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सिद्धार्थ मिश्र स्वतंत्र
shamawritesBebaak_शमीम अख्तर
Bambhu Kumar (बम्भू)
Rupam Rajbhar
हम, भारत के लोग भारत के लोग, भारत को एक संपूर्ण प्रभुत्वसंपन्न समाजवादी पंथनिरपेक्ष लो कतंत्रात्मक गणराज्य[1] बनाने के लिए, तथा उसके समस्त नागरिकों को: सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक न्याय, विचार, अभिव्यक्ति, विश्वास, धर्म और उपास ना की स्वतंत्रता, प्रतिष्ठा और अवसर की समता, प्राप्त कराने के लिए, तथा उन सब में, व्यक्ति की गरिमा और राष्ट्र की एकता और अखण्डता[2] सुनिश्चित कराने वाली , बन्धुता बढ़ाने के लिए, दृढ़ संकल्पित होकर अपनी संविधानसभा में आज तारीख 26 नवम्बर 1949 ईस्वी (मिति मार्गशीर्ष शुक्ल सप्तमी, संवत दो हजार छह विक्रमी) को एतद् द्वारा इस संविधान को अंगकृकित , अधिनियमित और आत्मार्पित करते हैं। ( कॉपिड by Wikipedia) #प्रस्तावना
Dev
हम, भारत के लोग भारत को एक संपूर्ण प्रभुत्व सम्पन्न समाजवादी,पंथ निरपेक्ष, लोकतंत्रात्मक गणराज्य बनाने के लिए तथा उसके समस्त नागरिकों को सामाजिक आर्थिक राजनीतिक न्याय विचार अभिव्यक्ति विश्वास धर्म और उपासना की स्वतंत्रता प्रतिष्ठा और अवसर की समता प्राप्त करने के लिए तथा उन सब मे व्यक्ति की गरिमा और राष्ट्र की एकता और अखंडता सुनिश्चित करने वाली बंधुता बढ़ाने के लिए दृनसंकल्प होकर संविधान सभा मे आज तारीख 26 नवम्बर 1949 ई. को एतद द्वारा इस संविधान को अंगीकृत, अधिनियमित और आत्मार्पित करते हैं। INDIA THAT IS BHARAT.. # संविधान की प्रस्तावना।
JS GURJAR
हम, भारत के लोग "हम, भारत के लोग, भारत को एक सम्पूर्ण प्रभुत्व - सम्पन्न, समाजवादी, पन्थ- निरपेक्ष, लोकतन्त्रात्मक गणराज्य बनाने के लिए तथा उसके समस्त नागरिको कों समाजिक, आर्थिक और २ाजनैतिक न्याय, विचार, अभिव्यक्ति, विश्वास, धर्म और उपासना की स्वतन्त्रता, प्रतिष्ठा और अवसर की समता प्राप्त कराने के लिए तथा उन सब में व्यक्ति की गरिमा और राष्ट् की एकता और अखण्डता सुनिश्चित करने वाली बंधुता बढ़ाने के लिए दृढ़ संकल्प होकर अपनी इस संविधानसभा में आज तारीख २० नवम्बर, 1949( मिति मार्गशीर्ष शुक्ला सप्तमी, संवत् दो हजार छः विक्रमी) को एतद् द्वारा इस संविधान को अंगीकृत अधिनियमित और आत्मार्पित करते।" नोट - संवैधानिक सलाहकार बी एन राव द्वार प्रस्ताव का प्रारूप तैयार किया गया था। संविधान की प्रस्तावना
komal saha
हम, भारत के लोग भारत को एक संपूर्ण प्रभुत्व संपन्न समाजवादी , पंथ-निरपेक्ष, लोकतंत्रात्मक गणराज्य बनाने के लिए तथा उनके समस्त नागरिकों को सामाजिक, आर्थिक ,राजनीतिक न्याय, विचार ,अभिव्यक्ति ,विश्वास ,धर्म और उपासना की स्वतंत्रता प्रतिष्ठा और अवसर की समता प्राप्त कराने के लिए तथा उन सब में व्यक्ति की गरिमा और राष्ट्र की एकता और अखंडता सुनिश्चित करने वाली तथा बंधुता बढ़ाने के लिए दृढ़ संकल्प हो कर अपनी इस संविधान सभा में एतद् द्वारा इस संविधान को अंगीकृत अधिनियमित और आत्मार्पित करते हैं।। संविधान का प्रस्तावना