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Adv. Rakesh Kumar Soni (अज्ञात)
White चुराय लियो, चित गोकुल को चोर.. माखन चोरी मटकी फोरी छैल छबीली ब्रज की गोरी हाय री पड़ गई प्रीत के पाले अब का होइगो मोर..! चुराय लियो....! जमुना तट पे बंशीवट पे कुंज गलिन में वृन्दावन में जित को जाऊँ सब मोहे ताकें घर घर मच गयो शोर..! चुराय लियो....! साँवली सूरत मनहर मूरत श्यामल अलकें कंवल सी पलकें आन बसो है इन नैनन में, बाँको नंदकिशोर..! चुराय लियो....! ©Adv. Rakesh Kumar Soni (अज्ञात) #कान्हा
Radhe Radhe
White मेरे बनवाली तुझसे अथाह प्रित है बतलाऊ कैसे तुमने मुख दिया बोलने को पर शब्द नहीं दिए अनंत प्रेम को समझने का जय श्री राधे ©Radhe Radhe मेरा कान्हा
मेरा कान्हा
read moreAdv. Rakesh Kumar Soni (अज्ञात)
हम भूल गये अपने घर को भगवान तुम्हारा क्या होगा जब मोह की निद्रा सोये रहे सम्मान तुम्हारा क्या होगा हम खोज रहे सुःख भोगों में सच्चे सुःख की पहचान नहीं पापों से धसते जाते हैं पुण्यों को इक सोपान नहीं इस स्वारथ में जीने वाला इंसान तुम्हारा क्या होगा जीवन में धन दौलत चाहा दौलत के मद में फूल गये जिहव्या के रस तो भोग लिये बस ध्यान तुम्हारा भूल गये तन मन को नर्क बना डाला अब भान तुम्हारा क्या होगा हम आलस को आराम कहें हे राम न मुख से आता है ये काया माया के बंधन कब छोड़ इन्हें मन पाता है सुःख दुख की चिंता भारी है गुणगान तुम्हारा क्या होगा ©Adv. Rakesh Kumar Soni (अज्ञात) #राम भजन
#राम भजन
read moreNarendra kumar
साहस भरो प्रभु संघर्ष करूं। नित्य तेरा नाम उत्कर्ष करूं। गाऊं महिमा सदा तेरे नाम का। तेरा ध्यान धरूं तेरा नाम करूं। प्रेम भरों प्रभु जन सेवा करूं। फैलाऊं तेरा कृति तेरा स्तुति करूं। कर्मठ बनु सत्य कर्म करूं। सहास भरो प्रभु संघर्ष करूं। ©Narendra kumar भक्ति भजन
भक्ति भजन
read moreDr. Bhagwan Sahay Meena
#कान्हा सब कहने की बात है पर.... जो जाहिर हो जाए वो दर्द कैसा...?? और जो समझ न सके वो हम दर्द कैसा...?? ©Dr. Bhagwan Sahay Meena कान्हा
कान्हा
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मुझे हो गया भरोसा तुझको ख़बर है मेरी मैं चाहे भूल जाऊँ तुमको फिकर है मेरी अहसास बनके मेरे दिल में करो बसेरा दीदार की पिपासा शामो सहर है मेरी होता है जब अँधेरा तुम बनते हो उजाला तुझको न देख पाती पापी नज़र है मेरी अपना तो न ठिकाना सारे जहाँ में कोई तेरे ही आसरे से चलती गुजर है मेरी जाने क्या हाल होता दर दर की ठोकरों से तूने संभाला जब से घर घर कदर है मेरी अब तक तो थामे रख्खा आगे भी थाम लेना भव से लगा किनारे नैया भँवर है मेरी पहला ही नाम तेरा मेरी जुबाँ पे आये तेरे चरण की दासी सारी उमर है मेरी ©Adv. Rakesh Kumar Soni (अज्ञात) #श्रीकृष्ण भजन
#श्रीकृष्ण भजन
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