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Stories related to जब इंसान की जरूरत बदल जाती है

Akram Qumar

#lovelife पहली बार मिलने पर आंखों में उभरी चमक जब आंखों की उदासी में बदल जाती है, पहले स्पर्श की रूमानियत को सोचकर जब रूह छलनी होने लगती है,

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Unsplash यू आसान नहीं होता अलविदा कहना... 

पहली बार मिलने पर आंखों में उभरी चमक जब आंखों की उदासी में बदल जाती है, पहले स्पर्श की रूमानियत को सोचकर जब रूह छलनी होने लगती है, मामूली दर्द में भी जिसको ढूंढती हो नजरें,  फिर जब वही सबसे बड़ी पीड़ा बन जाती है,

जब अपनों के बीच भी जो सबसे अपना हो, वो गैरों के बीच भी सबसे ज्यादा गैर लगने लगता है, तब जाकर कहीं अलविदा कहने की हिम्मत आती है।

कितना मुश्किल होता होगा, दर्द से सुकून और सुकून से दर्द का सफर...
शायद तभी तो यूँ आसान नही होता अलविदा कहना...

©Akram Qumar #lovelife पहली बार मिलने पर आंखों में उभरी चमक जब आंखों की उदासी में बदल जाती है, पहले स्पर्श की रूमानियत को सोचकर जब रूह छलनी होने लगती है,

BROKENBOY

#Aasmaan जब मन कमजोर होता है... परिस्थितियां समस्या बन जाती हैं। जब मन स्थिर होता है... परिस्थितियां चुनौती बन जाती हैं।

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जब मन कमजोर होता है... 
परिस्थितियां समस्या बन जाती हैं।

जब मन स्थिर होता है... 
परिस्थितियां चुनौती बन जाती हैं।

जब मन मजबूत होता है... 
परिस्थितियां अवसर बन जाती हैं...

©BROKENBOY #Aasmaan 

जब मन कमजोर होता है... 
परिस्थितियां समस्या बन जाती हैं।

जब मन स्थिर होता है... 
परिस्थितियां चुनौती बन जाती हैं।

RUPESH Kr SINHA

#भटक रहा है हर इंसान

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Shreya Tiwari

Unsplash लोगों को लोगों की जरूरत ही क्यों?

©Shreya Tiwari #जरूरत

Nurul Shabd

#तेरी #हंसी की गूंज से घर की रौनक बढ़ जाती है Shayari

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नवनीत ठाकुर

#ये दौर कितना बदल गया है

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White क्या कहें, ये दौर कितना बदल गया,
हर इंसान अपने ही साए से जल गया।
इज्जत अब बस नामों तक रह गई है,
असलियत झूठ की चादर में ढह गई है।

जो सपने कभी जमीर ने सजाए थे,
अब दौलत की ठोकर से मिटाए गए हैं।
हर ख्वाब जो आँखों में पलता था,
उसकी कीमत सिक्कों में लिखी गई है।

मगर ये सिलसिला ज्यादा नहीं चलेगा,
हर झूठ का नकाब एक दिन गिरेगा।
ईमान की चिंगारी फिर शोला बनेगी,
और सच्चाई हर अंधेरे को जलेगी।

©नवनीत ठाकुर #ये दौर कितना बदल गया है

Poet Kuldeep Singh Ruhela

#जीवन आखिर इंसान मजबूर हो ही जाता है वक्त के हाथों जब इंसान की लगी लगाई जॉब छूट जाती हैं कोई नहीं रहता साधन कमाई का जब सारी हिम्मत ट

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White आखिर इंसान मजबूर हो ही 
जाता है वक्त के हाथों 
 जब इंसान की लगी लगाई  
जॉब छूट जाती हैं 
कोई नहीं रहता साधन कमाई का 
जब सारी हिम्मत टूट जाती हैं 
और अपने भी साथ छोड़ जाते है!


यही जीवन की सच्चाई है

©Poet Kuldeep Singh Ruhela #जीवन  आखिर इंसान मजबूर हो ही 
जाता है वक्त के हाथों 
 जब इंसान की लगी लगाई  
जॉब छूट जाती हैं 
कोई नहीं रहता साधन कमाई का 
जब सारी हिम्मत ट

Ganesh Din Pal

#इंसान बूढ़ा क्यों होता है

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White इंसान समय से पहले 
बूढ़ा हो जाए 
तो समझ लेना 
उसे अपनों ने 
और अपनी जिंदगी ने 
बहुत दुख दिए हैं, 
जब वह किसी के लिए 
रात दिन खटता है 
और फिर सुनने को मिलता है 
कि तुमने मेरे लिए किया ही क्या ? 
बस यही बातें उसे दिन-ब-दिन 
दीमक की तरह खाने लगती हैं।

©Ganesh Din Pal #इंसान बूढ़ा क्यों होता है

cldeewana

#Ind_vs_pak बदल गया है मौसम

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Anuj thakur "बेख़बर"

जरूरत

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White बहुत फर्क होता है जरूरी और जरूरत में 
कभी कभी हम सिर्फ जरूरत होते हैं जरूरी नहीं।

©Anuj thakur "बेख़बर" जरूरत
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