई आज एक और बेटी बलिवेदी ।। मान रख पाओ ना ग़र बेटी का, तो भ्रूणहत्या ही सही। ऐसे ज़ालिम दुनिया में रहने से, मैं अजन्मी रहूँ ,यही सही।। #अत्याचार #विवाह #उत्पीड़न #स्त्री #स्त्रीधर्म #nojoto #nojotohindi #kavyashala #poetry सिंदूरी माँग ,हाथों में चूड़ी, पीहर छोड़ यूँ मैं पिया
Vikas Sharma Shivaaya'
✒️📙जीवन की पाठशाला 📖🖋️ 🙏 मेरे सतगुरु श्री बाबा लाल दयाल जी महाराज की जय 🌹 *ग्रह और शरीर के अंग* चिकित्सा ज्योतिष के अनुसार, ज्योतिष के नौ ग्रह शरीर के विभिन्न अंगों से जुड़े हैं। चिकित्सा ज्योतिष के अनुसार ग्रहों और संबंधित शरीर के अंगों और उनसे जुड़ी बिमारियां निम्न प्रकार हैं ---- *सूर्य* सूर्य हृदय, रीढ़ की हड्डी, पाचन तंत्र, हड्डी संरचना, रक्त, पित्ताशय को नियंत्रित करता है। इससे व्यक्ति तेज बुखार, मानसिक रोग, जोड़ों के विकार, हृदय की परेशानी, गंजापन आदि से पीड़ित हो सकते हैं। *चन्द्रमा* चंद्र अंडाशय, भावनाओं, शरीरिक तरल पदार्थ, स्तन, टॉन्सिल, लसीका, ग्रंथियों आदि को नियंत्रित करता है। चंद्रमा की कमजोर स्थिति मुंह, तिल्ली, गर्भाशय, तंत्रिका संबंधी विकार, सुस्ती आदि से संबंधित बीमारियों का कारण बनती है। *मंगल* मंगल पित्त को नियंत्रित करता है। मंगल धमनियों, प्रजनन प्रणाली, दांत, नाखून, बाल, आंत और नाक को कवर करता है। कमजोर शुक्र जलने, फ्रैक्चर, घाव, त्वचा पर चकत्ते, ट्यूमर, टाइफाइड आदि का कारण बनता है। *बुध* बुध वात पर शासन करता है। पित्त और कफ। बुध मस्तिष्क, श्वसन प्रणाली और तंत्रिकाओं को नियंत्रित करता है। इसकी कमजोर स्थिति गैस्ट्रिक जूस, हाथ, भुजा, गर्दन के निचले हिस्से, नपुंसकता, सिर चकराना आदि से संबंधित विकारों का संकेत देती है। *बृहस्पति* गुरु लीवर, गुर्दे, मस्तिष्क, तिल्ली आदि का कारक है। कमजोर बृहस्पति कान, मधुमेह, अग्न्याशय, याद्दाशत आदि से संबंधित बीमारियों का कारण बनता है। *शुक्र* शुक्र वात और कफ को नियंत्रित करता है। यह पाचन तंत्र, किडनी, प्रजनन प्रणाली, यौन अंग, त्वचा, गले आदि को नियंत्रित करता है। कमजोर शुक्र मूत्र मार्ग, एनीमिया, मूत्राशय, मोतियाबिंद, नपुंसकता आदि से संबंधित रोगों और व्याधियों का कारण बनता है। *शनि* शनि वात (गैस), त्वचा, नसों, हड्डियों और कंकाल को नियंत्रित करता है। शनि के प्रभाव से शारीरिक कमजोरी, पेट दर्द, अंधापन, बहरापन आदि होता है। *राहु* राहु पैर, गर्दन, फेफड़े, श्वास आदि यह वात और कफ को नियंत्रित करता है। प्रभावित राहु के कारण मोतियाबिंद, अल्सर, सांस लेने की समस्या, हकलाना, तिल्ली की समस्या आदि हो जाते हैं। *केतु* केतु पेट और पंजों को नियंत्रित करता है। कमजोर और दुर्बल केतु कान की समस्याओं, आंखों के रोग, पेट दर्द, शारीरिक कमजोरी व अन्य परेशानियों का कारण बनता है॥ 🙏अपनी दुआओं में याद रखियेगा 🙏बाकी कल ,खतरा अभी टला नहीं है ,दो गज की दूरी और मास्क 😷 है जरूरी ....सावधान रहिये -सतर्क रहिये -निस्वार्थ नेक कर्म कीजिये -अपने इष्ट -सतगुरु को अपने आप को समर्पित कर दीजिये ....! 🙏सुप्रभात 🌹 आपका दिन शुभ हो विकास शर्मा'"शिवाया" 🔱जयपुर -राजस्थान 🔱 ©Vikas Sharma Shivaaya' ✒️📙जीवन की पाठशाला 📖🖋️ 🙏 मेरे सतगुरु श्री बाबा लाल दयाल जी महाराज की जय 🌹 *ग्रह और शरीर के अंग* चिकित्सा ज्योतिष के अनुसार, ज्योतिष के नौ
अशेष_शून्य
Music 🎶 is the ultimate Magic of this universe.— % & छत के कोने पर खड़ी थी अचानक पक्षियों के झुंड की चहचहाट ने ध्यान खींचा अपनी ओर; उनकी आवाज में एक सुकून का आभास हुआ ठीक वहीं भाव जो स्कूल से