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Rk

# गवार प्यार #

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White हमने उनको खत लिखा... नाही ब्लू शाही से ..नi लहू के लाल रंग से...हमने लिखा अपने दर्द भरे आंसुओं से.
ताकि वह मेरा ग़म पढ़ना सके. उन्होंने  खत मेरा हस्ते हस्ते हाथ में थाम लिया. और खोला तो कोरा कागज दिखा वह समझे हम मस्ती करते हे. इसलिए शर्म से मुस्कुराए और कहा पहले लिखना सीखो . हम ने कहा अच्छा हे अपने पढ़ना नहीं सीखा

©Rk # गवार प्यार #

Anjali Singhal

"बिन पढ़े वकालत तो हम फिर भी लड़ लें! इश्क़ में हारे हुए दिल से कैसे लड़ें!!" #AnjaliSinghal #Shayari #ishq nojoto

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"बिन पढ़े वकालत तो हम फिर भी लड़ लें!
इश्क़ में हारे हुए दिल से कैसे लड़ें!!"

©Anjali Singhal "बिन पढ़े वकालत तो हम फिर भी लड़ लें!
इश्क़ में हारे हुए दिल से कैसे लड़ें!!"

#AnjaliSinghal #shayari #ishq #nojoto

Bhupendra Rawat

#Sad_Status मैने जो किस्से लिखे है वो मेरे हिस्से मे आयेंगे दर्द के सैलाब मे भी तबस्सुम खिलाएंगे अगर पढ़ोगी तुम हरेक किस्सा तो रूठे पल याद

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White मैने जो किस्से लिखे है
वो मेरे हिस्से मे आयेंगे
दर्द के सैलाब मे भी
तबस्सुम खिलाएंगे
अगर पढ़ोगी तुम हरेक किस्सा 
तो रूठे पल याद आयेंगे
तुम ही आरम्भ थी और अब 
तुम ही अंत हो इसका
कारण पूछा अगर तुमने तो  
हम बस मुसकराएँगे
हंसी का मुखोटा साथ लाये है
जख्म को अपने मरहम बनाएंगे
देखते रहना हौसलों को तुम
दर्द के सैलाब मे भी कश्ती लेहरायेंगे

©Bhupendra Rawat #Sad_Status मैने जो किस्से लिखे है
वो मेरे हिस्से मे आयेंगे
दर्द के सैलाब मे भी
तबस्सुम खिलाएंगे
अगर पढ़ोगी तुम हरेक किस्सा 
तो रूठे पल याद

theABHAYSINGH_BIPIN

#moon_day ये कच्ची उम्र के लड़के, इश्क़ मुझे सिखाते हैं, हर गली में भंवरे बनकर, फूलों पर मंडराते हैं। साहिबा को मानकर मूरत, ख़ुद को मिर्ज़

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White ये कच्ची उम्र के लड़के, इश्क़ मुझे सिखाते हैं,
हर गली में भंवरे बनकर, फूलों पर मंडराते हैं।
साहिबा को मानकर मूरत, ख़ुद को मिर्ज़ा बताते हैं,
हीर-रांझा की क़िस्सागोई में, अपने दिल बहलाते हैं।

इश्क़ की हक़ीक़त से, ये नादान अनजान हैं,
सिर्फ़ कलियों की ख़ुशबू तक, इनके अरमान हैं।
हमने सदियों इश्क़ के हरम में, वक़्त गुज़ारे हैं,
सब्र-ए-इश्क़ का मतलब, इनसे बेहतर समझे हैं।

ये कच्ची उम्र के लड़के, इश्क़ को खेल समझते हैं,
हर दर्द-ए-दिल को, बस अफ़साना कहते हैं।
इश्क़ की राहों में, सब्र का इम्तिहान होता है,
हर आशिक़ का दिल, सच्चे इश्क़ का मक़ाम होता है।

इनकी मोहब्बत में, गहराई की कमी है,
सिर्फ़ बाहरी चमक-धमक, दिलों में नर्मी है।
इश्क़ की असलियत, तजुर्बे से समझ आती है,
हर दिल में मोहब्बत की, अलग ही कहानी बसी है।

