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कवि रोशनलाल "हंस"
जो हमें समझे नही है वो हमें समझा रहे है.. #किंकर्तव्यविमूढ़ #शायर #कवि #कविता #शेर #शायरी #Kavi #Shayar #Kavita #Dayri
Dr Jayanti Pandey
मत चाहो चांद सा रूप सुनहरा खुद कटार और ढाल बनो इस निर्मम दुनिया में जीना है तो अपनी रक्षा स्वयं करो फर्क नहीं पड़ता है किस देश में हो किस वेश में हो सिर्फ इतना ही काफी है कि तुम स्त्री हो, बस देह हो! जीवित रहना है इतने पर भी तो अपनी क्षमता को पहचानो इतनी मुश्किल में यदि जिंदा हो तो अपने संघर्ष को जानो। #एक और निर्भया और किंकर्तव्यविमूढ़ से हम सब #yqdidi #yqhindi #jayakikalamse
Satish Chandra
भ्रष्टाचार एक शिष्टाचार है, वो शिष्टाचार जिसका आपके अंदर होना अनिवार्य है, अनिवार्य यदि आप राजनीतिज्ञ हैं, अनिवार्य यदि आप रणनीतिज्ञ हैं, अनिवार्य यदि आप बिजनेसमैन हैं, अनिवार्य यदि आप निजी तौर पर एक बेहतर भविष्य देखते हैं। भ्रष्ट बनें, सुरक्षित रहें। भ्रष्ट बनें, आलीशान जिंदगी जियें। भ्रष्ट बनें, आजाद रहें। श्रोत :- १) एक नेता की कलम से जो शायद कलमाड़ी को जानता था, २) एक नेता के वायदों से जो शायद रौबर्ट वाद्रा को जानता था, ३) एक नेता के करमों से जो शायद अब्दुल करीम तेलगी को जानता था। ५) एक नेता के विजयी स्वभाव से, जो शायद विजय माल्या को जानता था। #भ्रष्टाचार #YQdidi #राजनीति #रणनीति #बिजनेस #घोटाले यह एक किंकर्तव्यविमूढ़ करने वाली वो दलदल है जिसमें घुसकर देश के लोग देश में ही अराजक
brijesh
बातो को बढ़ाइए रुकिए !! बात मत बढ़ाइये आशंकित है मन पता नही कोई जोर जबरदस्ती है पता नही कुछ दबाव है कुछ अभाव है मन में कुछ करूँ न करूं इस तरह की किंकर्तव्यविमूढ़ता है चलो बात बढ़ाते है चलो बात बिगाड़ते है !! बातो को बढ़ाइए रुकिए !! बात मत बढ़ाइये आशंकित है मन पता नही कोई जोर जबरदस्ती है पता नही
Shree
एक दशक चलना, उठना, बैठना, दूसरे में पढ़ लिख कर बाबू बनना, तीसरे में कर नौकरी, परिवार बना जानना, जीतना, सीखना, रुठना मन्नतें, तोहफा, तहज़ीबें और तमन्ना प्यार और नफ़रत के बीच में टटोलता, कभी मन, कभी तन बैरी है तोलता, निहाल कभी मुहाल, बेहाल, अतृप्त.. मृत-शैय्या की और बढ़ते हर पग-पग, अंतर निरन्तर करके बेहतर पद पर.. हारा आने वाले कल में आज की जीत, यही घिस-घिस फिरता किंकर्तव्यविमूढ़.. अठन्नी की बातें, बेसुरा ये रहा विरहा गाते, प्रेम प्रत्युत्तर बिसरे, हंसे नियती के सन्नाटे! एक दशक चलना, उठना, बैठना, दूसरे में पढ़ लिख कर बाबू बनना, तीसरे में कर नौकरी, परिवार बना जानना, जीतना, सीखना, रुठना मन्नतें, तोहफा, तहज़
SUSHANT KUMAR
खुदा ने ही भेजी है! धरती पे चमकी नाम की ये तबाही, है ऐसा खौफनाक मंज़र मौत का, देख के सभी की आँखे हैं भर आई l यूँ तो आए दिन आते ही रहती है कोई ना कोई तबाही, पर ये बहुत ही मार्मिक है क्यूंकि इसके ज़द मे बच्चों की जिंदगी है आई l उनका हँसता खेलता परिवार टूट कर बिखर रहा है, जिनका दुलारा तिल तिल के मर रहा है l ✍️✍️✍️Read in caption ✍️✍️✍️ #तबाही का मंज़र दर्दनाक हो रहा है, किलकारियाँ कराह मे तब्दील हो रही है l किंकर्तव्यविमूढ़ है वो अभिभावक सभी, जिनका दुलारा तिल तिल के मर रहा
Rupam Jha
मकानों के जंगल में🏘️ मकानों के जंगल में थे वृक्ष कई और उस वृक्ष पर तितर-बितर थे कई लोग। छोटा सा एक वृक्ष दिखा कोने में और उसके सबसे ऊपर की शाखा पर दिखा बंदर की भ
Anjuola Singh (Bhaddoria)
A tribute to one of the greatest sacrifice in history of mankind... We are slowly forgetting that sacrifice for the motherland is the bigg