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Kavi Himanshu Pandey
देह की जलन, लोकतंत्र #beingoriginal Hindi #Politics #Poetry #nojotohindi
read moreBhanu Priya
मैं बहना चाहूं , काश ये नदी ले जाए मुझको , अर्द्धशीश डूबें तरंगनी में , खेलूं उन तरंगों से , सरिता तुम्हारा वारि , मुझको शांत कर दे , देह को छूती शीतल लहरें , जीवन में उत्साह भर दें , मैं बहती रहूं , कोई किनारा न मिलें , अनंत अंबर को देखूं महकती धरा से , नयनों की तृप्ति हो जाए , उड़ान भरते विहग , मुझको भी सागर तक ले जाए । ©Bhanu Priya मैं बहना चाहूं , काश ये नदी ले जाए मुझको , अर्द्धशीश डूबें तरंगनी में , खेलूं उन तरंगों से , सरिता तुम्हारा वारि , मुझको शांत कर दे , देह को
मैं बहना चाहूं , काश ये नदी ले जाए मुझको , अर्द्धशीश डूबें तरंगनी में , खेलूं उन तरंगों से , सरिता तुम्हारा वारि , मुझको शांत कर दे , देह को #Poetry
read moreबेजुबान शायर shivkumar
..........जिंदगी......... ये जिंदगी भी महज सांसों का खेल ही नही ये जिंदगी भी महज जीने का नाम ही नहीं जिंदगी तो एक वृहद सृष्टि का एक विस्तार है जिंदगी महज सीमित दृष्टि का ही नाम नही है जिंदगी आकाश है तो पताल भी है ये जिंदगी किसी के दायरे मे कभी कैद नही है ये जिंदगी भी मौसम की तरह ही रंग बदलती है ये जिंदगी भी तभी तो किसी उद्देश्य से बंधी है ये जिंदगी तु कुछ ऐसा कर की ये खत्म ही न हो ये जिंदगी भी किसी के देह जाने के बाद भी तो फलती है इस जिन्दगी मे हम आज भी हैं ,और कल भी रहेंगे ये जिंदगी तो इसी विश्वास का नाम तो है ©Shivkumar बेजुबान शायर #zindgi #Nojoto #nojotohindi #Nojotoindia ..........जिंदगी ......... ये जिंदगी भी महज #सांसों का खेल ही नही ये #जिंदगी भी महज जीने
#zindgi #nojotohindi #Nojotoindia ..........जिंदगी ......... ये जिंदगी भी महज #सांसों का खेल ही नही ये #जिंदगी भी महज जीने #कविता #रंग #मौसम #विश्वास #आकाश
read moreAnjali Srivastav
पा लिया वो देह मेरी, किन्तु मेरा मन न पाया। कृष्ण की मैं साधिका हूँ, कृष्ण को दिल में बसाया।। इस जमाने में कहो कब, प्रेम को सम्मान मिलता । जोगिनी मीरा के हिस्से में सदा विष-पात्र आया ।। ©Anjali Srivastav पा लिया वो देह मेरी, किन्तु मेरा मन न पाया। कृष्ण की मैं साधिका हूँ, कृष्ण को दिल में बसाया।। इस जमाने में कहो कब, प्रेम को सम्मान मिलता ।
पा लिया वो देह मेरी, किन्तु मेरा मन न पाया। कृष्ण की मैं साधिका हूँ, कृष्ण को दिल में बसाया।। इस जमाने में कहो कब, प्रेम को सम्मान मिलता । #कविता
read moreबेजुबान शायर shivkumar
