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Alok Verma "" Rajvansh "Rasik" ""
दिल और जान से ज्यादा चाहा है उनको, अपने दिल में ही बिठाया है उनको, वो क्या सोचते हैं इसकी फिकर नहीं हमें, बस अपना बना बैठा हूं मैं उनको...! बस अपना बना बैठा हूं मैं उनको...!
kavi Ashwani Mishra
बैठा हूं मैं फिर थका हारा न कोई है हमदम मेरा न ही मोहब्बत का सहारा रह गया बस याद का मंजर उल्फत में ही ये बन गया बेचारा बैठा हूं मैं फिर थका हारा पं अश्वनी कुमार मिश्रा बैठा हूं मैं फिर थका हारा न कोई है हमदम मेरा न ही मोहब्बत का सहारा रह गया बस याद का मंजर उल्फत में ही ये बन गया बेचारा बैठा हूं मैं फिर थका
सुसि ग़ाफ़िल
फूंक दिया पुतले तुमने राम बनकर अंदर अब भी बैठा हूं , मैं तुम्हारे शैतान बनकर हां रावण हूं मैं रावण सुन लो कान भर कर !! फूंक दिया पुतले तुमने राम बनकर अंदर अब भी बैठा हूं , मैं तुम्हारे शैतान बनकर हां रावण हूं मैं रावण सुन लो कान भर कर !!
Gαυƚαɱ Rαʝ
जो तुझमें भूल बैठा हूं मैं खुदको तो अब , खुदको पाने के लिए मुझे तुझको पाना होगा | ©Gαυƚαɱ Rαʝ ये दिल अब विरान हो गया है , अब ये बस तेरा मोहताज है | - जो तुझमें भूल बैठा हूं मैं खुदको तो अब , खुदको पाने के लिए मुझे
Anwar Ali
Anwar Ali
Nagvendra Sharma( Raghu)
अपने अहसासों की गठरी बांधे बैठा हूं, मैं अपनी ही लाश के सिरहाने बैठा हूं, करके कत्ल रुह का अपने हाथों से, मैं लेकर खंजर हाथ में सीना ताने बैठा हूं, भुला के पैमाने अपनी चाहत के सारे, मैं अपने ही ख्वाबों को जलाने बैठा हूं, करके हवाले सारी खुशियों को तेरे, मैं अपने ग़मों का महल सजाने बैठा हूं ।। अपने अहसासों की गठरी बांधे बैठा हूं, मैं अपनी ही लाश के सिरहाने बैठा हूं, करके कत्ल रुह का अपने हाथों से, मैं लेकर खंजर हाथ में सीना ताने ब
Rabindra Kumar Ram
*** ग़ज़ल *** *** वो बातें *** " वो बातें अब कहां हो रही , वो मुलाक़ाते अब कहा हो रही , जो कटती नहीं थी रही रातें , तेरे उन गुपचुप बातों की तरह , तसव्वुर कर के बैठा हूं मैं , अब इत्मीनान की इन्तहा हो रही हैं , मुन्तजिर हु अब इन ख़्यालो का , कि कोई शख्स मिली थी हमें , वो बातें अब कहां हो रही , वो मुलाक़ाते अब कहा हो रही , गुमसुम गुमनाम हो गई अब वो , उसके मुन्तजिर की इन्तहा हो गई , घड़ीया कट तो रही ये सिलसिला मुसलसल हो गई , याद तो आई पर कोई बात कही बात , फिर कहीं किसी जज़्बात पे रुक गई . " --- रबिन्द्र राम ©Rabindra Kumar Ram *** ग़ज़ल *** *** वो बातें *** " वो बातें अब कहां हो रही , वो मुलाक़ाते अब कहा हो रही , जो कटती नहीं थी रही रातें , तेरे उन गुपचु
Sunsa Kerapa
Creativity is not just a thought “ It's the best weapon in life ” Creativity is not just a thought It's the best weapon in life अधूरा अधूरा यह सावन लगे ... भीगके पानी से मन ना लगे .... अधूरा अधूरा ( 3 ) ब
सुसि ग़ाफ़िल
मैं जाते जाते एक बात कहता हूं मैं जिस स्थान से उठा हूं मैं वहीं बैठा हूं मैं जा रहा हूं तुम समझो मेरी बात मैं वहीं मिलूंगा जहां से उठा हूं | रेत की चादर लोहे की पत्तियां जंग की जमाखोरी सूखी घास दूर घूमता हुआ प्रतीत होता है अकेला पंखा रेगिस्तान में मध्य रात्रि के पर खाने की त