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नवनीत ठाकुर

#नवनीतठाकुर आए तो यूँ जैसे रहम का मक्सद हो, भूले तो यूँ जैसे कभी हम नहीं थे। तेरी मौजूदगी में दिल को था सुकून, ग़म हुआ तो यूँ जैसे तुम ही

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आए तो यूँ जैसे रहम का मक्सद हो,
भूले तो यूँ जैसे कभी हम नहीं थे।

तेरी मौजूदगी में दिल को था सुकून,
ग़म हुआ तो यूँ जैसे तुम ही नहीं थे।

©नवनीत ठाकुर #नवनीतठाकुर 
आए तो यूँ जैसे रहम का मक्सद हो,
भूले तो यूँ जैसे कभी हम नहीं थे।

तेरी मौजूदगी में दिल को था सुकून,
ग़म हुआ तो यूँ जैसे तुम ही

नवनीत ठाकुर

#नवनीतठाकुर दिल के गहरे कोने में जो दर्द छुपाए थे, वो कोई था, जो हर राज़ जानने वाला था। राहों में तन्हाई के साये थे, फिर भी उम्मीदें ज़िंद

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दिल के गहरे कोने में जो दर्द छुपाए थे,
वो कोई था, जो हर राज़ जानने वाला था।

राहों में तन्हाई के साये थे, फिर भी उम्मीदें ज़िंदा थीं,
 हमें यकीन था, कोई तो हमारा था।

ग़मों की धुंध में कभी उसने हंसी दी थी,
अब वही शख़्स, हमें छोड़कर जा रहा था।

©नवनीत ठाकुर #नवनीतठाकुर 
दिल के गहरे कोने में जो दर्द छुपाए थे,
वो कोई था, जो हर राज़ जानने वाला था।

राहों में तन्हाई के साये थे, फिर भी उम्मीदें ज़िंद

नवनीत ठाकुर

#नवनीतठाकुर ज़िंदगी के हर मोड़ पर इम्तिहान ही तो है, हर जीत के पीछे छुपा अरमान ही तो है। ग़म का हर लम्हा सिखाता है सब्र, हर रात के बाद सहर

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ज़िंदगी के हर मोड़ पर इम्तिहान ही तो है,
हर जीत के पीछे छुपा अरमान ही तो है।
ग़म का हर लम्हा सिखाता है सब्र,
हर रात के बाद सहर की पहचान ही तो है।

©नवनीत ठाकुर #नवनीतठाकुर 
ज़िंदगी के हर मोड़ पर इम्तिहान ही तो है,
हर जीत के पीछे छुपा अरमान ही तो है।
ग़म का हर लम्हा सिखाता है सब्र,
हर रात के बाद सहर

HEENA PAL

हज़ार ग़म है खुलासा कौन करे, मुस्कुरा देता हूँ तमाशा कौन करे !❤️💯

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नवनीत ठाकुर

#हर रात की तन्हाई में चांदनी खो जाती है, सहर की रोशनी भी धुंधली हो जाती है। जिन लम्हों ने दिल पर दस्तक दी थी कभी, उन्हें दरकिनार किया जाए तो

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White हर रात की तन्हाई में चांदनी खो जाती है,
सहर की रोशनी भी धुंधली हो जाती है।
जिन लम्हों ने दिल पर दस्तक दी थी कभी,
उन्हें दरकिनार किया जाए तो मुश्किल होगी।

दर्द ने संवार दी हैं ये तहरीरें दिल की,
ग़म ने निखार दी हैं तस्वीरें दिल की।
हर कहानी का एक हिस्सा बन चुका हूँ मैं,
खुद को मिटाया जाए तो मुश्किल होगी।

आसमान से तारे भी पूछते हैं सवाल,
क्यों उजाले में भी दिखता है ये मलाल?
ज़िंदगी के हर ग़म को हमने गले लगाया,
अब उन्हें छोड़ दिया जाए तो मुश्किल होगी।

©नवनीत ठाकुर #हर रात की तन्हाई में चांदनी खो जाती है,
सहर की रोशनी भी धुंधली हो जाती है।
जिन लम्हों ने दिल पर दस्तक दी थी कभी,
उन्हें दरकिनार किया जाए तो

नवनीत ठाकुर

#वक्त की रेत हाथों से यूँ फिसलती रही, हर ख्वाब के पीछे, गहरे दर्द का ग़म छुपा हुआ मिला।

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वक्त की रेत हाथों से यूँ फिसलती रही,
हर पल में एक नई तलाश, जीने की राह चली।
छोटी सी जिंदगी, एक बड़ी सी दास्तान बन गई,
कुछ खोने के बाद ही, उसकी असली कीमत समझी हमने।

