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SAHIL WARSI (BATTAMIJ £ONDA)
जने हशीन थी और फूल चुन के लाती थी मै शेर कहता था वो दास्ता सुनाती थी मुनाफीको को मेरा नाम जहर लगता था वो जानबुझ के गुस्सा उन्हे दिलाती थी साहिल से दूर रहो लोग उसे कहते थे वो मेरा सच है बहोत चीख कर बताती थी साहिल ये लोग तुम्हे जानते नही है अभी गले लगा के मेरा हौसला बढ़ाती थी उसे किसी से मुहब्बत थी और वो मै नही था ये बात मुझसे ज्यादा उसे रुलाती थी मै उसके बाद कभी ठीक से नही जागा वो मुझको ख्वाब नही नींद से जगाती थी हिंदी लहू था रगो मे बदन सुनहरा था वो मुस्कुराती नही थी दिये जलाती थी ✍BATTAMIJ£ONDA मेरी नई ग़ज़ल
Kalicharan Saxena 'Dhool'
क्या है उसकी अजब कहानी पता नहीं है कब तक अपना दाना पानी पता नहीं है ***************************** रावण और सिकंदर कितने चले गए हैं हो गई सबकी खत्म कहानी पता नहीं है ****************************** जल्लादों, कातिलों और शैतानों का भी क्यों होता चेहरा इंसानी पता नहीं है ****************************** अब इंसानों की बस्ती में डर लगता है कब हो जाएगी कुर्बानी पता नहीं है ****************************** हमको सब दिखते हैं अब भगवान यहां कब तक चलेगी ये शैतानी पता नहीं है ****************************** हर कूचें, गली, मोहल्ले में हमने देखा है कहां गई वो प्रीत पुरानी पता नहीं है ******************************* कितना अत्याचार बढ़ गया दुनिया में अब कब आओगी मातु भवानी पता नहीं है ******************************* ''धूल'' धूल को धूल समझ कर बैठा है हम भी हैं पक्के सिर दानी पता नहीं है ©Kalicharan Saxena 'Dhool' ग़ज़ल नई रचना #Sunrise
Lalit Rang
एक नई ग़ज़ल आपकेएक नई ग़ज़ल आपके हुजूर ©Lalit Rang एक नई ग़ज़ल आपके हुज़ूर
Prem Narayan Shrivastava
ये हमारी भी कैसी मजबूरी थी तुमसे शिकवा कर नहीं सकते ज़ख्म भी दिए तूने हजार मगर कह नहीं सकते थे ये तुम्हारी गलतफहमियां है बेवफा की राह हमें मंज़ूर है मगर शायद मालूम नहीं खिलाफत कर नहीं सकते थे हम पे जो गुजरी है खुदा करे तुझ पे न गुज़रे कभी दिल भी तोड़ दोगे तो बद्दुआ कत्तई हम दे नहीं सकते थे वो दिन कितने मनहूस थे जब मुसीबत की रातें गुजारी थी तेरा रुतबा परख कर हम अर्ज़ कर नहीं सकते थे रात था मै कश्मश में इस कदर की तन्हा के आलम में अहल दिल मुश्किल में है क्या करूं कह नहीं सकते थे 😍मेरी इक और नायाब ग़ज़ल दर्द ए ज़िन्दगी😍 ©Prem Narayan Shrivastava मेरी इक नई ग़ज़ल #holdmyhand
Sony Patel
love you 🙏 ©Sony Patel मेरे नई ग़ज़ल में आप सभी को राम राम 🙏🙏🙏🌺
Prem Narayan Shrivastava
मोहब्बत भी किसी से इतना करो की दिल संभल जाए किसी को इस कदर भी न चाहो की दम निकल जाए मिले हो बहुत दिनों बाद आओ ताजा कर लें भूली यादें भी इस कदर की रूह गर्मी ए एहसास से पिघल जाए जब से तुझे देखा मोहब्बत से दिल मेरा अजीब धड़का है मगर डर ये की न जाने कब तेरा रस्ता बदल जाए ख्वाब में हुई ये मोहब्बत भी कैसी दिल तो धड़का है मगर होश नहीं जुनून ए ख्वाब से दिल कब बहल जाए तू साथ था मेहरबां था मगर दिल तोड़ कर अचानक ऐसे जुदा हुआ जैसे क़यामत की रात में तन्हाई जल जाए हाल ये की तुझको इक झलक देखने खातिर ख्वाब कब तलक देखूं कोई तो दुआ करे मेरा दिल बहल जाए 🐵मेरी इक और नई ग़ज़ल गम ए ज़िन्दगी🐵 ©Prem Narayan Shrivastava मेरी इक नई ग़ज़ल गम ए ज़िन्दगी #Agnipath
Prem Narayan Shrivastava
हाल ये अर्ज़ ए गम खातिर हम बहाना बना लेते हैं और अपने आंसुओं से दिल्लगी कर मुस्कराना चाहते हैं आप जब मिलते है राह में नजर झुका लेते हैं नजर बचाना आप चाहते हैं और हम नजर मिलाना चाहते हैं गुरूर इतना की खुद को दिल ए बेताब सा समझने लगे हैं और अपने इंतखाब ए नजर से हमें आजमाना चाहते हैं काश ये समझ सकते हर किसी की जिंदगी में वो दिन भी आते हैं दो राही इक मोड़ पे आकर बिछड़ना चाहते हैं अलविदा ऐ मेरी शाहकार नज़्मों की शहजादी उल्फत के कुछ नए तकाजे हैं जो अक्सर हमें तड़पाना चाहते हैं जिस अंधेरी राह पे लाकर हमें छोड़ रहे हो वो राह मेरी दुनियां बदल देगी इसीलिए खुद को बदलना चाहते हैं 😍मेरी इक और ग़ज़ल मिजाज ए तड़पती तमन्नाएं😍 ©Prem Narayan Shrivastava मेरी इक नई ग़ज़ल मिजाज ए तमन्ना #Agnipath