Find the Latest Status about बिछाया जाल from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, बिछाया जाल.
Devesh Dixit
वृद्ध (दोहे) वृद्धों को सम्मान दें, ये उनका अधिकार। अपने भी संस्कार हैं, मिलता उनसे प्यार।। संयम से उनको सुनें, मिल जाता है ज्ञान। निर्मल भी व्यवहार हो, पड़े नहीं व्यवधान।। वृद्ध जनों को त्यागते, करते हैं वो पाप। सेवा करने से बचें, बाद करें संताप।। वृद्धों की उँगली पकड़, लेना तुम संभाल। उनसे बचने के लिए, मत फेंको तुम जाल।। देते जब आशीष हैं, मिलती खुशी अपार। ईश्वर की सेवा वही, है उनसे संसार।। वृद्ध जनों की प्रीत से, होता है कल्याण। जीवन में खुशियांँ रहें, हो संकट से त्राण।। ........................................................ देवेश दीक्षित ©Devesh Dixit #वृद्ध #दोहे #nojotohindipoetry #nojotohindi वृद्ध (दोहे) वृद्धों को सम्मान दें, ये उनका अधिकार। अपने भी संस्कार हैं, मिलता उनसे प्यार।।
shamawritesBebaak_शमीम अख्तर
Pyari si Aahat
White मछलियां भी खुश हो गई ये बात जानकर, की आदमी ही आदमी को जाल में फसाने लगा है…! ©सत्यमेव जयते #जाल में फसाने लगा है…!
Devesh Dixit
युवा शक्ति (दोहे) युवा शक्ति अनमोल है, चलें उचित रफ़्तार। कर सुकर्म जो बढ़ रहे, हो उनका विस्तार।। मात पिता का फर्ज़ है, उनको दें संस्कार। गलत दिशा भटकें नहीं, दोष करें स्वीकार।। युवा शक्ति को है परख, हो कैसा व्यवहार। सही बात पर हों अटल, गलत बात पर वार।। भटक गए कुछ हैं अभी, देते हैं आघात। युवा शक्ति पर चोट है, मुश्किल हैं हालात।। युवा शक्ति अब मोहती, फैंक प्रेम के जाल। जो भी इसमें है फँसी, होती बाद हलाल।। संस्कारों को छोड़ कर, नित्य करें ये काम। मात पिता को कर दुखी, खूब डुबाते नाम।। ........................................................... देवेश दीक्षित ©Devesh Dixit #युवा_शक्ति #दोहे #nojotohindipoetry #nojotohindi युवा शक्ति (दोहे) युवा शक्ति अनमोल है, चलें उचित रफ़्तार। कर सुकर्म जो बढ़ रहे, हो उनका
ARTI DEVI(Modern Mira Bai)
Himanshu Prajapati
दिखावे के माया जाल का कब तक स्वेटर बुनते रहोगे, थोड़ी अहमियत दे दो खुद को कब तक दूसरों की बात सुनते रहोगे..! ©Himanshu Prajapati #truecolors दिखावे के माया जाल का कब तक स्वेटर बुनते रहोगे, थोड़ी अहमियत दे दो खुद को कब तक दूसरों की बात सुनते रहोगे..!
Irfan Saeed
अगर कहो तो मैं दुनियां बदल भी सकता हूं तेरे कहे हुए वादों पे चल भी सकता हूं तुम ही क्या मुझको दगा दोगी इश्कबाजी में हालाते मजनू से हटकर संभल भी सकता हू तुमने जाना ही नहीं अब भी मुझको जानेमन तुमने पत्थर समझा मैं पिघल भी सकता हू अना को गोद में रखकर मुझे दिखाते हो हकीर समझों नही मैं बदल भी सकता हू तेरे जालों के इन हालों से अजी बचना है कफस ए इश्क से वाहिद निकल भी सकता हूं ©Irfan Saeed अगर कहो तो मैं दुनियां बदल भी सकता हूं तेरे कहे हुए वादों पे चल भी सकता हूं तुम ही क्या मुझको दगा दोगी इश्कबाजी में हालाते मजनू से हटकर सं
लेखक ओझा
शब्दों का जाल बुनता हूं कुछ खट्टी कुछ मीठी बातों से ही तो मैं दिखता हूं “लिखता हूं”।। ©लेखक ओझा #kitaab शब्दो का जाल
Ashraf Fani【असर】
लोगों ने कई तमाशे पाल रखे हैं ख़ुद को उलझाने को जाल रखे हैं ख़ुश फहमी या गलत फ़हमी समझो भरम के पीछे ख़ुद को बेहाल रखे हैं लोगों ने कई तमाशे पाल रखे हैं ©Ashraf Fani【असर】 लोगों ने कई तमाशे पाल रखे हैं ख़ुद को उलझाने को जाल रखे हैं ख़ुश फहमी या गलत फ़हमी समझो भरम के पीछे ख़ुद को बेहाल रखे हैं लोगों ने कई तमाशे