वक्त ने सब कुछ छीन लिया, पर बहुत कुछ सिखा भी दिया,
हर ख्वाब के पीछे, गहरे दर्द का ग़म छुपा हुआ मिला।
वक्त ने छीना, मगर आईना भी साफ़ दिखा गया,
जो मिला था, उसे संभालना हमें सिखा गया।

©नवनीत ठाकुर #वक्त की रेत हाथों से यूँ फिसलती रही,
हर ख्वाब के पीछे, गहरे दर्द का ग़म छुपा हुआ मिला।

Nurul Shabd

#तेरी #मौजूदगी #में हर ग़म भी लगने लगता है हल्का Shayari

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नवनीत ठाकुर

"उठाओ जाम, बहा दो हर ग़म की याद, आज के पल में छुपा है हर सवेर का राज। हँसी में डूबा दो हर दर्द की बात, दिलों में फिर से बसा दो वो पुराना साथ

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"उठाओ जाम, बहा दो हर ग़म की याद,
आज के पल में छुपा है हर सवेर का राज।
हँसी में डूबा दो हर दर्द की बात,
दिलों में फिर से बसा दो वो पुराना साथ,
मयखाना खोल दो, मिले हैं यार दो साल बाद।"
हर दिल से मिटा दो दूरी की साज़िश,
महफ़िल को बना दो जन्नत की सौगात।"

©नवनीत ठाकुर "उठाओ जाम, बहा दो हर ग़म की याद,
आज के पल में छुपा है हर सवेर का राज।
हँसी में डूबा दो हर दर्द की बात,
दिलों में फिर से बसा दो वो पुराना साथ

नवनीत ठाकुर

#लफ़्ज़ कम हों, पर एहसास गहरा देना, मुलाकात को यादों का चेहरा देना। उसकी हंसी में जन्नत का नूर दिखे, उसे देखकर, हर ग़म को किनारा देना।

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White लफ़्ज़ कम हों, पर एहसास गहरा देना,
मुलाकात को यादों का चेहरा देना।
उसकी हंसी में जन्नत का नूर दिखे,
उसे देखकर, हर ग़म को किनारा देना।

©नवनीत ठाकुर #लफ़्ज़ कम हों, पर एहसास गहरा देना,
मुलाकात को यादों का चेहरा देना।
उसकी हंसी में जन्नत का नूर दिखे,
उसे देखकर, हर ग़म को किनारा देना।

Shailendra Anand

Extraterrestrial life ््दर्द ऐं ग़म पर जिंदगी ्््््कवि शैलेंद्र आनंद

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रचना दिनांक 25,, नवम्बर 2024,,
वार।  सोमवार 
समय सुबह पांच बजे
्््भावचित्र ््
््््छाया चित्र में सिनहरियो में झिलमिलाते तारे सितारे एक अलग ही सुन्दर अपनी बात को लेकर खुश हो प्यारा सा जीवन में कुछ भी कर रहे हैं,,
 ऐसा प्रतीत होता देख रही है प्रेम मूर्ति प्रेम शब्द से जन्मा विचार सच है ्््

निज विचार ््
्भावचित्र ्
्शीर्षक ्
््दर्द ऐं ग़म पर जमाना हंसेगा,
फ़कत अश्क आंखों में हमको छुपाना पड़ा््
         कहे तो जाने अंजाने में,,
आंखें यूंही बदनाम हो गई ््
प्यार करने वाले खूद ही खुद से,,
 सवाल जवाब बन गये।।1 ।।
जो प्यार नहीं करते है वो प्यार के,,
 मायने क्या समझेगे।।2 ।।
वो बस झुठे किस्से ख्याली पुलाव,,
बनाने वाले होते हैं ।।3 ।।
जिन्हें किसी की मोहब्बत भरी नज़रों से,,
ना था कोई वास्ता ना,ही, कोई रिश्ता नाता,
बस वो ग़म ऐं द़र्द पर जिंदगी के मज़ाक उड़ाते हैं।।4 ।।
वो लफ्जो का मोल अश्कों का तोल ,,
और मेरे प्यारे नयनों में ढलकते अश्कों के 
छुपने का प्रहर।।5 ।।
 मेरी मुस्कान मन्द अधर पर ले उड़े होश का आनंद लें,,
 जो कोमल सा गुलाबी से लाल हो,प्यारी सी जीवन शैली ।।6 ।।
शैलेंद्र आनंद की सज गई तस्वीर,,
 मेरे प्यार की रंगत इस ज़माने में।।7 ।।
            ्््कवि््शैलेन्द़ आनंद 
25,,, नवम्बर,,2024

©Shailendra Anand  Extraterrestrial life
््दर्द ऐं ग़म पर जिंदगी
्््््कवि शैलेंद्र आनंद
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