आज अंदर से आवाज आई,
दिल धड़का नहीं है साहब,
आज रोया है। आज अंदर से आवाज आई,
दिल धड़का नहीं है साहब,
आज रोया है।
#कविता #दिल
आज अंदर से आवाज आई,
दिल धड़का नहीं है साहब,
आज रोया है।
कविता दिल
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Alok Verma "" Rajvansh "Rasik" ""
अल्फाज सुना दे तू,
मैं साज बजा दूंगा,
तेरी खातिर सजनी,
मैं जहां सजा दूंगा,
हर शब्द पर तेरे,
मैं प्यार लगा दूंगा,
तू खुशबू बनकर महके,
मैं फिजा सजा दूंगा,
अल्फाज सुना दे तू,
मैं साज बजा........! मैं साज बजा.........!