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Stories related to दिया जलता रहा

अनिल कसेर "उजाला"

रोने न दिया

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unique writer

बदल दिया हमने

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नवनीत ठाकुर

#नवनीतठाकुर कभी जो डर से जूझ रहा था, अब आकाश ने उसे अपनी ओर खींच लिया। कभी जो डर से जूझ रहा था, अब नभ ने उसे अपनी बाहों में समेट लिया।

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कभी जो डर से जूझ रहा था, 
अब आकाश ने उसे अपनी ओर खींच लिया।

कभी जो डर से जूझ रहा था, 
अब नभ ने उसे अपनी बाहों में समेट लिया।

कभी जो डर से जूझ रहा था, 
अब फलक ने उसे अपनी सीमाओं से परे पहुंचा दिया।

कभी जो डर से जूझ रहा था, 
अब आसमान ने उसे अपनी तरह चमका दिया।

©नवनीत ठाकुर #नवनीतठाकुर 
कभी जो डर से जूझ रहा था, 
अब आकाश ने उसे अपनी ओर खींच लिया।

कभी जो डर से जूझ रहा था, 
अब नभ ने उसे अपनी बाहों में समेट लिया।

Himanshu Prajapati

#findyourself खामोशियों से घिरा रहा मैं, एक बदतमीजी ने शोर-ए-आजाद कर दिया जिंदगी को..! #36gyan #hpstrange

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खामोशियों से घिरा रहा मैं,
एक बदतमीजी ने शोर-ए-आजाद 
कर दिया जिंदगी को..!

©Himanshu Prajapati #findyourself खामोशियों से घिरा रहा मैं,
एक बदतमीजी ने शोर-ए-आजाद 
कर दिया जिंदगी को..!
#36gyan #hpstrange

Shashi Bhushan Mishra

#दीप जलता है सदन में#

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दीप जलता है सदन में,
अंधेरा है व्याप्त मन में,

चलाता है श्वास सबका,
वही रक्षक  है  भुवन में,

प्रेम और विश्वास से ही,
प्रकट होते  ईश क्षण में,

कर रहे  गुणगान  सारे,
धरा से लेकर  गगन में,

सिंधु से जलश्रोत लेता,
वही भरता नीर घन में,

जागता है साथ हरपल,
साथ रहता है  सयन में,

हृदय में है व्याप्त गुंजन,
बसा ले उसको नयन में,
-शशि भूषण मिश्र 'गुंजन'
      प्रयागराज उ०प्र०

©Shashi Bhushan Mishra #दीप जलता है सदन में#

Bhupendra Deep

#sad_dp जा रहा हूँ

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White क्या चल रहा जीवन में बस ये ना पूछ
काटों भरे रस्तों पर चलता जा रहा हूं
हसीन थे वो लम्हे जो गुजर गए अरसो पहले
चन्द यादों के सहारे संभलता आ रहा हूँ

ये दिल टूटने का गम अब तू मुझसे ना पूछ
परिवार के लिए कोई अपना ढूंढता जा रहा हूं
मै अपना हुआ और पराया भी कई दफ़ा पहले
बस अब हमसफ़र की तलाश में घुमता आ रहा हूँ

सोचे थे जो सारे सपने एक चेहरे के साथ मैंने
अब उस चेहरे की याद को ठुकराता जा रहा हूँ
तोड़ा मेरा दिल और वो सारे सपने जिसने
उस दर्द को छुपाते  मुस्कुराता आ रहा हूँ

अब दोबारा दिल्लगी की कोई जरूरत नहीं मुझको
मैं सबको अपनी दास्तां सुनाता जा रहा हूं
मेरी साथी मेरी मंजिल मैंने सब पाकर देखा
 हकीकत मे कुछ वादे मैं अकेले गुनगुनाते आ रहा हूं...

©Bhupendra Deep #sad_dp जा रहा हूँ
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