" प्रेम का भाव तो तुच्छ मन से ही होता हैं, मूर्ख हैं वो लोग जो इसे देह और भौतिक को तुम उन वस्तुओं से क्यो तोलते हैं " ©Shivkumar एक गुमनाम शायर #thought #motivatation #Quotes #Nojoto " #प्रेम का #भाव तो तुच्छ #मन से ही होता हैं, #मूर्ख हैं वो लोग जो इसे देह और #भौतिक को तुम उन #
Arora PR
White बचा कर रखो सुरक्षित अपनी इस दुबली पतली कागज़ की देह क़ो हो सकता ये तेज़ हवाएं तुम्हे परिंदो की तरह आकाश की तरफ उड़ा कर न लें जाए ©Arora PR कागज़ी देह
कागज़ी देह #कविता
read moreRajkumar Siwachiya
White जाने वाला कभी रूक्या हैं क्या अनखी इंसान कभी झुक्या हैं क्या मौक़ा परस्ती कभी मौका चुक्या हैं क्या मेहनत करने वाला कभी मुक्या हैं क्या बेशर्म मनुष्य कभी सच में दुख्या हैं क्या कभी किसान के देह से पसीना सुख्या हैं क्या ✨🧐✨🥷🔭📙🖋️ - Rajkumar Siwachiya ✍️♠️ ©Rajkumar Siwachiya कभी किसान के देह से पसीना सुख्या हैं क्या ✨🥷✨🌪️🔭📙🖋️ - Rajkumar Siwachiya ✍️♠️#alone_quotes #rajkumarsiwachiya #oyedesi #haryanvi #haryana #
कभी किसान के देह से पसीना सुख्या हैं क्या ✨🥷✨🌪️🔭📙🖋️ - Rajkumar Siwachiya ✍️♠️alone_quotes #rajkumarsiwachiya #oyedesi #Haryanvi #Haryana # #bhiwani #Loharu #JhumpaKalan #Jhumpa_Kalan
read morekumar shivam hindustani
White स्वप्नों के लिए स्वप्न तोड़ रहे खुद से खुद का मन मोड़ रहे पंक्षी पंथी सब पड़े विराने में डगमग करते देह छोड़ रहे ..पर .. आकाश पवन में उड़ता देखा बाधाओं से भिड़ते देखा चिंगारी लिए जिगर में शमशीरों को लड़ते देखा उम्मीदों के सागर में जज्बातों के गागर में मिट्टी मिट्टी रोता जग आखों से मोती खोता खग घन तिमिर के काले वन में हिम्मत की मशाल जला उठा शस्त्र और उतर रण में मानव स्वप्न साकार करने चला ©kumar shivam hindustani स्वप्नों के लिए स्वप्न तोड़ रहे खुद से खुद का मन मोड़ रहे पंक्षी पंथी सब पड़े विराने में डगमग करते देह छोड़ रहे पर आकाश पवन में उड़ता देखा बाधाओ
स्वप्नों के लिए स्वप्न तोड़ रहे खुद से खुद का मन मोड़ रहे पंक्षी पंथी सब पड़े विराने में डगमग करते देह छोड़ रहे पर आकाश पवन में उड़ता देखा बाधाओ #Motivational #Trending #motivatation
read moreअदनासा-
कण-कण से मेरी उत्पत्ति हुई मैं केवल कण हूं , पुनः कण-कण में ही यह देह घुल-मिल जाएगा । बावला है वह मनुष्य जो कहे भगवान कहाँ है ? क्या कण में मानव में निस्संदेह भगवान देखेगा ? ©अदनासा- #हिंदी #मैं… #देह #कणकण #पुनः #घुलमिल #निसंदेह #भगवान #Instagram #अदनासा
Himanshu Prajapati
हे भगवान मेहरारू भले करिया देह, लेकिन गढ़न तनी बढ़िया देह, नहीं त सुहागरात के दिन घूंघट उठवत हम डर जाब, सुहागरात से पहले ही मर जाब..! ©Himanshu Prajapati #boatclub हे भगवान मेहरारू भले करिया देह, लेकिन गढ़न तनी बढ़िया देह, नहीं त सुहागरात के दिन घूंघट उठवत हम डर जाब, सुहागरात से पहले ही मर ज