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Hindi Me Kavya हिन्दी में काव्य
जब चारों ओर अंधकार हो तब समझना कि ये वक्त कि चुनौती है। अब हमें पूरी बुद्धिमत्ता से परिस्थितियों के साथ वर्ताव करना होगा।। ©Hindi Me Kavya हिन्दी में काव्य पूरी बुद्धिमत्ता से...... #lightning #विचार #सच #Quote #thought #Mind #motivate
पूरी बुद्धिमत्ता से...... lightning विचार सच Quote thought Mind motivate
read moreMahi Raj
🌹🙏🙏🙏🙏🌹 *🙏꧁!! सुविचार !!꧂🙏* *बदले की आग दूसरों को कम स्वयं को ज्यादा जलाती है। ब
read moreMahi Raj
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read moreshamawritesBebaak_शमीम अख्तर
तेरी हरकतों में अब मेरे लिए भलाई नहीं है, के तुझमें जो थी वफाई,वो अब मेरे लिए नहीं है//१ कैसे संभालेगा तू खुदको तेरे दिल में जो थी शैदाई,वो अब मेरे लिए नहीं है//२ दिये इल्ज़ाम मेरी सादा दिली पे तूने हरदम तेरे दिल में जो थी नरमाई, वो अब मेरे लिए नहीं है//३ क्यों दूर करता है खुद से मुझे यूं,के जैसे तेरे दिल मे जो थी शनासाई,वो अब मेरे लिए नही है//४ क़ुसूर इसमें तुम्हारा नहीं कुछ,हकीकतन तेरी आँखों में जो थी रोशनाईं,वो अब मेरे लिए नहीं है//५ गर तू अलहदा रिश्ता करेगा,तेरी जो थी ये रुसवाई,वोअब मेरे लिए नहीं है//६ गोया तूने जब से,है फेरी निगाहे,के तेरी जो थी परछाई,वो अब मेरे लिए नही है//७ बहुत आरजू है की तुझमें हो जाऊं मैं फना,करूँ क्या तुझ में जो थी गहराई,वो अब मेरे लिए नहीं है//८ मुझको समझा गया बहुत नादान,मगर तुझमें जो थी दानाई,वो अब मेरे लिए नहीं है//९ तूने जेरे चश्म देखा है मुझको हरसूं,तेरे क़द में जो थी ऊँचाई,वो अब मेरे लिए नहीं है// मगर अब कौन देगा पनाह मुझको,के शमा तुझमें जो थी तवानाई,वो अब मेरे लिए नही है//११ shamawritesBebaak - ©shamawritesBebaak_शमीम अख्तर #lonelynight तेरी हरकतों में अब मेरे लिए भलाई नहीं है,के तुझमें जो थी वफाई,वो अब मेरे लिए नहीं है//१ कैसे संभालेगा तू खुदको तेरा दिल में जो
#lonelynight तेरी हरकतों में अब मेरे लिए भलाई नहीं है,के तुझमें जो थी वफाई,वो अब मेरे लिए नहीं है//१ कैसे संभालेगा तू खुदको तेरा दिल में जो #nojotohindi #Nojotovideoprompt #shamawritesBebaak #NojotoWritingPrompt #NojotoStreak
read moreDivya Joshi
कुछ ख्वाब बस ख्वाब ही रह जाते हैं। समय कितना परिवर्तित कर देता है सब कुछ। इस वक़्त ने मुझसे मेरी स्वतंत्र अभिव्यक्ति छीनी है। उन्मुक्तताएँ लील गया ये। इस वक़्त ने हँसी छीनी है। इसने आत्मविश्वास छीना है। बुद्धिमत्ता से लेकर स्मरण शक्ति जो मेरी सबसे बड़ी विशेषता थी, वो भी छीन ली। इसने जो रिक्तियां भरी हैं, कभी मिट नहीं पाएंगी। मैं जो लिखना चाहती थी वे शब्द, वे भाव इसने छीने और भर दी गहरी नीरसता, उदासी और अनिश्चितताएं। पर हाँ! इतनी नकारात्मकताओं के बावजूद इस वक्त ने मुझमें जो साहस पैदा किया उसके लिए इसकी आभारी हूँ। समर्पण का भाव मुझमें शुरू से रहा, लेकिन इस वक़्त ने मुझमें बसे उस समर्पण भाव को दुगुना किया। इसने रिश्तों की अहमियत बताई और अपने पराए का बोध कराया। इसी वक्त ने बताया कि मैं उतनी कमज़ोर नहीं हूँ, जितना मैं खुद को समझती हूँ। बल्कि हर आँसूं को पोंछ कर चट्टान की तरह हर मुसीबत के सामने खड़े रह जाने की काबिलियत भी है मुझमें। ये वक्त ही है जिसने मुझे बताया कि जितना...... नीचे कैप्शन में पढ़ें... ©Divya Joshi #Time मनकही: एहसान वक्त के कुछ ख्वाब बस ख्वाब ही रह जाते हैं। समय कितना परिवर्तित कर देता है सब कुछ। इस वक़्त ने मुझसे मेरी स्वतंत्र अभिव्य