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Anil Ray
किसी भी राष्ट्र की प्रगति को राष्ट्र में वर्तमान महिलाओं की प्रगति से मापन किया जाना चाहिए। ✍🏻...डॉ. भीमराव अम्बेडकर ©Anil Ray बादशाह-ए-कलम..........✍🏻🙏🏻 दुनिया की प्रत्येक विचारधारा ने लाखों-करोड़ो मानवों का रक्त बहाकर एक रक्तरंजित बाढ में स्वयं के वज़ूद को स्थापित
N S Yadav GoldMine
{Bolo Ji Radhey Radhey} जिस घर में, जिस देश में, जिस जगह सदैव दान-पुण्य, वेद-शास्त्र, का पठन-पाठन, यजन-याजन, व्रत, जप-तप, सयम, आराधना, चिंतन-ध्यान, आदि का पालन होता रहता है, वही धर्म है, वो ही पुण्य आत्मा है। भगवान श्री कृष्ण।। ©N S Yadav GoldMine #navratri {Bolo Ji Radhey Radhey} जिस घर में, जिस देश में, जिस जगह सदैव दान-पुण्य, वेद-शास्त्र, का पठन-पाठन, यजन-याजन, व्रत, जप-तप, सयम
healthdoj
N S Yadav GoldMine
{Bolo Ji Radhey Radhey} अपने कर्म भगवान श्री कृष्ण के लिए करो, फिर कोई भी कर्म गलत नहीं होगा, और अपने कर्म में विश्वास रखो आपको अपनी अपेक्षाओं से सदैव अधिक ही मिलेगा !! ©N S Yadav GoldMine #navratri {Bolo Ji Radhey Radhey} अपने कर्म भगवान श्री कृष्ण के लिए करो, फिर कोई भी कर्म गलत नहीं होगा, और अपने कर्म में विश्वास रखो आपको
Ravindra Singh
हे माँ भवानी हे माता रानी , हे माँ भवानी तूने समझा मुझे, दिल की बात मेरी जानी । मुझको बुलाया तेरे दर पर , दिया आशीर्वाद तेरा बेटा समझ कर । उठाया ज़मीन से ,इस लायक़ बनाया , ज़रूरतें हुई पूरी, माँ तूने रास्ता दिखाया । टूट गया था एक रोज़ मैं माँ , थे दरवाज़े सभी के, मेरे लिये बंद यहाँ । एक तू ही थी जो मेरे साथ खड़ी थी , थामी मेरी अंगुली जब मेरी कठिन घड़ी थी । तेरा उपकार माँ मैं सदैव याद रखूँगा , तेरे बुलाने पर तेरे दरबार आऊँगा ,मैंने है ठानी । हे माता रानी , हे माँ भवानी तूने समझा, दिल की बात मेरी जानी । ©Ravindra Singh #navratri हे माँ भवानी हे माता रानी , हे माँ भवानी तूने समझा मुझे, दिल की बात मेरी जानी । मुझको बुलाया तेरे दर पर , दिया आशीर्वाद तेरा बे
Sangeeta Kalbhor
गोष्ट एका प्रेमाची प्रेमाने मी मांडते प्रेम जोवर लेखणीत लेखणी सुखावते साजरा होतो ऋतू मनामनात काजवा प्रेम भरल्या मनाचा सदैव कौल उजवा नटते धरा नटते अंबर नटते अवघी सृष्टी प्रेम मनात असणाऱ्याची प्रेमळ बनते दृष्टी चराचरात एकची नाद प्रेम पुरुन उरते हाकला कितीही आठवणींना प्रेम स्मरते विठ्ठू माऊलीच्या चरणी प्रेममळा रंगतो वारकरी घेऊनी वीणा जय जय हरीत रंगतो भूक कुठे नि कुठे तहान प्रेम प्रेमात असताना करावी लागत नाही खंत प्रेम शीतलता देताना नात्यांना येते कुंदन रुप बळकटी जाम देते संकट येता एकजूटीने संकटाला दूर नेते लेखणी होती न्हातीधुती साजशृंगार आगळा तो शब्द उमटता काळजावर प्रेमप्रेम सोहळा तो..... मी माझी..... ©Sangeeta Kalbhor गोष्ट एका प्रेमाची प्रेमाने मी मांडते प्रेम जोवर लेखणीत लेखणी सुखावते साजरा होतो ऋतू मनामनात काजवा प्रेम भरल्या मनाचा सदैव कौल उजवा नटते ध
Sarvesh Kumar Maurya
Sanatan Hindu sanskriti
कभी भी व्यक्ति को श्रोता अधिक और वक्ता कम होना चाहिए कारण, वक्ता वही बोलेगा जितना वह जानता है परंतु, श्रोता वही सुनेगा जो उसके लिए सदैव नया ही होगा। ©Sanatan Hindu sanskriti कभी भी व्यक्ति को श्रोता अधिक और वक्ता कम होना चाहिए कारण, वक्ता वही बोलेगा जितना वह जानता है परंतु, श्रोता वही सुनेगा जो उसके लिए सदैव नया
Dr.Vinay kumar Verma
Sangeeta Kalbhor
काळीज तुटता तुटता.. काळीज तुटता तुटता तुटून जातो माणूस का अन् कशासाठी प्रश्नात अडकतो माणूस वहायचे असते आत्मफूल आत्मा नाही सापडत अंधार करुन भवताली अखंड असतो चाचपडत नशीब म्हणून जयाचे लागेबांधे जो जपतो कमनशिबी बनण्याचे खापर तोच पचवतो प्रेम करुनिया वैकुंठी रिक्त ज्याची ओंजळ भाव तयाचे असतात किती किती प्रांजळ हे राम तुम्ही म्हणता मर्यादाचे कर पालन अपनत्व इच्छा मनी अवगुणांचे व्हावे क्षालन कसे आणि कोठून उधार घ्यावयाचे धैर्य जयाच्या मनी सदैव असतच नाही स्थैर्य काळीज असणाऱ्यांचा काळोख दाटून उरतो प्रेम हवे म्हणूनिया प्रेमाचा रोमरोम थरथरतो त्या वेदनेला कुठून यावी ग्लानी शांततेची काळजाला कला अवगत काळीज जोडण्याची..... मी माझी..... ©Sangeeta Kalbhor #hibiscussabdariffa काळीज तुटता तुटता तुटून जातो माणूस का अन् कशासाठी प्रश्नात अडकतो माणूस वहायचे असते आत्मफूल आत्मा नाही सापडत अंधार करुन