ये कच्ची उम्र के लड़के, इश्क़ मुझे सिखाते हैं,
पर इश्क़ की गहराई को, कहां ये समझ पाते हैं।
हमने इश्क़ में सब्र और वफ़ा के क़िस्से लिखे हैं,
इनकी मोहब्बत में, बस ख़्वाबों के सिलसिले हैं।

©theABHAYSINGH_BIPIN #moon_day 

ये कच्ची उम्र के लड़के, इश्क़ मुझे सिखाते हैं,
हर गली में भंवरे बनकर, फूलों पर मंडराते हैं।
साहिबा को मानकर मूरत, ख़ुद को मिर्ज़

theABHAYSINGH_BIPIN

#sad_quotes वर्षों से आग जलती रही, बुझाई नहीं सेज प्यार की हमारी भी सजाई नहीं वक्त ने किस हद तक हाशिए पर रखा हमें, लिखे हजार ख़त, उस तक पहु

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White वर्षों से आग जलती रही, बुझाई नहीं
सेज प्यार की हमारी भी सजाई नहीं
वक्त ने किस हद तक हाशिए पर रखा हमें,
लिखे हजार ख़त, उस तक पहुँचाई नहीं

अफवाहों के किस्से फैलते अखबारों में,
सच्ची कहानी मेरी, कभी सुनाई नहीं 
छुपाकर रखा मुझसे मेरे ही राज़ सारे,
किसी से भी मेरी कभी लड़ाई नहीं 

कितना यकीन था, सब मेरे थे यहाँ,
मेरी आँखों से वो पर्दा हटाई नहीं
उसने भी ढूँढ लिया अकेलेपन की दवा,
किए हजारों वादे, पर कोई निभाई नहीं

किससे शिकायत करूँ, सभी अपने ही थे,
खंजर से भरे हाथ, जो कभी दिखाई नहीं 
कैसे लिखूँ अपने ही मारे जाने की कहानी,
ये राज़, जो खुद से भी बताई नहीं

फैसला कहाँ हुआ, मेरी अर्ज़ियों का,
झूठ से मेरी कभी रिहाई हुई नहीं 
हाशिए पर आकर भी यकीन है मुझे,
अभय, दुनिया से अभी सच्चाई गई नहीं

©theABHAYSINGH_BIPIN #sad_quotes 
वर्षों से आग जलती रही, बुझाई नहीं
सेज प्यार की हमारी भी सजाई नहीं
वक्त ने किस हद तक हाशिए पर रखा हमें,
लिखे हजार ख़त, उस तक पहु

बेजुबान शायर shivkumar

रोज सुबह उठकर आने वाला मेरा ख्वाब हो तुम। कोरे पन्नों पर लिखे हर वो मेरे अल्फाज हो तुम। जिसकी रोज कल्पना करूं अगर वह आज हो तुम। मेरे दिल

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रोज सुबह उठकर आने वाला मेरा ख्वाब हो तुम। 
कोरे पन्नों पर लिखे हर वो मेरे अल्फाज हो तुम।

जिसकी रोज कल्पना करूं अगर वह आज हो तुम। 
मेरे दिल के हर वो गम-ए-जख्मों का इलाज हो तुम।

सदियों से चले आने वाला वो रिति-रिवाज हो तुम 
उस इश्क के मकान में भरे मेरे इम्तियाज हो तुम।

सोच कर तुम्हें ही अपने साथ मे हम भी मुस्कुराते हैं..
पर क्या करें अभी इस चेहरे से यु नाराज हो तुम ।।🪷👀

©बेजुबान शायर shivkumar रोज सुबह उठकर आने वाला मेरा ख्वाब हो तुम। 
कोरे पन्नों पर लिखे हर वो मेरे अल्फाज हो तुम।

जिसकी रोज कल्पना करूं अगर वह आज हो तुम। 
मेरे दिल
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