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Anjali Srivastav
neelu
Beautiful Moon Night क्या क्या काम करके जाने चाहिए हमको मरने के पहले क्या क्या बात कह कर जानी चाहिए हमको मरने के पहले क्या क्या सोच रख कर जानी चाहिए हमको मरने के पहले कितनी बार मरना चाहिए हमको मरने के पहले कितनी बार जीना चाहिए हमको मरने के पहले कितनी बार रोना चाहिए हमको मरने के पहले कितनी बार हंसना चाहिए हमको मरने के पहले मरने के पहले ©neelu #beautifulmoon क्या क्या काम करके जाने चाहिए हमको मरने के पहले क्या क्या बात कह कर जानी चाहिए हमको मरने के पहले क्या क्या सोच रख कर जानी च
चेतना सिंह 'चितेरी ', प्रयागराज
जितने लोग मशहूर हुए हैं ,पहले लोगों ने उनके अंदर कमियांँ निकाली। लोगों की सुनकर यह लोग बैठ जाते तो शायद, आज इनको अपनी पहचान नहीं मिल पाती। चेतना कहती है प्रकाश से-- हम संघर्ष करेंगे , आखिरी सांँस तक लड़ेंगे, मेरे जीने का यही तरीका है , "स्वयं से लड़ो दूसरों से नहीं ।"__ चेतना प्रकाश चितेरी, प्रयागराज ५/४/२०२४ , ६:२६ अपराह्न ©चेतना सिंह 'चितेरी ', प्रयागराज # स्वयं से लड़ो , दूसरों से नहीं #
Poet Kuldeep Singh Ruhela
ये सिंगनल भी हमको जीवन देते है अपनी लाल हरी लाइटों से हमको नई राह पर ले जाने वाले संकेत देते है ये सिंगनल भी हमको जीवन देते है ©Poet Kuldeep Singh Ruhela #ये सिंगनल भी हमको जीवन देते है अपनी लाल हरी लाइटों से हमको नई राह पर ले जाने वाले संकेत देते है
Ghumnam Gautam
बे e t o ओ ©Ghumnam Gautam #अवसर #स्वयं #प्रश्न #हल #ghumnamgautam
हिमांशु Kulshreshtha
गुलाबी शहतूत से होंठ जिनसे.. एक एक शब्द प्रेम से पगा ऐसे स्फुटित होता था सैकड़ों गुलमोहर जैसे एक साथ झर रहे हों वो शिद्दत याद आ रही है वो आंखे याद आ रहीं हैं ब्रह्मांड के समूचे प्रेम को गूंथ कर भी जो कल्पना में नहीं आ सकतीं वो चितवन... वो अदा.. वो नफासत... पर.. एक पल में झटक देता हूँ अब ..... इस डर से कि.. उसे देखने भर से फिर मोहब्बत ना हो जाए कहीं .. .. उसकी किसी तस्वीर को अब कभी गौर से नहीं देखता वो पर्याय है भूली कविताओं का.. बिसरी स्मृतियों का विसर्जित दुखों का...... विसर्जित.. और त्याज्य का मोह व्यर्थ है उसके लिए बहते आँसू व्यर्थ हैं ये व्यथा व्यर्थ है.... सब...व्यर्थ ही तो है ©हिमांशु Kulshreshtha अब...
Vishakha shrivastav
अंततः चल पड़े हैं हम भी स्वयं की तलाश में...!!! न मंजिल का ठिकाना है ना सफर का कोई खबर...!!! बस इतना पता है चल पड़े हैं!! ©Vishakha shrivastav #स्वयं की खोज
Jyoti Sharma
" हुई रे मैं तो ऐसी पागल, तेरे प्रेम में ना दिखे सवेरा ना दिखे शाम मुझे रे. जब तू माला श्याम का, मैं जपु तेरे नाम का माला, शुद्ध बुद्ध कोई मेरी जाए रे. तू ना समझे मेरा इशारा.. मैं ना चाहती इस प्रेम में पढ़ना, पर अब न जाने क्या हुआ कोई रहूं तुझ मेरे हरजाई।" ©Jyoti Sharma #स्वयं में खोना
Babli Gurjar
ठगा है इस संसार ने मुझे बहुत भोलेबाबा तेरा नाम लेकर तुम स्वयं चले आओगे हैरान मै भी हूं यह जानकर बबली गुर्जर ©Babli Gurjar स्वयं Rama Maheshwari krishna Nîkîtã Guptā Aditya kumar prasad Anuradha Sharma