Find the Latest Status about shayari on sukun from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, shayari on sukun.
Kamlesh Kandpal
जानवरों की जरूरतें कम है यारा तभी तो वह सोते हैं पूरसुकून से, इंसान की जरूरतें ऎसी भी क्या हैं जो वह होली भी खेल लेते हैं खून से। ©Kamlesh Kandpal #sukun
Writter/Singer. M .Sagar
White liku to likh du kitab us par magar dar hai ki padne wala uska diwana na ho jaye.. ©Writter/Singer. M .Sagar #love_shayari #sukun #sahsapalikahsaska
#love_shayari #sukun #sahsapalikahsaska
read moreᴋʜᴀɴ ꜱᴀʜᴀʙ
तड़प के देखो किसी की चाहत में, तो पता चले कि इंतज़ार क्या होता है, यूँ ही मिल जाये अगर कोई बिना तड़पे, तो कैसे पता चलेकि प्यार क्या होता है..! ©ᴋʜᴀɴ ꜱᴀʜᴀʙ shayari on love shayari attitude shayari status shayari on life
shayari on love shayari attitude shayari status shayari on life
read moreKamlesh Kandpal
कमलेश पहाड़ो में कितना सुकून है यहाँ बिखरा नहीं किसी का खून है हरियाली की चादर फैली है इस तरह कि जर्रे जर्रे में जीने का जूनून है ©Kamlesh Kandpal #sukun
Pooja Rai
आधुनिकता मे सब कुछ तो है मगर, सुकून सिर्फ आध्यात्मिकता से जुड़ा है...❤️🚩 © Pooja Rai sukun
sukun
read moreKamlesh Kandpal
घर बदल कर भी देखा, पर सुकून न मिला जाति,मजहब बदला,पर बदला खून न मिला रवायतों,किताबों से चलते रह गये हम, कमलेश नया रस्ता बनाने का किसी में भी जूनून न मिला। छोटा -बड़ा, ऊंच -नीच दिमागी बीमारी है महज क्या जीने का हमें, इससे बेहतर मजमून न मिला झपटने, नोंचने की महारत सबने हासिल की है शख्स कोई भी ऐसा नहीं, जिसके नाख़ून न मिला ©Kamlesh Kandpal #sukun
Ruchi Jha
White नये मकानों को ढूंढ रहे हैं, अपना घर छोड़ने के बाद। गैरों पर ऐतबार बढ़ चला हैं, अपनों का साथ छोड़ने के बाद। काली रातों की ठंडक अच्छी लगने लगी हैं, दिन में जलते सूरज के ताप से तपने के बाद। मोड़दार रास्तों के आदी हो चुके हैं, सीधे पथों पर चलकर भी खोने के बाद। गुमनाम होने में मज़ा आने लगा हैं, कभी महफ़िलों की शान होने के बाद। उम्मीद की लकीरें कोरे कागज़ों पर भी दिखने लगी हैं, उम्दा हर्फ से सजे किताबों से नाउम्मीदी के बाद। ©Ruchi Jha #moonlight #Random #hindipoetry #sukun
#moonlight #Random #hindipoetry #sukun
read moreगुमनाम शायर
Badi mushkilo ke baad aaj isse dil ko chain aaya hai,badi mudato ke baad mera isse jeevan me chain aaya,kuch pal hi sahi mujhe jeene do sukun se,kyuki badi mudato ke baad mere hisae me ye khula aasman aaya hai. ©गुमनाम शायर #sukun
Kamlesh Kandpal
जैसे सब जीते हैं ऐसे ही क्यों जीना वही नाच गाने,वही सब खाना पीना हिरन के भीतर छुपी होती है जैसे कस्तूरी ऐसे हम सब के भीतर छुपा है एक नगीना वक़्त बेबसी में गुजर रहा है सबका कमलेश दिन पीछे छूट रहें है, छूट रहा है महीना। हर मौसम में सुकून की तलाश करते रहे सुकून की तलाश छूटा है कई बार पसीना ©Kamlesh Kandpal #sukun