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Sikho Jii
हर हर महादेव ©Sikho Jii #Bhakti #God हर हर महादेव..... हर हर महादेव
सचिन
ॐ नमः पार्वती पतये हर-हर महादेव। पाप,अधर्म, दुख, काम, क्रोध, लोभ, मोह को करके स्वाहा। चले बारात, है हमारे श्मशान राजा का विवाह। ©सचिन #mahashivaratri हर हर महादेव हर हर महादेव
#mahashivaratri हर हर महादेव हर हर महादेव
read more@priya
वीणा की धुन से हो हर मन पावन, ज्ञान से चमके हर छात्र का जीवन। मां सरस्वती की आए ऐसी कृपा, बने हर सपना साकार और अपना। ©@priya वीणा की धुन से हो हर मन पावन, ज्ञान से चमके हर छात्र का जीवन। मां सरस्वती की आए ऐसी कृपा, बने हर सपना साकार और अपना।#puja
वीणा की धुन से हो हर मन पावन, ज्ञान से चमके हर छात्र का जीवन। मां सरस्वती की आए ऐसी कृपा, बने हर सपना साकार और अपना।#puja
read moreMasum Ahamed
White being human ©Masum Ahamed कर्म का कोई मेन्यू नहीं होता, जो आप सर्व करेंगे, वहीं आप डिज़र्व करेंगे। #positive
कर्म का कोई मेन्यू नहीं होता, जो आप सर्व करेंगे, वहीं आप डिज़र्व करेंगे। #positive
read moreNeeraj Vats
White हर होंठ की अपनी प्यास है हर प्यास का अपना पानी है। हर शख्स का अपना किरदार है हर किरदार की अपनी कहानी है।। ©Neeraj Vats #weather_today #GoodMorning #good_morning #good_morning_quotes #goodvibes हर होंठ की अपनी प्यास है हर प्यास का अपना पानी है। हर शख्स का
#weather_today #GoodMorning #good_morning #good_morning_quotes #goodvibes हर होंठ की अपनी प्यास है हर प्यास का अपना पानी है। हर शख्स का
read moreअनिल कसेर "उजाला"
White झूठों के शहर में वचन का क्या करेंगे, भूख से जो मरे वो धन का क्या करेंगे। बेसरम पौधों के जैसे उग आते कहीं भी, ऐसे बे-इमानों के जीवन का क्या करेंगे। ©अनिल कसेर "उजाला" क्या करेंगे
क्या करेंगे
read moreनिर्भय चौहान
a-person-standing-on-a-beach-at-sunset ये अजनबी से रास्ते अब अपने लगते हैं। ये देवदार तने हुए हैं जैसे प्रहरी हो प्रेम के। बर्फीली हवाओं में सिमटा जिस्म तेरे ख्वाब देख कर, कश्मीरी सिगरी की गर्माहट पा रहा है। ऐसे में तुमसे गुजारिश है कि न मत कहना। वरना डल झील के शिकारों पर मोहब्बत तनहा कैसे बैठेगी। या कौन पियेगा कहवा । चांदनी रात में श्वेत निर्मल पहाड़ पे चांद क्यों देखेगा कोई। जब तुम न होगी साथ उसे चिढ़ाने को। एक बेदाग हुस्न लिए धड़कनों का गीत हो जाना तुमने सीखा है कहां से पत्थर को मोम बनाना। कोई जादू है, तो हो मगर अच्छा लगता है। तुम,तुम्हारा साथ,और ये एहसास बस सच्चा लगता है। ऐसा लगता है कि अब फिर से सुबह हो रही है। ऐसा लगता है कि फिर से शाम सुकून लाई है। सहमी सहमी सी उम्मीदों को हौंसला मिल रहा है। जैसे नन्हे परिंदे को नया घोंसला मिल रहा है। सुबह शबनम की बूंद में जैसे तारे समाए हों, सुदूर अंधेरे सागर में किसी कश्ती पे बैठे मछुआरे ने दिया जलाया हो, अपनी तनहाई को बांटने के लिए। जैसे ऑफिस की एक चाय बांट लेती है , तुम्हारे साथ मेरी खुशी। मैं भी बांटना चाहता हूँ तुमसे जिंदगी अपनी। घर की दहलीज पे दिखता है मुझसे शुभ्र कलश। और तेरे पांव में महावर भी। खनकते कंगनों की बीच तेरे पायलों का गीत है, और तेरी छोटी सी नाक नहीं आती बीच में, जब अधर एकसार हो रहे होते है। मेरी आंखों पे तेरा चेहरा और मेरे घर के खुले दरवाजे पे परदा झूल गया है।। ©निर्भय चौहान #SunSet Vandan sharma katha(कथा) mahi singh करम गोरखपुरिया
#SunSet Vandan sharma katha(कथा) mahi singh करम गोरखपुरिया
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